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जीत गई मिथिला की मैथिली… अलीनगर से RJD के विनोद मिश्रा को 11 हजार वोटों से चटाई धूल

25 साल की मैथिली ठाकुर को टिकट दिया गया तो पार्टी के अंदर भी विरोध की आवाज उठी, लेकिन अब विरोध की इन आवाजों को मैथिली ने अपनी जीत से शांत कर दिया.

बिहार में NDA ने कमाल कर दिया. पार्टी ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की है और महागठबंधन का सूपड़ा साफ किया है. वहीं, BJP के सबसे चर्चित चेहरों में से एक लोक गायिका मैथिली ठाकुर ने भी अपने सूरों से जीत का का गाना लिख दिया. 

25 साल की मैथिली ठाकुर को टिकट दिया गया तो पार्टी के अंदर भी विरोध की आवाज उठी, लेकिन अब विरोध की इन आवाजों को मैथिली ने अपनी जीत से शांत कर दिया. उन्होंने दरभंगा की अलीनगर की सीट पर RJD उम्मीदवार विनोद मिश्र को हरा दिया. शुरुआती रुझाने में ही मैथिली ठाकुर आगे चल रही थी. मैथिली ने पहली बार चुनाव लड़ा और पहली ही बार में परचम लहरा दिया. 

वहीं, विनोद मिश्र की बात करें तो 2020 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने अलीनगर सीट से चुनाव लड़ा था. लेकिन 3 हजार वोटों से मात खा गए. BJP गठबंधन के उम्मीदवार मिश्री लाल यादव ने जीत दर्ज की थी. इस बार BJP ने युवा लोक गायिका मैथिली ठाकुर पर भरोसा जताया था और जनता का उन्हें भरपूर साथ भी मिला. अलीनगर सीट हाई प्रोफाइल सीटों में से एक है. 

कौन है मैथिली ठाकुर? 

25 साल की मैथिली ठाकुर मधुबनी की बेनीपट्टी की रहने वाली हैं. मैथिली बिहारी और मिथिलांचल की संस्कृति का बड़ा चेहरा हैं. वह बिहार की मशहूर लोकगायिका हैं. मैथिली की पॉपुलैरिटी देश ही नहीं विदेशों तक हैं. वह विदेशों में भी कॉन्सर्ट करती हैं और बचपन से ही गाने की शौकीन हैं, क्योंकि घर में मैथिली को हमेशा क्लासिकल म्यूजिक का माहौल मिला. पिता रमेश ठाकुर और मां भारती ठाकुर दोनों संगीतकार हैं. दोनों बतौर म्यूजिक टीचर भी काम करते हैं.

मैथिली के दोनों भाई भी संगीत की दुनिया में अपना नाम बनाना चाहते हैं. ठाकुर परिवार को संगीत की तालीम विरासत में मिली. मैथिली के दादा-दादी ने भी संगीत कला में पारंगत थे. महज 25 साल की उम्र में दमखम केे साथ चुनाव में उतरना और जीत दर्ज करना कोई छोटी बात नहीं है. अब देखना होगा जीत के बाद मैथिली अलीनगर की जनता के लिए क्या करती है? 

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