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बिहार चुनाव से पहले CM नीतीश का मास्टरस्ट्रोक, कहा– अगले पांच साल में देंगे 1 करोड़ रोजगार, अब तक का रिपोर्ट कार्ड भी किया पेश

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बड़ा ऐलान करते हुए कहा है कि अगले पांच वर्षों में एक करोड़ युवाओं को सरकारी नौकरी और रोजगार दिया जाएगा. उन्होंने सोशल मीडिया पर बताया कि 2005 से 2020 तक 8 लाख सरकारी नौकरियां दी गईं और 2020-25 के लक्ष्य के तहत अब तक 10 लाख नौकरी और 39 लाख रोजगार दिए जा चुके हैं. यह घोषणा चुनावी माहौल में सरकार की बड़ी उपलब्धि के रूप में देखी जा रही है.

13 Jul, 2025
( Updated: 13 Jul, 2025
07:17 PM )
बिहार चुनाव से पहले CM नीतीश का मास्टरस्ट्रोक, कहा– अगले पांच साल में देंगे 1 करोड़ रोजगार, अब तक का रिपोर्ट कार्ड भी किया पेश

बिहार में विधानसभा चुनावों की दस्तक से पहले सियासी हलचल तेज हो चुकी है. एक ओर विपक्षी दल जनता को लुभाने की रणनीति बना रहे हैं, तो दूसरी ओर सत्ता में बैठी नीतीश कुमार की सरकार अपने कामों की रिपोर्ट जनता के सामने रख रही है. इसी क्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक ऐसा ऐलान कर दिया है, जिसने राजनीतिक पिच पर हलचल मचा दी है. उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा है कि अगले पांच वर्षों में बिहार के एक करोड़ युवाओं को सरकारी नौकरी और रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा. यह वादा सिर्फ भाषण नहीं बल्कि एक सुनियोजित नीति के तहत सामने लाया गया है.

CM नीतीश ने सोशल मीडिया पर दी जानकारी 
मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि 2005 से लेकर 2020 तक की अवधि में बिहार सरकार ने 8 लाख से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी दी. इसके बाद 2020 से 2025 के बीच ‘सात निश्चय-2’ कार्यक्रम के तहत सरकार ने 50 लाख नौकरी और रोजगार का लक्ष्य रखा. उन्होंने बताया कि अब तक 10 लाख से अधिक सरकारी नौकरियां और लगभग 39 लाख लोगों को विभिन्न योजनाओं के माध्यम से रोजगार उपलब्ध कराया जा चुका है. यह आकड़ा बताता है कि सरकार अपने लक्ष्य के बेहद करीब है और चुनाव से पहले इस उपलब्धि को एक बड़ी सफलता के तौर पर जनता के बीच पेश किया जा रहा है.

2025 से 2030 तक 1 करोड़ रोजगार
नीतीश कुमार ने यह भी कहा कि 2020 से 2025 के लिए तय किए गए 50 लाख रोजगार के लक्ष्य को अब अगले चरण में दोगुना किया जाएगा. यानी 2025 से 2030 के बीच एक करोड़ लोगों को नौकरी और रोजगार देने का लक्ष्य तय किया गया है. इसके लिए न केवल सरकारी विभागों में अवसर बढ़ाए जाएंगे, बल्कि निजी क्षेत्र, खासकर औद्योगिक क्षेत्रों में भी व्यापक स्तर पर रोजगार सृजन की योजना बनाई जा रही है. इसके लिए एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया जा रहा है, जो नीतिगत स्तर पर इन योजनाओं को लागू करने का रोडमैप तैयार करेगी.

 

सात निश्चय के साथ सरकार करेगी काम 
नीतीश कुमार का यह ऐलान केवल नौकरियों तक सीमित नहीं है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार युवाओं को स्वरोजगार की दिशा में आगे बढ़ाने के लिए कौशल विकास कार्यक्रमों को भी विस्तार दे रही है. ‘सात निश्चय’ के तहत शुरू की गई स्किल डेवलपमेंट योजनाओं को अधिक व्यापक और आधुनिक बनाने का फैसला लिया गया है. खास बात यह है कि आने वाले समय में बिहार को एक नया कौशल विश्वविद्यालय मिलने जा रहा है.

जननायक कर्पूरी ठाकुर के नाम पर बनेगा कौशल विश्वविद्यालय
मुख्यमंत्री ने घोषणा की है कि राज्य में "जननायक कर्पूरी ठाकुर कौशल विश्वविद्यालय" की स्थापना की जाएगी. यह विश्वविद्यालय युवाओं को नए जमाने के तकनीकी और व्यावसायिक प्रशिक्षण देने का एक आधुनिक केंद्र होगा. इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना होगा कि हर युवा के पास कोई न कोई हुनर हो, जिससे वह स्वरोजगार या निजी क्षेत्र में अच्छे अवसर हासिल कर सके. इस कदम से बिहार की युवा शक्ति को न केवल रोजगार मिलेगा, बल्कि राज्य की अर्थव्यवस्था भी नई ऊंचाइयों पर पहुंचेगी.

बताते चलें कि बिहार में जब भी चुनाव नजदीक आते हैं, सियासी दल वादों की झड़ी लगाते हैं. लेकिन नीतीश कुमार की यह घोषणा चुनाव से जोड़कर भी देखा जा रहा है, अब यह देखना दिलचस्प होगा कि जनता इस पर कितना विश्वास करती है. विपक्ष जरूर इस पर सवाल उठाएगा, लेकिन अगर सरकार योजनाबद्ध ढंग से आगे बढ़ी, तो यह वादा बिहार के लिए ऐतिहासिक साबित हो सकता है.

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