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उत्तरकाशी त्रासदी को धर्म से जोड़कर सपा नेता ने दिया विवादित बयान तो मौलाना ने लगा दी क्लास, कहा- आपदा को हिंदू-मुस्लिम का रंग न दें

समाजवादी पार्टी के पूर्व सांसद एसटी हसन ने उत्तरकाशी त्रासदी पर बयान देते हुए कहा कि जब ऊपर वाला अपना हिसाब करता है तो आदमी कहीं से भी अपने आप को नहीं बचा पाता. इसपर मौलाना शहाबुद्दीन ने उनकी क्लास लगाते हुए कहा कि आपदा को आपदा की नजर से देखना चाहिए. इस आपदा को हिंदू मुस्लिम का रंग न दिया जाए.

सपा नेता एसटी हसन

5 अगस्त को हुई उत्तरकाशी में बादल फटने की घटना ने उत्तराखंड ही नहीं पूरे देश को नम कर दिया. इस घटना के बाद जहां एक तरफ उत्तराखंड सरकार लोगों को राहत पहुंचाने में जुटी हुई है, वहीं दूसरी तरफ सपा के नेता ने इसे धर्म से जोड़कर इसपर राजनीति की शुरुआत कर दी है. समाजवादी पार्टी के पूर्व सांसद एसटी हसन का एक विवादित बयान दिया जिसमें इस आपदा को धर्म से जोड़ते हुए उन्होंने कहा कि जब ऊपर वाला अपना हिसाब करता है तो आदमी कहीं से भी अपने आप को नहीं बचा पाता. सपा नेता के इस बयान की कड़ी आलोचना हो रही है.

दरअसल समाजवादी पार्टी के पूर्व सांसद एसटी हसन ने उत्तरकाशी में आई आपदा को धर्म से जोड़ते हुए कहा कि उत्तराखंड में और हिमाचल प्रदेश में दूसरे के मजहब का कोई भी सम्मान नहीं हो रहा है. उन्होंने कहा कि क्या दुनिया को चलाने वाला कोई और है. इसके आगे हसन कहते हैं कि जब ऊपर वाले का इंसाफ होता है तो फिर आदमी कहीं से भी अपने आप को नहीं बचा पाता है.

मौलाना शहाबुद्दीन ने कहा- हिंदू मुस्लिम का रंग न दिया जाए...
ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन ने एसटी हसन के बयान की आलोचना करते हुए कहा कि आपदा को आपदा की नजर से देखना चाहिए. इस आपदा को हिंदू मुस्लिम का रंग न दिया जाए. उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी के नेता एसटी हसन ने इसको हिंदू मुस्लिम का रंग दे दिया, जो बिल्कुल गलत है.

ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन सपा नेता के बयान को लेकर कहते हैं कि उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में जो आफत आई है, इससे न जाने कितने लोगों को भारी नुकसान हुआ है. उन्होंने कहा कि इस मुश्किल घड़ी में आपदा को आपदा की ही नजर से ही देखना चाहिए. इसको हिंदू मुस्लिम का रंग न दिया जाए. उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी के नेता एसटी हसन ने इसको हिंदू मुस्लिम का रंग दे दिया, जो बिल्कुल गलत है.

उन्होंने कहा कि इस आपदा का न हीं मुसलमान से संबंध है ना हिंदुओं से इसका कोई ताल्लुक है. यह आफत अचानक से आई है. उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाएं कुदरती तौर पर होती रहती हैं. मुस्लिम देशों में भी होती हैं और हिंदुओं के इलाके में भी हो जाती हैं. इसको इस्लाम मजहब से या हिंदू मजहब से जोड़कर जो लोग देखते हैं उनकी यह बेवकूफी है. उन्हें सोचना चाहिए कि हमें इस तरह ने सोचकर खुदा से यह दुआ करना चाहिए कि इस तरह की कोई आफत दोबारा ना आए.

‘कहर से बचने के लिए खुदा से दुआ करें’
मौलाना शहाबुद्दीन कहते है कि अगर किसी इलाके में इस तरह की कोई आपदा आ जाती है, तो न जानें कितना नुकसान होता है और कितने लोगों की जान चली जाती है. उन्होंने कहा कि इस तरह के कहर से बचने के लिए खुदा से दुआ करनी चाहिए, ना कि इसे हिंदू मुसलमान के एंगल से देखें. उन्होंने कहा कि यह अल्लाह की मर्जी है. वह कहां क्या करें यह तो अल्लाह के ऊपर छोड़ देना चाहिए और दुआ करनी चाहिए कि हिंदुस्तान में कहीं भी कोई आपदा न आए.

 

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