क्या है पीएम मोदी की 'ज्ञान भारतम योजना'? लाल किले से देशवासियों को दिया तोहफा, जानें इसकी खासियत
देश के 79वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर पीएम मोदी ने लाल किले से अपने भाषण में पांडुलिपियों और दस्तावेजों को सहेजने का ऐलान किया. उन्होंने कहा कि इसे 'ज्ञान भारतम योजना' के जरिए डिजिटल रूप दिया जाएगा.
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भारत के 79वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले से प्रधानमंत्री मोदी ने अपना संबोधन दिया. देशवासियों के लिए इस खास मौके पर कई बड़ी योजनाओं का भी ऐलान किया, लेकिन इनमें से एक पुरानी योजना का भी जिक्र हुआ, जिसे पीएम मोदी एक नया रूप देने जा रहे हैं. इसके तहत पांडुलिपियों और दस्तावेजों को डिजिटल रूप में लाया जाएगा. सरकार ने इस योजना को 'ज्ञान भारतम' नाम दिया है. जानकारी के लिए बता दें कि पीएम मोदी की 'ज्ञान भारतम योजना' के तहत पांडुलिपियों को भावी पीढ़ियों के लिए संरक्षित करने की तैयारी है.
पीएम मोदी ने देश की भाषाई विविधता की सराहना की
लाल किले से पीएम मोदी ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि 'भारत की भाषाई विविधता अपूर्व और अमूल्य है. हमने मराठी, असमिया, बांग्ला, पाली और प्राकृत भाषा को शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिया है. ये भाषाएं जितनी समृद्ध होंगी, उतनी ही ज्ञान प्रणालियां भी मजबूत होंगी. इस युग में डेटा एक वैश्विक ताकत है और हमें इस पर गर्व होना चाहिए. इसके विकास के लिए हमें हर संभव प्रयास करना चाहिए. इसी वजह से हमने पुरानी पांडुलिपियों और दस्तावेजों को सुरक्षित करने का संकल्प लिया है, जिन्हें 'ज्ञान भारतम' योजना के तहत डिजिटल बनाने की तैयारी है.'
देश के युवाओं से पीएम मोदी का खास आह्वान
पीएम मोदी ने अपने भाषण के जरिए देश के युवाओं से स्वदेशी सोशल मीडिया, ऑपरेटिंग सिस्टम और सूचना प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों के अन्य प्लेटफॉर्म विकसित करने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि 'आईटी एक युग है और इसमें डेटा की ताकत है. वर्तमान समय की मांग यही है कि ऑपरेटिंग सिस्टम से लेकर साइबर सुरक्षा, डीप टेक्नोलॉजी से लेकर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तक सारी चीजें हमारी हों, जिन पर हमारे ही लोगों की क्षमता टिकी हो. उनकी शक्ति का परिचय विश्व को कराया जाए. इस बात से कोई इनकार नहीं कर सकता कि 21वीं सदी प्रौद्योगिकी-आधारित सदी है. जिन-जिन देशों ने इसमें महारत हासिल की है, वे विकास की ऊंचाइयों को पार कर रहे हैं. इनमें कई देश ऐसे हैं, जो शिखर पर पहुंच चुके हैं.'
क्या है पांडुलिपि?
बता दें, पांडुलिपि और दस्तावेज दोनों ही लिखित सामग्री हैं, लेकिन इनमें कुछ अंतर है. पांडुलिपि एक हस्तलिखित ग्रंथ है, जिसे पुस्तक के रूप में प्रकाशित करने का इरादा होता है, जबकि दस्तावेज किसी भी प्रकार की लिखित या मुद्रित सामग्री हो सकती है, जो किसी घटना या जानकारी को रिकॉर्ड करती है. पांडुलिपि हाथ से लिखी गई पुस्तक या लेख होती है, जो आमतौर पर प्रकाशन से पहले एक मसौदा या प्रारंभिक संस्करण होता है. पांडुलिपियां विभिन्न सामग्रियों पर लिखी जा सकती है, जैसे कागज, ताड़ के पत्ते या भोजपत्र. प्रिंटिंग प्रेस के आने से पहले, सभी पुस्तकें और दस्तावेज पांडुलिपियों के रूप में ही होते थे.
क्या है दस्तावेज?
दस्तावेज किसी भी प्रकार की लिखित या मुद्रित सामग्री है, जो किसी घटना, जानकारी या समझौते का रिकॉर्ड होता है. दस्तावेज पांडुलिपि से अलग होते हैं, क्योंकि वह हाथ से लिखे जा सकते हैं या मुद्रित हो सकते हैं. दस्तावेज विभिन्न रूपों में हो सकते हैं, जैसे - पत्र, रिपोर्ट, अनुबंध या कानूनी दस्तावेज.
क्या है दोनों में अंतर?
पांडुलिपि और दस्तावेज में कुछ अंतर होते हैं. पांडुलिपि एक हस्तलिखित पाठ है, जो प्रकाशन के लिए तैयार होता है, जबकि दस्तावेज किसी भी प्रकार की लिखित या मुद्रित सामग्री हो सकती है. पांडुलिपि एक विशेष प्रकार का दस्तावेज है, जबकि दस्तावेज पांडुलिपि से अधिक व्यापक शब्द है. उदाहरण के तौर पर, एक लेखक द्वारा लिखी गई पुस्तक का मसौदा एक पांडुलिपि है, वहीं एक अदालत में प्रस्तुत किया गया कानूनी अनुबंध एक दस्तावेज है. किसी ऐतिहासिक घटना का वर्णन करने वाला कोई पत्र भी एक दस्तावेज है.
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