क्या है भारत की राष्ट्रभाषा? DMK सांसद कनिमोझी ने स्पेन में दिया ऐसा जवाब कि तालियों से गूंज उठा हॉल, देखें VIDEO
DMK सांसद कनिमोझी करुणानिधि ने भारत के आउटरीच प्रोग्राम के तहत स्पेन में एक सवाल का ऐसा जवाब दिया जिससे पूरा हॉल तालियों से गूंज उठा. एक प्रवासी भारतीय ने सवाल किया कि भारत की राष्ट्रीय भाषा क्या होनी चाहिए और इसे लेकर उनका क्या रुख है? इस प्रश्न का कनिमोझी ने जवाब देते हुए कहा कि भारत की राष्ट्रीय भाषा अनेकता में एकता है.

ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत के सांसदों का प्रतिनिधिमंडल अलग-अलग देश पहुंचकर पाकिस्तान के काले कारनामों की जानकारी दे रहा है. इसी आउटरीच प्रोग्राम के तहत स्पेन पहुंचे एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहीं DMK सांसद कनिमोझी करुणानिधि ने भारत को लेकर एक ऐसा बयान दिया जिसपर हॉल में मौजूद लोग खुद को ताली बजाने से नहीं रोक सके. दरअसल एक प्रेस वार्ता के दौरान एक प्रवासी भारतीय ने सवाल किया कि भारत की राष्ट्रीय भाषा क्या होनी चाहिए और इसे लेकर उनका क्या रुख है? इस सवाल का DMK सांसद ने बड़ा सधा हुआ जवाब दिया. उन्होंने कहा कि 'मुझे लगता है कि भारत की राष्ट्रीय भाषा अनेकता में एकता है. यह संदेश यह प्रतिनिधिमंडल दुनिया के सामने लेकर आया है.'
भारत की राष्ट्रीय भाषा के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में DMK सांसद ने कहा, 'मुझे लगता है कि भारत की राष्ट्रीय भाषा अनेकता में एकता है. यह संदेश यह प्रतिनिधिमंडल दुनिया के सामने लेकर आया है.' उन्होंने कहा कि प्रवासी भारतीय स्पेन में भारत का संदेश फैलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं. कनिमोझी ने कहा, 'प्रवासी समुदाय लोगों को यह बताने और समझाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं कि भारत शांति चाहता है. हमारा स्वतंत्रता संग्राम शांति यानी अहिंसा पर आधारित था. आप लोगों को प्रभावित कर सकते हैं और उनकी राय बना सकते हैं.'
#WATCH | Madrid, Spain: While addressing the Indian diaspora, DMK MP Kanimozhi said, "The national language of India is unity and diversity. That is the message this delegation brings to the world, and that is the most important thing today..." pic.twitter.com/cVBrA99WK3
— ANI (@ANI) June 2, 2025
कनिमोझी के बयानों की चौतरफा चर्चा
भारत की राष्ट्रीय भाषा को लेकर कनिमोझी के मैड्रिड में दिए गए जवाब की चौतरफा चर्चा हो रही है. इस बयान की चर्चा इसलिए भी हो रही है क्योंकि यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में प्रस्तावित त्रि-भाषा नीति पर केंद्र को चुनौती देने में उनकी पार्टी DMK की अग्रणी भूमिका के बीच आया है. दरअसल DMK ने लगातार तर्क दिया है कि NEP में त्रिभाषा नीति गैर-हिंदी भाषी राज्यों पर हिंदी थोपती है. तमिल अस्मिता की बात करने वाली और द्वि-भाषा प्रणाली (तमिल और अंग्रेजी) की प्रबल समर्थक DMK राष्ट्रीय शिक्षा नीति में की गई त्रि-भाषा की व्यवस्था को संघवाद और क्षेत्रीय स्वायत्तता का अपमान मानती है.
दरअसल भाषा को लेकर हाल ही में केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा संपर्क भाषा के रूप में हिंदी के महत्व को दोहराए जाने के बाद यह विवाद फिर से भड़क गया, जिसका DMK नेताओं ने विरोध किया और केंद्र पर शैक्षिक सुधार की आड़ में 'हिंदी-हिंदुत्व एजेंडा' को बढ़ावा देने का आरोप लगाया. बता दें कि कनिमोझी के नेतृत्व में स्पेन, ग्रीस, स्लोवेनिया, लातविया और रूस जाने वाला सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल उन सात बहुदलीय समूहों में से एक है, जिन्हें भारत ने पाकिस्तान की गतिविधियों और भारत की आतंकवाद-रोधी प्रतिक्रिया पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ बातचीत करने के लिए 33 देशों की राजधानियों का दौरा करने का जिम्मा सौंपा है.
प्रतिनिधिमंडल में कौन-कौन से सांसद शामिल?
DMK सांसद कनिमोझी करुणानिधि के नेतृत्व वाले सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल में राजीव राय (SP), मियां अल्ताफ अहमद (J&K NC), ब्रिजेश चौटा (BJP), प्रेम चंद गुप्ता (राष्ट्रीय जनता दल), अशोक कुमार मित्तल (आम आदमी पार्टी), और पूर्व राजनयिक मंजीव एस पुरी और जावेद अशरफ शामिल हैं. शशि थरूर (कांग्रेस), रविशंकर प्रसाद (BJP), जय बैजयंत पांडा (BJP), संजय कुमार झा (जेडीयू), सुप्रिया सुले (एनसीपी-एसपी) और श्रीकांत एकनाथ शिंदे (शिवसेना) के नेतृत्व में ऐसे ही 6 और सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल विभिन्न देशों की राजधानियों का दौरा कर रहे हैं और आतंक के खिलाफ भारत की शून्य सहिष्णुता की नीति को पहुंचा रहे हैं.