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ईरान ने भारत के खिलाफ उगला था ज़हर, क्वाड समिट में भारत के साथ खड़े दिखे दोस्त

QUAD यानि क्वाड्रिलेटरल सिक्योरिटी डायलॉग समिट में भारत के खिलाफ बोलने वाले ईरान को QUAD सदस्य देशों ने धो डाला। साथ ही उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन की निंदा की।

Created By: NMF News
23 Sep, 2024
( Updated: 06 Dec, 2025
03:58 AM )
ईरान ने भारत के खिलाफ उगला था ज़हर, क्वाड समिट में भारत के साथ खड़े दिखे दोस्त
पड़ोसी मुल्क Pakistan और अपने घर में मुस्लिमों पर अत्याचार करने फिर भारत के मुस्लिमों का हितैशी बनने की कोशिश करने वाले ईरान को तगड़ी लताड़ लगी है। दोनों को भारत के खिलाफ साजिश रचने और जहर उगलने की लिए भारत के दोस्तों ने फटकार लगाई है। और इस फटकार के बाद खासकर ईरान का मुंह बंद होगा। वो सोच रहा होगा कि उसने गलती की है। गलती। नए भारत के खिलाफ मुंह खोलने की। गलती। दुनिया की नई माहाशक्ति बनने की ओर आगे बढ़ रहे भारत को आंख दिखाने की।लेकिन अब शायद ईरान की ये आखिरी गलती थी भारत के खिलाफ बोलने की क्योंकि QUAD यानि क्वाड्रिलेटरल सिक्योरिटी डायलॉग समिट में भारत के खिलाफ बोलने वाले ईरान को QUAD सदस्य देशों ने धो डाला।साथ ही उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन की निंदा की दरअसल, क्वाड समिट 2024 अमेरिका के डेलावेयर में हो रहा है। क्वाड मीटिंग में चार देशों अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के शीर्ष नेताओं ने भाग लिया इस बैठक में QUAD सदस्य देशों ने रूस का नाम लिए बिना QUAD ने यूक्रेन में शांति बहाल करने को लेकर अपना बयान जारी किया है।


 बता दें कि रूस को यूक्रेन के साथ जंग लड़ने के लिए ईरान पाबंदियों के बाद भी हथियार सप्लाई करता है। हाल के दिनों में ईरान ने भारत के खिलाफ जहर उगला था। ऐसे में क्वाड का बयान काफी अहम है। बता दें कि ईरान के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने 16 सितंबर को गाजा और म्यांमार के साथ ही भारत को भी उस लिस्ट में शामिल किया था, ”जहां मुसलमान खराब परिस्थितियों से जूझ रहे हैं.” हम ख़ुद को मुसलमान नहीं मान सकते अगर हम म्यांमार, गाजा, भारत या किसी भी दूसरी जगह पर मुसलमानों की झेली जा रही पीड़ा से बेख़बर हैं” ऐसे में क्वाड द्वारा जारी किया गया बयान भारत के पक्ष में जा रहा है। 

इसके अलावा। क्वाड देशों के नेताओं ने उत्तर कोरिया द्वारा परमाणु हथियारों की निरंतर खोज और उसके द्वारा बार-बार बैलिस्टिक मिसाइल प्रक्षेपण की निंदा की है। साथ ही “कोरियाई प्रायद्वीप के पूर्ण परमाणु निरस्त्रीकरण” के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताई. बता दें कि उत्तर कोरिया लगातार जापान की सीमा के आसपास बैलिस्टिक मिसाइल का टेस्ट करता रहता है। QUAD ने अपने संयुक्त बयान में कहा ।”हम उन देशों के बारे में गहरी चिंता व्यक्त करते हैं जो उत्तर कोरिया के साथ सैन्य सहयोग बढ़ा रहे हैं, जो सीधे तौर पर वैश्विक अप्रसार व्यवस्था को कमजोर करता है” 

इसमें रूस पर निशाना साधा गया, जिसने हाल ही में उत्तर कोरिया के साथ सैन्य सहयोग बढ़ाया है। वहीं कहीं न कहीं इस बयान से पाकिस्तान को भी निशाना बनाया गया जिसने परमाणु शक्ति बनाने में उत्तर कोरया की मदद की थी। वहीं क्वाड नेताओं ने संयुक्त बयान जारी कर कहा कि हम आतंकवाद और हिंसक उग्रवाद की सभी रूपों और अभिव्यक्तियों में स्पष्ट रूप से निंदा करते हैं, जिसमें सीमा पार आतंकवाद भी शामिल है। आगे कहा कि हम ऐसे आतंकवादी हमलों के अपराधियों के लिए जवाबदेही को बढ़ावा देने के लिए मिलकर काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम मुंबई और पठानकोट और 9/11 के हमलों सहित आतंकवादी हमलों की निंदा करते हैं। इसके साथ ही  कवाड नेताओं ने कहा कि हम पूर्वी और दक्षिण चीन सागर की स्थिति को लेकर गंभीर रूप से चिंतित है।

सभी तरह के आतंकवाद की निंदा। 26/11, पठानकोट आतंकी हमले और 9/11 हमलों का जिक्र किया

क्वाड क्या है, ये कैसे बना ? 


क्वाड यानि वाड्रिलेटरल सिक्योरिटी डायलॉग समिट ये समूह के बनने की कहानी साल 2004 से शुरू हुई। 2004 में जब सुनामी में जापान और भारत समेत कई देशों में लाखों लोगों की मौत होने के बाद कई देशों की मदद के लिए भारत, अमेरिका, आस्ट्रेलिया और जापान ने एक ग्रुप बनाया था. यही समूह आगे चलकर क्वाड बन गया ।क्वाड के गठन की पहल भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने की थी। बातचीत होते-होते साल 2007 में क्वाड का गठन हुआ। यह वो समय था जब चारों देशों की पहली बार औपचारिक रूप से मीटिंग हुई थी। हालांकि बाद में इन देशों के साथ चीन के दोस्ताना रवैये के चलते क्वाड लगभग बंद हो गया। 2017 तक क्वाड के देशों के साथ चीन रिश्ते खराब होने लगे। तब फिर से क्वाड को खड़ा होने का मौका मिला ।2017 में मनिला में आसियान देशों की बैठक हुई। मनिला में ASIAN देशों के अलावा एक और मीटिंग क्वाड देशों की हुई। इसमें भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, जापान के पीएम शिंजो अबे और ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री मेलकॉम टर्नबुल ने हिस्सा लिया। इसके बाद साल 2021 में क्वाड के देशों की मीटिंग हुई। तब से क्वाड शिखर सम्मेलन जारी है। इस साल 2024 में क्वाड शिखर सम्मेलन अमेरिका के डेलावेयर में हो रहा है।

 भारत के लिए क्यों जरूरी है क्वाड?


भारत के लिए Quad Summit महत्वपूर्ण है क्योंकि यह चीन के बढ़ते आर्थिक और सैन्य प्रभाव के प्रति एक सामूहिक प्रतिक्रिया है। यह संवाद भारत को अपने पड़ोसी देशों के साथ संबंधों को मजबूत करने और क्षेत्रीय सुरक्षा को बढ़ावा देने में मदद करता है। इसके अलावा, Quad Summit भारत को अपनी आर्थिक और सैन्य क्षमताओं को बढ़ाने में मदद करता है, जिससे वह चीन के साथ प्रतिस्पर्धा कर सके।

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