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ईरान को मिलने जा रहा अगला सुप्रीम लीडर! कौन हैं मोजतबा जिनके नाम पर लग सकती है मुहर?

कौन हैं मोजतबा जिनके नाम पर ईरान के अगले सुप्रीम लीडर के पद पर लग सकती है मुहर?

18 Nov, 2024
( Updated: 18 Nov, 2024
04:26 PM )
ईरान को मिलने जा रहा अगला सुप्रीम लीडर! कौन हैं मोजतबा जिनके नाम पर लग सकती है मुहर?

ईरान को जल्द ही अगला सुप्रीम लीडर मिल सकता है। दुनिया के सबसे बड़े इस्लामिक देशों में से एक ईरान इस वक्त इजरायल के साथ युद्ध की वजह से चर्चाओं में है। बता दें कि ईरान के अगले सुप्रीम लीडर के पद पर जिस नाम की मुहर लगने जा रही है। उसे सुनकर हर कोई हैरान है। खबरों के मुताबिक अयातुल्लाह अली खामेनेई द्वारा अपने बेटे मोजतबा को उत्तराधिकारी बनाए जाने की खबर इस वक्त खूब चर्चाओं में है।

मोजतबा के उत्तराधिकारी बनाए जाने पर ईरान की शासन व्यवस्था और उसके भविष्य पर कई तरह के सवाल उठने शुरू हो गए हैं। तो चलिए आपको बताते हैं कि आखिर कौन है मोजतबा खामेनेई? जिनको ईरान का अगला सुप्रीम लीडर बनाया जा सकता है। 

कौन है मोजतबा खामेनेई? 

आपको बता दें कि मोजतबा खामेनेई अयातुल्लाह अली खामनेई के दूसरे बेटे हैं। इनका जन्म 8 सितंबर 1969 को ईरान में हुआ था। धर्मशास्त्र की पढ़ाई करने के बाद इन्होंने मौलवी की पढ़ाई की। इनकी पहचान देश और दुनिया में एक धार्मिक और राजनीतिक व्यक्ति के रूप में है। कई बड़े नेताओं के ऑफिस में इन्होंने कमांडिंग ऑफिसर की भूमिका निभाई है। यही वजह है कि उन्हें अपने पिता के संभावित उत्तराधिकारी पद के रूप में तैनात किया गया है। दरअसल, ईरान के राष्ट्रपति की मौत के बाद मोजतबा ही ऐसी व्यक्ति हैं। जो इस पद के दावेदार हैं। 

ईरान-इराक युद्ध में भी सेवा की 

एक रिपोर्ट के मुताबिक मोजतबा 1987 में अपना माध्यमिक विद्यालय समाप्त करने के बाद IRGC में शामिल हुए थे। 1980 से लेकर 1988 के बीच ईरान-इराक युद्ध में भी इन्होंने अपनी सेवा दी थी। उस दौरान युद्ध ने ईरान को पूरी तरीके से बर्बाद कर दिया था। दरअसल, उस दौरान ईरान सरकार को उम्मीद  थी कि इराक से युद्ध कर बढ़त हासिल किया जा सकता है। लेकिन संयुक्त राष्ट्र की मध्यस्थता की वजह से ईरान को युद्ध से विराम लेना पड़ा।

मोजतबा ने ईरान के मौलवियों के साथ मजबूत संबंध स्थापित किए

बता दें कि 21वीं सदी की शुरुआत में मोजतबा ने केवल IRGC के भीतर बल्कि ईरान के शीर्ष मौलवियों के साथ भी मजबूत संबंध बन गए थे। उनकी भागीदारी ने शक्तिशाली नेटवर्क को बढ़ाया। वहीं साल 2009 में मोजतबा ने ईरान में सरकार विरोधी प्रदर्शनों को दबाने में प्रमुख भूमिका निभाई थी। मोजतबा को कट्टरपंथी नेतृत्व की छवि मिली है।

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