राजस्थान के दौसा में अवैध धर्मांतरण का मामला आया सामने, 110 हिंदुओं को बनाया जा रहा था ईसाई
स्थानीय लोगों ने शिकायत की है कि कुछ लोग आर्थिक सहायता, इलाज और रोजगार का लालच देकर उन्हें धर्म परिवर्तन के लिए प्रेरित कर रहे थे. एक स्थानीय निवासी ने बताया, "हमें कहा गया कि यदि हम धर्म बदलेंगे तो हमारी समस्याएं खत्म हो जाएंगी और आर्थिक मदद भी मिलेगी. हमने इस संबंध में पुलिस को सूचित किया."

राजस्थान के दौसा जिले से एक गंभीर मामला सामने आया है, जहाँ सूचना मिली है कि जिले के विभिन्न गांवों में लगभग 110 लोगों को कथित तौर पर अवैध तरीके से ईसाई धर्म में परिवर्तित किया जा रहा है. विश्व हिंदू परिषद एवं बजरंग दल ने थाना कोतवाली पुलिस को एक प्रमाण पत्र सौंपा है, जिसमें कहा गया है कि 29 जून को जिले के गणेशपुरा रोड स्थित आगये फेलोशिप चर्च में पादरियों ने हिंदू समुदाय के लगभग 100-110 लोगों को बाइबिल पढ़ाकर उनका धर्म परिवर्तन कराने की कोशिश की. जब लोगों ने इसे रोकने का प्रयास किया, तो पादरीगण एवं उनके समर्थकों ने विरोध किया और स्थानीय लोगों के साथ मारपीट की.
स्थानीय शिकायत के बाद पुलिस ने शुरू की जांच
प्राप्त जानकारी के अनुसार केरल के पादरी थॉमस जॉर्जी, गिरिजेश वर्मा, एली और जीनु वर्मा (जो कि केरल के निवासी और सरकारी कर्मचारी हैं, तथा गिरिजेश वर्मा की बहन हैं) पिछले 10-15 वर्षों से इस क्षेत्र में धर्मांतरण का कार्य कर रहे हैं. अब तक इन लोगों ने लगभग 300-400 परिवारों का धर्मांतरण कराया है. इस मामले को लेकर बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद ने कड़ा विरोध जताया है और अवैध धर्मांतरण के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर दोषियों को सख्त सजा देने की मांग की है.
आर्थिक सहायता और रोजगार का झांसा देकर धर्मांतरण का आरोप
स्थानीय लोगों ने शिकायत की है कि कुछ लोग आर्थिक सहायता, इलाज और रोजगार का लालच देकर उन्हें धर्म परिवर्तन के लिए प्रेरित कर रहे थे. एक स्थानीय निवासी ने बताया, "हमें कहा गया कि यदि हम धर्म बदलेंगे तो हमारी समस्याएं खत्म हो जाएंगी और आर्थिक मदद भी मिलेगी. हमने इस संबंध में पुलिस को सूचित किया."
पुलिस ने मामले की गंभीरता से जांच शुरू की
पुलिस अधिकारी ने बताया, "मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच जारी है. हमें सूचना मिली थी कि कुछ स्थानों पर अवैध धर्मांतरण की गतिविधियाँ चल रही हैं. जांच के तहत कई लोगों से पूछताछ की जा रही है. यदि जबरन धर्मांतरण की पुष्टि होती है, तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी."
यह घटना इलाके में चर्चा का विषय बनी हुई है और कई सामाजिक संगठनों ने चिंता जताते हुए दोषियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने की मांग की है. अब प्रशासन की कार्रवाई पर सभी की नजरें टिकी हैं कि इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए क्या कदम उठाए जाएंगे.