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यूपी सरकार का बड़ा फैसला, सिर्फ 4 घंटे में मिलेगी पोस्टमार्टम रिपोर्ट, पीड़ित परिवारों को नहीं करना पड़ेगा लंबा इंतजार, जानें क्या है नई गाइडलाइंस

यूपी की योगी सरकार ने प्रदेश में पोस्टमार्टम मामलों में तेजी लाने के लिए नई गाइडलाइंस जारी की है. प्रदेश के डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक ने बताया है कि अब पोस्टमार्टम रिपोर्ट 4 घंटे में प्राप्त हो सकेगी. ऐसे में पीड़ित परिवारों को ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ेगा.

28 Jun, 2025
( Updated: 28 Jun, 2025
11:15 AM )
यूपी सरकार का बड़ा फैसला, सिर्फ 4 घंटे में मिलेगी पोस्टमार्टम रिपोर्ट, पीड़ित परिवारों को नहीं करना पड़ेगा लंबा इंतजार, जानें क्या है नई गाइडलाइंस

यूपी की योगी सरकार ने प्रदेश में पोस्टमार्टम मामले में रिपोर्ट को लेकर एक बड़ा फैसला लिया है. अब पीड़ित परिवारों को किसी भी पोस्टमार्टम रिपोर्ट के लिए लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा. सरकार के नए आदेशानुसार पोस्टमार्टम प्रक्रिया सिर्फ 4 घंटे में पूरी की जाएगी. जानकारी के लिए बता दें कि यह निर्देश प्रदेश के डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक की तरफ से जारी किया गया है. डिप्टी सीएम के आदेश के बाद प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा ने गाइडलाइंस को प्रदेश भर के पोस्टमार्टम केंद्रों के लिए लागू कर दिया है. 

नई गाइडलाइंस को लेकर क्या बोले डिप्टी सीएम बृजेश पाठक 

डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने बताया कि 'नियमों के अनुसार सूर्यास्त के बाद पोस्टमार्टम कराया जाए. सभी शवों का जल्द से जल्द उल्लेख किया जाए. रात में पोस्टमार्टम की व्यवस्था के लिए 1000 वाट की कृत्रिम लाइट की व्यवस्था की जाए. इसके अलावा दूसरे जरूरी संसाधन भी मौजूद हों. ताकि यह प्रकिया 24 घंटे लगातार चलती जाए. कुछ मामलों में रात में पोस्टमार्टम ना किया जाए. जैसे - हत्या, आत्महत्या, यौन अपराध, क्षत-विक्षत शव व संदिग्ध परिस्थितियों में मृत्यु. हालांकि, अपरिहार्य कारणों में जिला मजिस्ट्रेट विभाग से संबंधित अधिकारियों की अनुमति के बाद रात में भी पोस्टमार्टम कराया जा सकता है.'

यूपी में सिर्फ 4 घंटे में मिलेगी पोस्टमार्टम रिपोर्ट 

डिप्टी सीएम बृजेश पाठक की तरफ से जारी आदेश के बाद प्रदेश भर में पोस्टमार्टम रिपोर्ट में काफी तेजी देखने को मिलेगी. सरकार द्वारा जारी नई गाइडलाइंस में अब पीड़ित परिवार को सिर्फ 4 घंटे में पोस्टमार्टम रिपोर्ट सौंप दी जाएगी. वहीं जहां ज्यादा पोस्टमार्टम हो रहे हैं. वहां दो CMO को लगाया जाएगा. ताकि यह संवेदनशील कार्य जल्द से जल्द संपन्न हो सके. 

'वीडियोग्राफी का पैसा परिवार से नहीं लिया जाएगा' 

बृजेश पाठक ने यह भी बताया कि कानून व्यवस्था से जुड़े प्रकरण जैसे - एनकाउंटर, पुलिस अभिरक्षा में मृत्यु, विवाह की प्रथम 10 वर्षों में महिला की मौत और किसी अन्य  तरह के मामलों में वीडियोग्राफी जरूर कराई जाए. ऐसे मामलों पर वीडियोग्राफी का पैसा पीड़ित परिवारों से न लिया जाए. 

'इस प्रकार के मामले में कोई कोताही ना बरती जाए' 

उन्होंने यह भी बताया कि यह रिपोर्ट ऑनलाइन की जाए. इसमें किसी भी तरह की कोई कोताही न बरती जाए. पोस्टमार्टम हाउस में CMO द्वारा कंप्यूटर ऑपरेटर और दो डाटा एंट्री वाले तैनात किए जाएं. शव को हॉस्पिटल से पोस्टमार्टम हाउस ले जाने के लिए वाहन का इंतजाम किया जाए. प्रत्येक जिले में दो शव वाहन की व्यवस्था होनी चाहिए. 

पैनल में महिला डॉक्टर भी होनी चाहिए 

अगर अपराध से जुड़े मामलों में महिला की मृत्यु की दशा में पोस्टमार्टम के लिए शव आते हैं. तो अज्ञात शव के लिए DNA का सैंपलिंग होना जरूरी है. वहीं पैनल में महिला डॉक्टर भी जरूर होनी चाहिए. 

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