दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से आतिशी ने दिया इस्तीफा, उपराज्यपाल ने भंग की विधानसभा
नाव में पार्टी की बुरी हार के बाद मुख्यमंत्री आतिशी ने रविवार की सुबह 11 बजे अपना इस्तीफ़ा दिल्ली के राज्यपाल को सौंप दिया है। चुनावी परिणाम में आम आदमी पार्टी के सभी दिग्गज नेता चुनाव हार गए है, जबकि आतिशी ने कालकाजी विधानसभा सीट से बीजेपी के नेता रमेश बिधूड़ी को हराया।

दिल्ली विधानसभा चुनाव के परिणाम को चुनाव आयोग द्वारा शनिवार को घोषित किया गया। भारतीय जनता पार्टी ने 27 वर्षों के लंबे अंतराल के बाद ऐतिहासिक जीत दर्ज की है। 70 में से 48 सीटों पर विजय प्राप्त कर भाजपा ने स्पष्ट बहुमत हासिल किया है। इस चुनाव के नतीजे बीते एक दशक से दिल्ली की सत्ता में राज करने वाली आम आदमी पार्टी के लिए पूरी तरह से अप्रत्याशित थे। चुनाव में पार्टी की बुरी हार के बाद मुख्यमंत्री आतिशी ने रविवार की सुबह 11 बजे अपना इस्तीफ़ा दिल्ली के राज्यपाल को सौंप दिया है। चुनावी परिणाम में आम आदमी पार्टी के सभी दिग्गज नेता चुनाव हार गए है, जबकि आतिशी ने कालकाजी विधानसभा सीट से बीजेपी के नेता रमेश बिधूड़ी को हराया।
कब देना होता है इस्तीफा
दरअसल, नियमों के मुताबिक़ अब सत्तारूढ़ दल को चुनाव में हार का सामना करना पड़ता है तो उस पार्टी का जो भी नेता मुख्यमंत्री के पद पर होता है। उसे अपना इस्तीफ़ा राज्यपाल को सौंपना होता है। दिल्ली जो कि केंद्र शासित प्रदेश हैं। इसलिए यहां के उपराज्यपाल को हारने वाली पार्टी को मुख्यमंत्री को अपना इस्तीफ़ा देना होता है। इसी के तहत आज निवर्तमान मुख्यमंत्री आतिशी तय कार्यक्रम के मुताबिक़ अपने आवास से निकली और फिर राज निवास जाकर उपराज्यपाल वीके सक्सेना को अपना इस्तीफ़ा सौंपा है।आतिशी के इस्तीफा देने के बाद उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने दिल्ली विधानसभा को भंग कर दिया है। उपराज्यपाल ने विधानसभा को भंग किए जाने की अधिसूचना जारी कर दी है।
कालका जी से चुनाव जीतीं है आतिशी
बताते चले कि आम आदमी पार्टी की नेता आतिशी ने भाजपा के रमेश बिधूड़ी को 3,521 मतों के अंतर से हराया है। इस जीत के साथ ही वह अपनी कालकाजी सीट बरकरार रखने में कामयाब रही हैं।
आतिशी ने अपनी जीत के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए कहा था कि मैं कालकाजी विधानसभा क्षेत्र के मतदाताओं का धन्यवाद करना चाहती हूं, जिन्होंने मुझ पर भरोसा दिखाया। मैं अपनी पूरी टीम का धन्यवाद करना चाहती हूं, जिन्होंने कड़ी मेहनत की। भाजपा ने बाहुबल, गुंडागर्दी, धनबल का प्रयोग किया। लेकिन, क्षेत्र की जनता ने अपना फैसला सुना दिया। दिल्ली में भाजपा की जीत और आम आदमी पार्टी की हार पर उन्होंने कहा कि दिल्ली की जनता का जनादेश हमें स्वीकार है। उन्होंने कहा था, “मैं कालकाजी सीट जीती हूं लेकिन, यह समय जीत का नहीं बल्कि जंग का है। भाजपा के खिलाफ जंग जारी रहेगी। आम आदमी पार्टी हमेशा गलत के खिलाफ लड़ती रही है और हमेशा लड़ती रहेगी। दिल्ली की जनता के लिए आम आदमी पार्टी का संघर्ष जारी रहेगा।“
बता दें कि ‘आप’ के मनीष सिसोदिया, सत्येंद्र जैन और पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल सहित कई वरिष्ठ नेताओं को हार का सामना करना पड़ा।भाजपा को यह जीत 2015 और 2020 के चुनावों में करारी हार झेलने के बाद मिली है। 27 साल के लंबे इंतजार के बाद भाजपा को दिल्ली में पूर्ण बहुमत मिला है। दिल्ली की 70 सीटों में से 48 पर भाजपा ने परचम लहराया, जबकि 'आप' को 22 सीटों से ही संतोष करना पड़ा।