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केरल में BJP ने ढहा दिया 40 साल पुराना लेफ्ट का किला, तिरुवनंतपुरम नगर निगम में दर्ज की ऐतिहासिक जीत!

केरल के स्थानीय निकाय चुनावों में बीजेपी ने इतिहास रच दिया है. राज्य की राजनीति के केंद्र राजधानी तिरुवनंतपुरम नगर निगम में वाम मोर्चे को उखाड़कर BJP की अगुआई वाले NDA ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की है. इस नतीजे के कारण 2026 के विधानसभा चुनाव से पहले बड़ा भूचाल आ गया है.

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13 Dec 2025
( Updated: 13 Dec 2025
05:28 PM )
केरल में BJP ने ढहा दिया 40 साल पुराना लेफ्ट का किला, तिरुवनंतपुरम नगर निगम में दर्ज की ऐतिहासिक जीत!

केरल में स्थानीय निकाय चुनावों में बीजेपी ने इतिहास रच दिया है. पार्टी ने लेफ्ट के गढ़ तिरुवनंतपुरम नगर निगम में भगवा लहरा दिया है. इस जीत को राज्य की वामपंथ और कांग्रेस के प्रभुत्व वाली राजनीति के लिए सबसे बड़ी चुनौती माना जा रहा है. इसे केरल के अब तक के इतिहास का सबसे बड़ा उलटफेर और राजनीतिक भूचाल कहा जा रहा है. बीजेपी ने पिछले चार दशकों से अधिक समय से तिरुवनंतपुरम नगर निगम पर काबिज वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (LDF) से उसकी सबसे मजबूत सत्ता छीन ली है. यह वही जगह है, वही चुनाव है, जहां से राज्य की राजनीति की दिशा और दशा तय होती है. पहले से ही तमाम चुनौतियों का सामना कर रही वाम मोर्चे की सरकार के लिए इसे बड़ा झटका माना जा रहा है.

बीजेपी ने ढाह दिया 4 दशक पुराना लेफ्ट का किला

केरल और लेफ्ट की राजनीति के लिहाज से तिरुवनंतपुरम का बेहद खास महत्व है. तिरुवनंतपुरम न सिर्फ केरल की राजधानी है, बल्कि राष्ट्रीय राजनीति में भी इसकी अहम भूमिका रही है. एक ओर जहां नगर निगम पर लंबे समय से लेफ्ट का कब्जा रहा है, वहीं तिरुवनंतपुरम लोकसभा सीट पर कांग्रेस का परंपरागत दबदबा रहा है. कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर लगातार चार बार से यहां से सांसद चुने जाते रहे हैं. ऐसे में स्थानीय निकाय चुनाव में बीजेपी की जीत और कांग्रेस से शशि थरूर की बढ़ती दूरी ने नए राजनीतिक समीकरणों को जन्म दे दिया है.

विधानसभा जीतने से ज्यादा असरदार तिरुवनंतपुरम के नतीजे

राजनीति के जानकार मानते हैं कि ये चुनाव नतीजे विधानसभा चुनावों में महज 2-3 सीटें जीतने से कहीं ज्यादा असरदार साबित हो सकते हैं. कहा जा रहा है कि शहरी निकाय में बीजेपी की इस जीत ने साफ कर दिया है कि शहरी मतदाताओं के बीच पार्टी की पैठ बढ़ी है और पढ़े-लिखे, मध्यम वर्गीय वोटर्स में उसकी स्वीकार्यता भी लगातार बढ़ रही है. ये वही मतदाता हैं जो दशकों से चली आ रही लेफ्ट और यूडीएफ की दो-ध्रुवीय राजनीति से इतर अब एक नए विकल्प की तलाश में हैं.

तिरुवनंतपुरम की जीत को पीएम मोदी ने बताया वॉटरशेड मोमेंट

बीजेपी ने इस जीत को ऐतिहासिक और निर्णायक जनादेश करार दिया है. पार्टी नेताओं का कहना है कि यह नतीजा केरल में बीजेपी के बढ़ते संगठनात्मक आधार और जनता के बदलते मूड का साफ संकेत है. वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इन नतीजों पर खुशी जाहिर करते हुए राज्य की जनता और पार्टी कार्यकर्ताओं को बधाई दी है.

प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “Thank you Thiruvananthapuram!” पीएम मोदी ने इस जनादेश को केरल की राजनीति का एक ‘वॉटरशेड मोमेंट’ बताया. उन्होंने कहा कि तिरुवनंतपुरम नगर निगम में बीजेपी-एनडीए को मिला समर्थन इस बात का साफ संकेत है कि राज्य की जनता मानती है कि केरल की विकासात्मक आकांक्षाओं को केवल बीजेपी ही पूरा कर सकती है. पीएम मोदी ने भरोसा दिलाया कि उनकी पार्टी तिरुवनंतपुरम जैसे जीवंत शहर के समग्र विकास के लिए पूरी प्रतिबद्धता के साथ काम करेगी और आम लोगों के लिए ‘Ease of Living’ को और बेहतर बनाएगी.

अब तक कहां-कहां किसकी जीत?

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  • त्रिशूर नगर निगम: यूडीएफ ने दर्ज की बड़ी जीत

बता दें कि निवर्तमान तिरुवनंतपुरम नगर निगम में 100 वार्डों में से सीपीआई(एम) के नेतृत्व वाले लेफ्ट फ्रंट के पास 51 सीटें थीं, जबकि बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए के पास 35 सीटें थीं. शेष सीटें कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ और निर्दलीय उम्मीदवारों के पास थीं.

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