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यूपी के सिद्धार्थनगर जिले में 105 साल पुरानी फागू शाह की मजार पर गरजा बुलडोजर, हर गुरुवार को लगता था मेला, जानें क्यों हुई कार्रवाई

यूपी के सिद्धार्थनगर जिले के डुमरियागंज तहसील क्षेत्र के चौखड़ा गांव में स्थित 105 साल पुरानी फागू शाह मजार पर बुलडोजर गरजा है. खबरों के मुताबिक, यह मजार पशुचर की जमीन पर स्थापित थी. जहां हर गुरुवार को मेला लगता था. इसमें हिंदू और मुस्लिम दोनों धर्मों के लोग अपनी मुरादों के पूरा होने और मन्नत मांगने के अलावा यहां चादर चढ़ाते थे.

16 Jul, 2025
( Updated: 16 Jul, 2025
05:22 PM )
यूपी के सिद्धार्थनगर जिले में 105 साल पुरानी फागू शाह की मजार पर गरजा बुलडोजर, हर गुरुवार को लगता था मेला, जानें क्यों हुई कार्रवाई

यूपी की योगी सरकार द्वारा प्रदेश में अवैध मदरसों और संपत्तियों पर लगातार चल रही बुलडोजर कार्रवाई के तहत सिद्धार्थनगर जिले में 105 साल पुरानी मजार पर बड़ा एक्शन हुआ है. मंगलवार सुबह जिला प्रशासन की टीम ने इस कार्रवाई को अंजाम दिया. इस दौरान पुलिस और कई अन्य सुरक्षा एजेंसियों के अलावा कई बड़े अधिकारी मौजूद रहें. 

105 साल पुरानी फागू शाह मजार पर गरजा बुलडोजर

बता दें कि डुमरियागंज तहसील क्षेत्र के चौखड़ा गांव में स्थित 105 साल पुरानी फागू शाह मजार पर बुलडोजर गरजा है. खबरों के मुताबिक, यह मजार पशुचर की जमीन पर स्थापित थी. जहां हर गुरुवार को मेला लगता था. इसमें हिंदू और मुस्लिम दोनों धर्मों के लोग अपनी मुरादों को पूरा करने और मन्नत मांगने के अलावा यहां चादर चढ़ाते थे. 

मजार पर लगा था अवैध उगाही का आरोप

दरअसल, बीते 26 जून को डुमरियागंज के पूर्व बीजेपी विधायक राघवेन्द्र प्रताप सिंह ने इस मजार पर धन उगाही का आरोप लगाते हुए हनुमान चालीसा का पाठ करने की बात कही थी. जिसके बाद प्रशासन ने मजार पर लगने वाले मेले पर रोक लगा दी. उसके बाद वहां चादर आदि चढ़ाने पर भी प्रतिबंध लगाया गया, फिर मजार की देखरेख करने वाली कमेटी को अवैध कब्जा हटाने का नोटिस जारी हुआ था, लेकिन उनकी तरफ से कब्जा नहीं हटा. उसके बाद जिला प्रशासन ने मंगलवार को इस पर बुलडोजर कार्रवाई की.

सिद्धार्थनगर डीएम ने बताई मामले की पूरी कहानी

इस मामले को लेकर डीएम सिद्धार्थनगर, डॉ राजा गणपति आर ने बताया कि 'यह एक 105 साल पुरानी मजार थी, जो पशुचर की जमीन पर स्थापित थी. जिसको लेकर पहले एक विवाद हुआ था. इस विवाद को सुलझाने के लिए धारा 144 की कार्रवाई की गई. चारागाह की जमीन होने के कारण तहसीलदार के द्वारा फिर धारा-67 की कार्रवाई की गई, लेकिन उसके बावजूद जमीन कब्जा मुक्त नहीं हो पाई. जिसके बाद 15 जुलाई को सुबह 5 बजे पीएसी व पुलिस के साथ मौके पर पहुंचकर बल का उपयोग करते हुए उसे कब्जा मुक्त कराया गया. इस दौरान ला एंड आर्डर की समस्या नहीं आई. मजार पर कार्रवाई के दौरान स्थिति काफी सामान्य रही और मौके पर किसी प्रकार का विरोध नहीं हुआ. इसके अलावा ना ही कोई झड़प हुई. कुछ ही घंटों में मजार को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया गया.

बुलडोजर कार्रवाई पर मौजूद रहें कई बड़े अधिकारी

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बता दें कि मजार पर बुलडोजर कार्रवाई के दौरान सुबह प्रशासन व पुलिस की टीम ने बुलडोजर से इस मजार को ध्वस्त कर दिया. इस मौके पर डीएम समेत, ADM गौरव श्रीवास्तव, ASP प्रशांत कुमार समेत कई थानों की पुलिस बुलडोजर के साथ पहुंचे. उसके बाद ध्वस्तीकरण की कार्यवाही शुरू हुई. इस दौरान लगभग 1 किलोमीटर की दूरी से ही पुलिस मजार तक जाने वाले रास्तों पर खड़ी होकर लोगों को जाने से रोक रही थी.

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