नीतीश सरकार ने दिया बिहार को दूसरे मरीन ड्राइव का तोहफा, मुंगेर से भागलपुर के बीच गंगा किनारे बनेगा एक्सप्रेसवे, 2 चरणों में 9,960 करोड़ के बजट से होगा निर्माण
बिहार चुनाव से पहले नीतीश सरकार ने प्रदेश को दूसरे मरीन ड्राइव का तोहफा दिया है. इसका निर्माण भागलपुर से मुंगेर जिले के बीच गंगा किनारे कराया जाएगा. इसकी कुल दूरी 42 किलोमीटर होगी.
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बिहार चुनाव से पहले प्रदेशवासियों के लिए नीतीश सरकार ने एक बड़ा तोहफा दिया है. राज्य सरकार प्रदेश की दूसरी मरीन ड्राइव बनाने जा रही है. इस बात की जानकारी राज्य के पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने दी है. उन्होंने कहा है कि इसका निर्माण मुंगेर से भागलपुर के सबौर तक गंगा नदी के किनारे कराया जाएगा. सरकार द्वारा यह परियोजना पूर्वी बिहार क्षेत्र के विकास और पर्यटन की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण होने वाली है. इसका निर्माण 2 चरणों में HAM मॉडल पर किया जाएगा. इसकी कुल दूरी 42 किलोमीटर की होगी. वहीं कुल लागत 9,960 करोड़ बताई जा रही है.
बिहार को मिला दूसरे मरीन ड्राइव का तोहफा
बिहार के राज्य पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने प्रदेशवासियों के लिए दूसरे मरीन ड्राइव का ऐलान करते हुए बताया कि ' इस मरीन ड्राइव को गंगा एक्सप्रेस वे के रूप में विकसित किया जाएगा, यह न केवल आवाजाही को सुगम बनाएगा, बल्कि गंगा किनारे बसे शहरों और कस्बों को भी सीधा जोड़ेगा. इस परियोजना की मंजूरी दो चरणों में पूरी की जाएगी.
2 टोल प्लाजा, 16 घाट और 42 किलोमीटर की दूरी
बिहार के दूसरे मरीन ड्राइव के निर्माण का पहला चरण मुंगेर के सफियाबाद से सुल्तानगंज तक कुल 42 किलोमीटर लंबा होगा. इस फेज में कुल लागत 5,130 करोड़ आएगी. इसमें 2 टोल प्लाजा और 16 घाटों का निर्माण प्रस्तावित है, जिससे घाटों पर जाने वाले श्रद्धालुओं, विशेष रूप से सावन के महीने में कांवड़ियों को अत्यधिक लाभ मिलेगा. यह लोगों को काफी ज्यादा आकर्षित करेगा.
'हाइब्रिड एन्युटी मॉडल' पर होगा इसका निर्माण
यह एक्सप्रेसवे 'हाइब्रिड एन्युटी मॉडल' यानी HAM मॉडल के तहत बनाया जाएगा. इस मॉडल में सरकार और प्राइवेट कंपनियों की साझेदारी होती है, इसमें निर्माण करने वाली कंपनी को एक छोटा सा भुगतान निर्माण के समय में किया जाता है, बाकी बची हुई राशि किस्तों के आधार में तय अवधि के दौरान की जाती है.
यात्रियों और तीर्थ यात्रियों के लिए होगा विश्राम स्थल
इस मरीन ड्राइव में यात्रियों और तीर्थ यात्रियों की सुविधा के लिए विश्राम स्थल भी बनाया जाएगा. यह लगभग 5,000 वर्ग मीटर में फैला रहेगा. इसमें कई तरह की सुविधा होंगी. जैसे - प्रसाधन, पेयजल, चिकित्सा सहायता, पार्किंग के अलावा कई अन्य सुविधाएं मौजूद होंगी.
दूसरे चरण का निर्माण भागलपुर से सबौर तक
बिहार के इस खास प्रोजेक्ट के दूसरे चरण का काम भागलपुर जिले से सबौर तक किया जाएगा. पहले चरण में 5,000 से ज्यादा करोड़ की खर्च के बाद दूसरे चरण में भी इतनी ही लागत आने का अनुमान है. सरकार द्वारा परियोजना के लिए पारित कुल रकम 9,960 करोड़ रुपए बताई जा रही है. यह प्रोजेक्ट पूर्व बिहार के भू-भाग को सड़क नेटवर्क से जोड़ने में भी एक बड़ा बदलाव लाएगा.
पर्यटन स्थल को मिलेगा बढ़ावा
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पथ निर्माण मंत्री ने इस मरीन ड्राइव को लेकर बताया कि 'इससे केवल कनेक्टिविटी ही नहीं, बल्कि पर्यटन क्षेत्र को भी काफी ज्यादा बढ़ावा मिलेगा. यह गंगा किनारे बसे ऐतिहासिक शहरों को भी जोड़ेगी और धार्मिक, सांस्कृतिक और व्यावसायिक रूप से भी बड़ी भूमिका निभाएगी.' बता दें कि बिहार का पहला मरीन ड्राइव पटना में है और यह दूसरा मरीन ड्राइव मुंगेर-भागलपुर होगा. यह दोनों ही मिलकर गंगा तट पर बिहार की नई पहचान गढ़ने वाले हैं.
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