केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयाल ने कहा भारत एआई युग में रहेगा सबसे आगे
मुंबई टेक वीक 2025 में अपनी बातचीत में केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा, "मुझे पूरा विश्वास है कि आवश्यक इंफ्रास्ट्रक्चर, पूंजी और कौशल उपलब्धता में किए जा रहे निवेश के साथ मुंबई भारत का टेक हब बन सकता है
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केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि मोदी सरकार की दमदार नीतियों के कारण उद्यमियों और इनोवेटर्स को नई डिजिटल लहर का लाभ उठाने में मदद मिलेगी, जिससे भारत एआई युग में सबसे आगे रहेगा। मुंबई टेक वीक 2025 में अपनी बातचीत में केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा, "मुझे पूरा विश्वास है कि आवश्यक इंफ्रास्ट्रक्चर, पूंजी और कौशल उपलब्धता में किए जा रहे निवेश के साथ मुंबई भारत का टेक हब बन सकता है।"उन्होंने कहा कि भारत की आर्थिक राजधानी में एक प्रमुख टेक हब बनने के लिए सभी जरूरी तत्व मौजूद हैं।
Had an excellent interaction at the Mumbai Tech Week 2025, where I had the opportunity to speak at length about India's huge advantage in adopting AI and contributing to its ethical usage.
— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) March 1, 2025
With the Modi Govt’s sound policies playing the role of an enabler for entrepreneurs &… pic.twitter.com/kV47vWETUc
केंद्रीय मंत्री ने 'एक्स' पर पोस्ट किया, "मुंबई टेक वीक 2025 में शानदार बातचीत हुई, जहां मुझे एआई को अपनाने और इसके नैतिक उपयोग में योगदान देने में भारत के लाभ के बारे में विस्तार से बोलने का मौका मिला।"भारत आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को अपनाने में लीडरशिप पोजीशन स्थापित कर रहा है। देश ने 2024 में 3 बिलियन एआई- रिलेटेड-ऐप डाउनलोड दर्ज किए, जो अमेरिका के 1.5 बिलियन और चीन के 1.3 बिलियन की संख्या से कहीं आगे था।माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्य नडेला के अनुसार, यह दर्शाता है कि भारत 'यूज केस कैपिटल ऑफ एआई' है, जिसका अर्थ है कि देश केवल एआई के बारे में केवल बात ही नहीं कर रहा है या एआई में केवल रिसर्च ही नहीं कर रहा है; यह असल में इसे बड़े पैमाने पर लागू भी कर रहा है।
पिछले महीने पेरिस में एआई एक्शन समिट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बारे में बात की कि कैसे एआई केवल एक राष्ट्रीय मुद्दा नहीं बल्कि एक वैश्विक जिम्मेदारी है।उन्होंने जोर देकर कहा कि एक ऐसा एआई होना बहुत जरूरी है जो नैतिक, इंक्लूसिव और भरोसेमंद हो। पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि दुनिया एआई युग की शुरुआत में थी, जहां यह टेक्नोलॉजी तेजी से मानवता के लिए कोड लिख रही थी और "हमारी राजनीति, अर्थव्यवस्था, सुरक्षा और समाज" को नया आकार दे रही थी।
इस बात पर जोर देते हुए कि प्रभाव के मामले में एआई मानव इतिहास में दूसरे तकनीकी मील के पत्थरों से बहुत अलग है, उन्होंने साझा मूल्यों को बनाए रखने, जोखिमों को संबोधित करने और विश्वास का निर्माण करने वाले शासन और मानकों को स्थापित करने के लिए सामूहिक वैश्विक प्रयासों का आह्वान किया।उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत अपने अनुभव साझा करने के लिए तैयार है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि एआई का लाभ सभी तक पहुंचे। प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी घोषणा की कि भारत अगले एआई सम्मेलन की मेजबानी करेगा।
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