लखीमपुर खीरी: डिलीवरी के दौरान हुई नवजात की मौत, इंसाफ के लिए थैले में शव लेकर डीएम ऑफिस पहुंचा पिता
विपिन गुप्ता ने यह भी आरोप लगाया कि उनकी पत्नी के साथ अस्पताल स्टाफ ने बेहद अमानवीय और अभद्र व्यवहार किया. उन्होंने चीख-चीखकर अधिकारियों को बताया कि अस्पताल की लापरवाही ने उनके बच्चे की जान ले ली और पत्नी की जिंदगी भी खतरे में डाल दी.
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लखीमपुर खीरी : जिले के भीरा थाना क्षेत्र अंतर्गत नौसर गांव में एक निजी अस्पताल की लापरवाही से एक नवजात की मौत का मामला सामने आया है. मृतक नवजात के पिता विपिन गुप्ता अपने बच्चे के शव को झोले में लेकर जब कलेक्ट्रेट पहुंचे, तो मौके पर अफरा-तफरी मच गई. उन्होंने अस्पताल प्रशासन पर गंभीर लापरवाही और दुर्व्यवहार का आरोप लगाते हुए न्याय की मांग की.
क्या है पूरा मामला?
विपिन गुप्ता ने बताया कि उनकी गर्भवती पत्नी को प्रसव पीड़ा होने पर गोलदार अस्पताल में भर्ती कराया गया था. आरोप है कि अस्पताल प्रशासन ने 8,000 रुपये लेने के बावजूद यह कहकर इलाज रोक दिया कि पैसे कम हैं. हालात बिगड़ने पर न केवल प्रसव नहीं कराया गया, बल्कि गर्भवती महिला को धक्का देकर बाहर निकाल दिया गया.
इसके बाद विपिन अपनी पत्नी को किसी तरह एक अन्य अस्पताल लेकर गए, जहां महिला ने एक मृत बच्चे को जन्म दिया. विपिन का आरोप है कि यदि समय पर सही इलाज मिलता, तो उनके बच्चे की जान बच सकती थी.
अस्पताल पर लापरवाही का आरोप
In #UttarPradesh's #LakhimpurKheri, a man arrived at the district collectorate with his dead newborn in a bag.
— Hate Detector 🔍 (@HateDetectors) August 22, 2025
The man complained of alleged medical negligence at a private hospital in the district. pic.twitter.com/MOKXooLQ5y
विपिन गुप्ता ने यह भी आरोप लगाया कि उनकी पत्नी के साथ अस्पताल स्टाफ ने बेहद अमानवीय और अभद्र व्यवहार किया. उन्होंने चीख-चीखकर अधिकारियों को बताया कि अस्पताल की लापरवाही ने उनके बच्चे की जान ले ली और पत्नी की जिंदगी भी खतरे में डाल दी.
गोलदार अस्पताल को किया गया सील
मामले की गंभीरता को देखते हुए जिलाधिकारी के आदेश पर सीएमओ डॉ. संतोष गुप्ता, एसडीएम अश्विनी कुमार और स्थानीय पुलिस बल मौके पर पहुंचे. तत्काल प्रभाव से गोलदार अस्पताल को सील कर दिया गया और वहां मौजूद मरीजों को सुरक्षित जिला महिला अस्पताल में शिफ्ट किया गया.
डीएम ने उठाया इलाज का पूरा खर्च
प्रशासन ने पीड़ित परिवार को हर संभव मदद देने का आश्वासन दिया है. जिलाधिकारी ने निर्देश दिया है कि महिला को सर्वोत्तम इलाज उपलब्ध कराया जाए. साथ ही डीएम ने महिला के इलाज का पूरा खर्च स्वयं वहन करने की घोषणा की है. फिलहाल महिला की स्थिति में सुधार हो रहा है.
जिम्मेदार लोगों पर होगी सख्त कार्रवाई
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प्रशासन की ओर से पूरे मामले की जांच की जा रही है. शुरुआती तथ्यों के आधार पर अस्पताल पर लापरवाही और अमानवीय व्यवहार के आरोप गंभीर माने जा रहे हैं. जांच के बाद जिम्मेदार लोगों पर सख्त कार्रवाई की बात कही गई है.
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