आपातकाल के 50 वर्ष पूरे: भाजपा ने कांग्रेस पर बोला हमला, इस दिन को बताया ‘काला दिवस’
प्रदेश सरकार के मंत्री ओटाराम देवासी ने कहा कि सिरोही में आयोजित भाजपा की प्रेस वार्ता में आपातकाल के उस काले दौर को याद किया गया, जब 25 जून 1975 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश में इमरजेंसी लागू कर दी थी.उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी ने देश पर इमरजेंसी थोपकर जनता के अधिकारों का दमन किया.देश में आपातकाल लागू करने जैसी स्थिति नहीं थी, इंदिरा ने अपनी सत्ता को बचाने के लिए यह फैसला लिया.

राजस्थान के सिरोही में गुरुवार को साल 1975 में देश में लगाए गए आपातकाल की 50वीं बरसी पर सर्किट हाउस में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और कांग्रेस पर बड़ा हमला बोला.
आपातकाल की 50वीं बरसी को भाजपा ने बताया ‘काला दिवस’
भाजपा नेताओं ने इस दिन को ‘काला दिवस’ बताते हुए कांग्रेस को लोकतंत्र की हत्या करने वाला बताया. इस मौके पर जिला महामंत्री नरपतसिंह राणावत समेत बड़ी संख्या में भाजपा कार्यकर्ता मौजूद रहे.कार्यक्रम के जरिए भाजपा ने युवा पीढ़ी को आपातकाल के अंधेरे दौर से अवगत कराने का संदेश दिया.
इंदिरा ने देश पर इमरजेंसी थोपकर जनता के अधिकारों का किया दमन
प्रदेश सरकार के मंत्री ओटाराम देवासी ने कहा कि सिरोही में आयोजित भाजपा की प्रेस वार्ता में आपातकाल के उस काले दौर को याद किया गया, जब 25 जून 1975 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश में इमरजेंसी लागू कर दी थी.उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी ने देश पर इमरजेंसी थोपकर जनता के अधिकारों का दमन किया.देश में आपातकाल लागू करने जैसी स्थिति नहीं थी, इंदिरा ने अपनी सत्ता को बचाने के लिए यह फैसला लिया.
आपातकाल के दौरान मीडिया पर सेंसरशिप थोप दी गई
भाजपा जिलाध्यक्ष डॉ. रक्षा भंडारी ने कहा कि आपातकाल के दौरान मीडिया पर सेंसरशिप थोप दी गई और आम नागरिकों और विपक्षी दलों की आवाज को दबाया गया.भारतीय जनता पार्टी और जनसंघ से जुड़े कार्यकर्ताओं के साथ दमनकारी नीति और जेल में डालने जैसे काम किए गए.उन्होंने इमरजेंसी के दौर को भारतीय लोकतंत्र का काला अध्याय करार दिया.उन्होंने कहा कि आपातकाल में जनता पर किए गए अत्याचार और दमनकारी नीति को आज के युवाओं को जानना चाहिए, इस उद्देश्य से कार्यक्रम का आयोजन किया गया.
वहीं सांसद लुंबाराम चौधरी ने कहा कि कांग्रेस आज संविधान की बात करती है, लेकिन सत्ता में रहते हुए उसी संविधान को कुचला गया.इंदिरा गांधी ने सत्ता बचाने के लिए आपातकाल लागू किया.इस दौरान लोगों को सरकार से सवाल करने का अधिकार नहीं था.आपातकाल के दौरान लोगों को तरह-तरह की प्रताड़ना से गुजरना पड़ा.