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फेड गवर्नर लिसा कुक पर गिरी ट्रंप की गाज, एक झटके में किया बर्खास्त; जानिए क्या है विवाद

डोनाल्ड ट्रम्प का यह फैसला अमेरिकी इतिहास में एक बड़ा मोड़ माना जा रहा है. एक ओर यह मामला राजनीतिक हस्तक्षेप और फेड की स्वायत्तता पर सवाल उठाता है, तो दूसरी ओर कानूनी रूप से यह परीक्षण करेगा कि "for cause" बर्खास्तगी की परिभाषा क्या है. अगर यह मामला कोर्ट में गया, तो इसके नतीजे आने वाले वर्षों तक फेड और अमेरिकी प्रशासन के संबंधों को प्रभावित कर सकते हैं.

Trump / Lisa Cook

Donald Trump: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने फेडरल रिजर्व की गवर्नर लिसा कुक को उनके पद से हटा दिया है. इस फैसले की जानकारी ट्रम्प ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म "ट्रुथ सोशल" पर दी. लिसा कुक को मई 2022 में तत्कालीन राष्ट्रपति जो बाइडेन ने फेडरल रिजर्व के बोर्ड में नियुक्त किया था. वे इस बोर्ड की पहली अश्वेत महिला गवर्नर बनी थीं और उनकी नियुक्ति 2038 तक के लिए थी. लेकिन ट्रम्प के इस कदम ने अब अमेरिकी केंद्रीय बैंक की स्वतंत्रता और राजनीतिक दखल पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है. कई विशेषज्ञों का मानना है कि यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक जा सकता है.

मॉर्गेज फ्रॉड के आरोप बने बर्खास्तगी की वजह

लिसा कुक को हटाने का कारण एक कथित मॉर्गेज फ्रॉड (गृह ऋण में धोखाधड़ी) को बताया जा रहा है. ये आरोप फेडरल हाउसिंग फाइनेंस एजेंसी (FHFA) के डायरेक्टर बिल पुल्टे ने लगाए, जो ट्रम्प के समर्थक माने जाते हैं. पुल्टे का आरोप है कि साल 2021 में कुक ने मिशिगन में एक घर खरीदा और उसे अपने "प्रिंसिपल रेजिडेंस" यानी मुख्य घर के रूप में घोषित करके कम ब्याज दर पर लोन लिया. लेकिन ठीक एक महीने बाद उन्होंने अटलांटा में एक और घर खरीदा और उस पर भी यह दावा किया कि वह उनका मुख्य निवास है. जबकि एक व्यक्ति एक ही समय में दो जगहों को “मुख्य निवास” नहीं बता सकता. अगर कोई व्यक्ति ऐसा करता है तो इसे मॉर्गेज धोखाधड़ी माना जाता है. पुल्टे ने सवाल उठाया कि जो महिला ब्याज दरों में फायदा उठाने के लिए गलत जानकारी दे रही है, वो देश की मौद्रिक नीतियों और ब्याज दरों पर कैसे फैसला कर सकती है?

ट्रम्प ने पहले इस्तीफा माँगा, फिर हटाया

इस विवाद के बाद पुल्टे ने 20 अगस्त को अमेरिकी न्याय विभाग (DOJ) को एक क्रिमिनल शिकायत भेजी. इसके बाद DOJ के वकील ने फेड चेयरमैन जेरोम पॉवेल को पत्र लिखकर कुक को तुरंत हटाने की मांग की. ट्रम्प ने भी इस मुद्दे को गंभीर बताते हुए 22 अगस्त को कुक से इस्तीफा माँगा और चेतावनी दी कि अगर उन्होंने इस्तीफा नहीं दिया, तो उन्हें हटाया जाएगा. लिसा कुक ने इस्तीफा देने से इनकार किया और कहा कि वे किसी ट्वीट या राजनीतिक दबाव में इस्तीफा नहीं देंगी. उन्होंने यह भी कहा कि वह इन आरोपों पर तथ्यों के साथ जवाब देने के लिए तैयार हैं. लेकिन ट्रम्प ने उनके जवाब का इंतजार किए बिना 26 अगस्त को उन्हें पद से बर्खास्त कर दिया.

कुक बोलीं - मैं झूठे आरोपों से नहीं डरती

लिसा कुक ने कहा कि यह मामला उनके फेड में शामिल होने से पहले का है और यह केवल एक पुराने मॉर्गेज एप्लिकेशन से जुड़ा है. उन्होंने इसे राजनीति से प्रेरित बताया और कहा कि वे अपने ऊपर लगे आरोपों को गंभीरता से ले रही हैं, लेकिन बिना उचित प्रक्रिया के उन्हें हटाया जाना गलत है. उनका कहना है कि वे सभी जरूरी दस्तावेज जुटा रही हैं ताकि साफ-साफ साबित कर सकें कि उन्होंने कुछ गलत नहीं किया.

क्या राष्ट्रपति हटा सकते हैं फेड गवर्नर?

फेडरल रिजर्व एक्ट, 1913 के अनुसार, राष्ट्रपति केवल "उचित कारण" (for cause) के आधार पर ही किसी गवर्नर को हटा सकता है. ये कारण गंभीर गलत आचरण या भ्रष्टाचार जैसे मामलों से जुड़े होने चाहिए. कानूनी विशेषज्ञों का मानना है कि अभी तक लिसा कुक के खिलाफ कोई अदालत में साबित आरोप नहीं है, इसलिए उन्हें इस तरह से हटाना कानूनन चुनौतीपूर्ण हो सकता है. कोलंबिया लॉ स्कूल और यूनिवर्सिटी ऑफ पेनसिलवेनिया के प्रोफेसर भी मानते हैं कि यह मामला कोर्ट में लंबा खिंच सकता है.

ट्रम्प को मिलेगा बोर्ड में और नियंत्रण

लिसा कुक को हटाने के बाद ट्रम्प को फेडरल रिजर्व बोर्ड में एक नई नियुक्ति का अवसर मिल गया है. इस सात सदस्यीय बोर्ड में फिलहाल दो गवर्नर - क्रिस्टोफर वालर और मिशेल बोमैन - ट्रम्प द्वारा नियुक्त हैं. हाल ही में एक अन्य गवर्नर, एड्रियाना कुगलर के इस्तीफे के बाद ट्रम्प ने अपने आर्थिक सलाहकार स्टीफन मिरान को उस पद के लिए नामित किया है. अब अगर लिसा कुक की जगह भी ट्रम्प किसी अपने समर्थक को नियुक्त करते हैं, तो बोर्ड में बहुमत ट्रम्प के पक्ष में हो सकता है. इससे उन्हें अमेरिकी मौद्रिक नीति और ब्याज दरों पर अधिक नियंत्रण मिल सकता है, जो एक बड़ा राजनीतिक और आर्थिक बदलाव होगा.

क्या फेड की स्वतंत्रता खतरे में?

डोनाल्ड ट्रम्प का यह फैसला अमेरिकी इतिहास में एक बड़ा मोड़ माना जा रहा है. एक ओर यह मामला राजनीतिक हस्तक्षेप और फेड की स्वायत्तता पर सवाल उठाता है, तो दूसरी ओर कानूनी रूप से यह परीक्षण करेगा कि "for cause" बर्खास्तगी की परिभाषा क्या है. अगर यह मामला कोर्ट में गया, तो इसके नतीजे आने वाले वर्षों तक फेड और अमेरिकी प्रशासन के संबंधों को प्रभावित कर सकते हैं.

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