PM मोदी के ब्राज़ील दौरे से पहले भारत ने बदला रुख, BRICS के साथ मिलकर ईरान हमले की निंदा, जानिए पूरा मामला
ईरान-इज़रायल तनाव पर भारत ने बदला रुख. BRICS के साझा बयान में भारत ने हमलों को "अंतरराष्ट्रीय कानून और संयुक्त राष्ट्र चार्टर का उल्लंघन" बताया. बता दें कि दस दिन पहले SCO के बयान से अलग रहने वाला भारत अब BRICS के साथ खड़ा दिखा, संकेत दिया कि इस मुद्दे पर वह सामूहिक कूटनीति को तरजीह दे रहा है.

ईरान और इजरायल के बीच जारी तनाव को लेकर भारत ने अब अपना रुख स्पष्ट कर दिया है. भारत ने BRICS देशों के साथ मिलकर ईरान पर हुए इजरायली हमलों की निंदा की है. BRICS समूह ने इन हमलों को 'अंतर्राष्ट्रीय कानून और संयुक्त राष्ट्र चार्टर का उल्लंघन' करार दिया है.
दरअसल, करीब दस दिन पहले भारत ने शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के उस संयुक्त बयान से खुद को अलग कर लिया था, जिसमें इजरायल द्वारा किए गए सैन्य हमलों की आलोचना की गई थी. तब भारत ने निष्पक्ष रुख अपनाया था, लेकिन अब BRICS के साथ खड़े होकर भारत ने स्पष्ट संकेत दे दिया है कि वह इस मुद्दे पर सामूहिक कूटनीतिक रुख को प्राथमिकता दे रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 5-6 जुलाई को ब्राजील के रियो डि जेनेरो में आयोजित होने वाले BRICS शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने वाले हैं. इस सम्मेलन में वैश्विक मुद्दों पर चर्चा के साथ-साथ पश्चिम एशिया में बढ़ते तनाव पर भी विचार किए जाने की संभावना है. इस बीच, ईरान ने भारत के उन नागरिकों, राजनीतिक दलों और संस्थाओं का आभार जताया है जिन्होंने संकट की इस घड़ी में ईरान का समर्थन किया. यह बयान इजरायल और ईरान के बीच चल रही जंग में अमेरिका की एंट्री के बाद सामने आया है. हालाँकि अब दोनों देशों के बीच युद्धविराम लागू है.
साझा बयान में अंतरराष्ट्रीय कानून के उल्लंघन की बात
BRICS देशों ने ईरान पर 13 जून 2025 को हुए सैन्य हमलों को लेकर गहरी चिंता जाहिर की है. एक संयुक्त बयान जारी कर BRICS समूह ने इन हमलों को अंतरराष्ट्रीय कानून और संयुक्त राष्ट्र चार्टर का उल्लंघन करार दिया है. BRICS का कहना है कि ऐसे हमलों से मध्य पूर्व में तनाव और अस्थिरता बढ़ सकती है, जिससे वैश्विक शांति को खतरा पैदा हो सकता है. संयुक्त बयान में BRICS ने सभी संबंधित पक्षों से संयम बरतने और क्षेत्र में शांति बनाए रखने की अपील की है. समूह ने कहा कि ईरान पर हुए हमले न केवल क्षेत्रीय स्थिरता के लिए खतरनाक हैं, बल्कि यह वैश्विक कानून व्यवस्था की भावना के भी खिलाफ हैं. बयान में यह भी कहा गया कि इस तरह की कार्रवाइयों से मध्य पूर्व की नाजुक स्थिति और बिगड़ सकती है, जो पहले से ही कई तरह के संघर्षों और मानवीय संकटों से जूझ रहा है.
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BRICS ने सुरक्षा के उपाय पर दिया ज़ोर
ईरान में न्यूक्लियर साइट्स पर हुए हमलों को लेकर BRICS देशों ने गहरी चिंता व्यक्त की है. BRICS ने अपने संयुक्त बयान में कहा है कि ऐसे हमले न केवल क्षेत्रीय बल्कि वैश्विक सुरक्षा के लिए भी गंभीर खतरा हैं. समूह ने ज़ोर देते हुए कहा कि परमाणु सुरक्षा से जुड़े सभी अंतरराष्ट्रीय मानकों और उपायों का हर हाल में पालन किया जाना चाहिए. समूह ने अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को बनाए रखने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराते हुए सभी पक्षों से संयम बरतने और तनाव को टालने की अपील की. BRICS ने यह भी कहा कि संवेदनशील परमाणु स्थलों को किसी भी तरह के सैन्य हमलों से बचाना अंतरराष्ट्रीय समुदाय की सामूहिक जिम्मेदारी है.
PM मोदी BRICS शिखर सम्मेलन में होंगे शामिल
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जल्द ही ब्राजील के रियो डि जेनेरो में होने वाले BRICS शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए रवाना होंगे. यह सम्मेलन 5-6 जुलाई को आयोजित होने वाला है, जिसमें दुनिया भर के प्रमुख नेता शामिल होंगे. सम्मेलन का उद्देश्य वैश्विक चुनौतियों पर विचार-विमर्श करना और सामूहिक समाधान तलाशना है. इस बीच, ईरान ने मुश्किल समय में भारत द्वारा दिए गए समर्थन के लिए आभार जताया है. ईरान ने कहा है कि भारत हमेशा संकट की घड़ी में उसके साथ खड़ा रहा है. ईरानी अधिकारियों ने भारत के नागरिकों, राजनीतिक दलों और विभिन्न संस्थानों के प्रति आभार जताया है, जिन्होंने हालिया संघर्ष के दौरान ईरान के प्रति सहानुभूति और समर्थन दिखाया.
बताते चलें कि प्रधानमंत्री मोदी की ब्राजील यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब मध्य पूर्व में तनाव अपने चरम पर है और BRICS देश इस क्षेत्र में स्थिरता बहाल करने के प्रयासों में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं. सम्मेलन में ईरान-इजरायल तनाव, वैश्विक आर्थिक अस्थिरता, और वैश्विक दक्षिण के लिए विकास की रणनीतियों जैसे मुद्दे प्रमुख एजेंडा में रहेंगे.