भारत में क्यों ब्लॉक हुआ Reuters का X अकाउंट? सरकार ने दी सफाई, जानें वजह
भारत में रॉयटर्स का आधिकारिक एक्स अकाउंट अचानक ब्लॉक होने पर सोशल मीडिया में हलचल मच गई. हालांकि, सरकार ने साफ किया कि उसने ऐसा कोई आदेश नहीं दिया और यह कदम संभवत एक्स द्वारा गलती से किसी पुराने निर्देश के तहत उठाया गया है. सरकार एक्स के साथ मिलकर समस्या के समाधान में जुटी है.
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भारत में हाल ही में सामने आई एक तकनीकी और राजनयिक हलचल ने मीडिया और सोशल मीडिया दोनों ही जगत में हलचल मचा दी है. अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसी 'रॉयटर्स 'का आधिकारिक एक्स अकाउंट जब भारत में बंद दिखाई देने लगा तो लोगों के मन में कई सवाल खड़े हो गए. जैसे ही इस खबर ने सोशल मीडिया पर जोर पकड़ा, केंद्र सरकार की ओर से भी स्थिति स्पष्ट की गई. इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के प्रवक्ता ने रविवार को बयान जारी कर साफ किया कि सरकार ने ऐसा कोई आदेश जारी नहीं किया है जिससे रॉयटर्स का हैंडल ब्लॉक हो.
सरकार ने खारिज किया प्रतिबंध का आदेश
प्रवक्ता ने अपने बयान में कहा कि भारत सरकार को रॉयटर्स के अकाउंट को ब्लॉक करने की कोई जरूरत नहीं थी. सरकार ने यह भी स्पष्ट किया कि वह एक्स के साथ मिलकर इस तकनीकी समस्या को सुलझाने के लिए लगातार संपर्क में है. इससे यह साफ हो गया कि यह निर्णय सरकार की ओर से नहीं बल्कि संभवत एक्स की ओर से किसी पुराने या गलत आदेश के चलते लिया गया है. यह बयान तब आया जब रविवार सुबह यूज़र्स ने देखा कि रॉयटर्स का एक्स हैंडल खोलने पर उन्हें एक संदेश दिख रहा था जिसमें लिखा था कि “यह अकाउंट एक कानूनी अनुरोध के जवाब में भारत में withheld कर दिया गया है”.
पुराना आदेश गलती से हुआ लागू?
इस पूरे घटनाक्रम में एक नया मोड़ तब आया जब समाचार एजेंसी पीटीआई ने सरकारी सूत्रों के हवाले से खबर दी कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान यानी 7 मई को एक विशेष आदेश जारी किया गया था. लेकिन उस आदेश को उस समय लागू नहीं किया गया था. अब संभावना जताई जा रही है कि एक्स ने उसी पुराने आदेश को गलती से सक्रिय कर दिया है. सूत्रों के मुताबिक, सरकार ने तुरंत एक्स से संपर्क कर इस ब्लॉक को हटाने का अनुरोध किया है. इसके साथ ही, तकनीकी टीम भी इस गलती को सुधारने में जुटी हुई है.
आंशिक ब्लॉकिंग या सिर्फ मुख्य अकाउंट पर असर?
इस पूरे मामले में एक दिलचस्प पहलू यह भी है कि रॉयटर्स के सभी अकाउंट ब्लॉक नहीं हुए हैं. उदाहरण के तौर पर Reuters Tech News, Reuters Fact Check, Reuters Asia और Reuters China जैसे हैंडल भारत में अब भी सक्रिय हैं और सामान्य रूप से काम कर रहे हैं. लेकिन रॉयटर्स का मुख्य अकाउंट और Reuters World हैंडल फिलहाल भारत में एक्सेस नहीं हो पा रहे हैं. इससे यह सवाल और गहरा हो गया है कि क्या ब्लॉकिंग का आदेश केवल चुनिंदा हैंडलों पर लागू किया गया था, या फिर यह एक तकनीकी गड़बड़ी है.
X की नीति और 'withheld' का मतलब
एक्स प्लेटफॉर्म की नीति के अनुसार, जब किसी देश की सरकार की ओर से कानून या अदालत का कोई स्पष्ट आदेश आता है, तब कंपनी संबंधित कंटेंट को उस देश में अस्थायी रूप से हटा देती है. इस स्थिति में यूज़र को “withheld” का संदेश दिखाई देता है. एक्स के अनुसार, यह एक नियमित प्रक्रिया है जिसे वह लोकल लॉ और वैश्विक उपयोगकर्ता नीति के अनुसार अपनाता है. हालांकि, इस मामले में एक्स की ओर से अब तक कोई औपचारिक बयान सामने नहीं आया है जिससे यह पुष्टि हो सके कि गलती कैसे और क्यों हुई.
बताते चलें कि रॉयटर्स जैसे प्रतिष्ठित वैश्विक समाचार संस्थान का अकाउंट भारत में ब्लॉक होना न केवल एक तकनीकी मुद्दा है बल्कि यह सूचना की पारदर्शिता और मीडिया की स्वतंत्रता को लेकर भी बहस का विषय बन गया है. हालांकि सरकार की तरफ से यह साफ किया गया है कि उसका इस निर्णय से कोई लेना-देना नहीं है और यह संभवत एक्स की ओर से हुई एक तकनीकी भूल है, फिर भी ऐसे मामलों में स्पष्ट संवाद और पारदर्शिता बेहद जरूरी हो जाती है. भारत जैसे लोकतंत्र में जहां अभिव्यक्ति की आज़ादी एक मौलिक अधिकार है, ऐसे मामलों में तेजी से कार्रवाई और सही जानकारी का प्रसारण आवश्यक हो जाता है. आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या एक्स इस मुद्दे पर कोई आधिकारिक सफाई देता है और क्या रॉयटर्स का अकाउंट भारत में फिर से सामान्य रूप से कार्य करता है.