Mumbai में एक तरफ जहां ठाकरे ब्रदर्स के समर्थक लाठी और डंडे के दम पर मराठी बुलवाने के लिए गुंडई पर उतारू हैं… तो वहीं दूसरी तरफ इस भाषा विवाद में अब सनातन धर्म में भगवान कहे जाने वाले शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने एंट्री मारी है, सुनिये उन्होंने क्या कहा ?
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न्यूज15 Jul, 202510:58 AMहिंदी-मराठी भाषा विवाद पर शंकराचार्य ने तोड़ी चुप्पी, कहा- जबरदस्ती अमृत पिलाना भी सही नहीं है!
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राज्य15 Jul, 202510:53 AMबिहार चुनाव से पहले 35 लाख से ज्यादा मतदाताओं के नाम होंगे वोटर लिस्ट से बाहर, जानिए क्या है वजह
बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग ने मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान शुरू किया है, जिसके तहत अब तक 35.69 लाख नाम हटाए जा चुके हैं. इनमें मृत, राज्य से बाहर स्थानांतरित और दोहराए गए मतदाताओं के नाम शामिल हैं. इस कार्रवाई पर विपक्ष ने सियासी साजिश का आरोप लगाया है, जबकि आयोग पारदर्शिता की बात कह रहा है. अब तक 83.66% मतदाता फॉर्म जमा हो चुके हैं और प्रक्रिया जारी है.
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स्पेशल्स14 Jul, 202501:05 PMकौन हैं C. Sadanand Master जिन्हें राष्ट्रपति ने संसद भेजा तो चारों ओर हुई खूब तारीफ?
नब्बे के दशक से वामपंथियों के गढ़ केरल में बीजेपी के लिए जमीन तैयार करने में लगे संघ के वरिष्ठ कार्यकर्ता सी. सदानंद मास्टर के दोनों पैर काट दिये गये… लेकिन इसके बावजूद उन्होंने हिम्मत नहीं हारी… बीजेपी के लिए काम करते रहे और अब भेजे गये राज्य सभा तो सुनिये क्या कहा ?
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यूटीलिटी14 Jul, 202509:57 AMबिहार में फ्री बिजली को लेकर हां-ना के बीच, आप 100 नहीं, 300 यूनिट बिजली पा सकते हैं मुफ्त, जानिए तरीका
बिहार सरकार का यह फैसला चुनावी दृष्टि से भले ही रणनीतिक हो, लेकिन गरीब और सीमित आय वाले परिवारों के लिए यह एक व्यवहारिक राहत योजना है. आने वाले समय में यदि यह योजना लागू हो जाती है, तो लाखों उपभोक्ताओं का बिजली बिल पूरी तरह माफ हो सकता है, और उन्हें हर महीने बड़ी बचत का लाभ मिलेगा. अब सभी की निगाहें इस पर टिकी हैं कि कैबिनेट से इसे कब मंजूरी मिलती है.
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यूटीलिटी14 Jul, 202509:06 AMबिहार चुनाव से पहले बड़ा ऐलान: सरकार दे रही ₹1100 मासिक पेंशन, ऐसे चेक करें योग्यता
मुख्यमंत्री वृद्धजन पेंशन योजना में बढ़ी हुई राशि निश्चित रूप से बिहार के बुजुर्गों के जीवन में नई उम्मीद और आत्मसम्मान लेकर आएगी. यह न केवल उन्हें वित्तीय सहायता प्रदान करेगी, बल्कि सामाजिक सुरक्षा और आत्मनिर्भरता की भावना भी जगाएगी. चुनावी मौसम में भले यह फैसला राजनीतिक दृष्टिकोण से अहम हो, लेकिन इसका लाभ सीधे उन लोगों तक पहुंच रहा है जिन्हें इसकी सबसे अधिक आवश्यकता है.