प्रिंसिपल फातेमा खातून ने तिरंगे को पैर से मोड़ा, Video Viral होने पर असम पुलिस ने किया गिरफ्तार, कहा- राष्ट्रीय ध्वज का अपमान बर्दाश्त नहीं
असम के नागांव जिले के एक स्कूल की प्रिंसिपल ने झंडा उतारते हुए उसका अपमान करती नजर आई. इसका वीडियो वायरल हो गया जिसके बाद पुलिस ने प्रिंसिपल को गिरफ्तार कर लिया है. फिलहाल आगे की कार्रवाई जारी है.
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कुछ दिन पहले 15 अगस्त को पूरे देश में धूमधाम से 79वां स्वतंत्रता दिवस मनाया. देशभक्ति हर तरफ देखने को मिली. इसी बीच असम के नागांव जिले से एक बड़ा मामला सामने आया है, जहां एक स्कूल की प्रिंसिपल फातेमा खातून को राष्ट्रीय ध्वज (तिरंगा) का अपमान करने के आरोप में रविवार को गिरफ्तार किया गया. मामला उस वक्त चर्चा में आया जब इसका एक वीडियो वायरल हुआ
वायरल वीडियो से बढ़ा विवाद
जो वीडियो वायरल हुआ है उसमें फातेमा खातून स्कूल परिसर में झंडा उतारते हुए दिखती हैं. उन्होंने पहले तिरंगा नीचे उतारा, फिर झंडे का डंडा जमीन से निकाला और उसके बाद झंडे को पैरों और घुटनों की मदद से मोड़ने की कोशिश की. इस पूरे घटनाक्रम को किसी ने रिकॉर्ड कर लिया और उसे सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया. जिसके बाद लोगों में आक्रोश बढ़ गया.
स्थानीय लोगों की नाराजगी बनी वजह
पुलिस के बताया कि, फातेमा खातून ने शुक्रवार रात झंडा फहराए रखने के लिए आसपास के स्थानीय लोगों ने आलोचना की थी. इस आलोचना से बचने के लिए वह शनिवार सुबह करीब 7:30 बजे अकेले ही स्कूल आईं. उन्होंने गेट खोला, झंडा उतारा और उसे मोड़ने का प्रयास किया, लेकिन जिस तरीके से उन्होंने यह किया, उसे “आपत्तिजनक, अपमानजन और असम्मानजनक” बताया गया.
पुलिस ने ये भी बताया कि स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त) के दिन उन्होंने स्कूल में छात्रों की मौजूदगी में विधिवत झंडारोहण किया था. लेकिन अगले दिन अकेले आकर तिरंगा उतारने का उनका तरीका विवाद का कारण बन गया.
फातेमा की गिरफ्तारी और कानूनी कार्रवाई
वीडियो वायरल होने के बाद लोगों ने पुलिस से शिकायत की. जिसके बाद पुलिस हरकत में आई और फातेमा खातून को तुरंत गिरफ्तार कर लिया गया. फातेमा के खिलाफ राष्ट्रीय सम्मान के अपमान की रोकथाम अधिनियम, 1971 (Prevention of Insults to National Honour Act, 1971) के तहत मामला दर्ज किया गया है. इस कानून के तहत राष्ट्रीय ध्वज या राष्ट्रगान का अपमान करना दंडनीय अपराध है.
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि राष्ट्रीय ध्वज देश की शान और सम्मान का प्रतीक है. उसका अपमान किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. इसी वजह से इस मामले में तुरंत और सख्त कार्रवाई की गई है.
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