कांवड़ यात्रा को लेकर CM Yogi का ऐसा फैसला, परेशान हो गए मुसलमान
कांवड़ यात्रा शुरु होने जा रही है, उससे ठीक पहले सीएम योगी ने एक ऐसा फ़रमान जारी कर दिया है जिससे मुस्लिमों में हड़कंप मच गया है।
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योगी के एक फैसले से मुसलमानों में मची भगदड़
ये फैसला ऐसे वक़्त में आया है जब कुछ एक घटनाओं से कांवड़ियों की आस्था को पहले आघात पहुंचाया जा चुका है। इस बार ऐसा कुछ ना हो, इसी को देखते हुए यूपी पुलिस ने ये बड़ा फ़ैसला लिया है। दरअसल योगी सरकार के आदेश पर यूपी पुलिस ने आदेश दिया है कि कांवड़ रूट के दुकानों-ठेले वालों कों अपनी दुकानों पर नाम लिखना होगा, साथ ही पहचान बतानी होगी। CMO के मुताबिक़, कावड़ यात्रा की आस्था का ध्यान रखते हुए ये फ़ैसला लिया गया है औ हलाल सर्टिफिकेशन वाले प्रोडेक्ट बेचनेवालों पर भी कार्रवाई होगी।
एक तरफ़ योगी सरकार इस फ़ैसले पर चारों तरफ से घिर गई है, इसे योगी सरकार का Anti Muslim फैसला कहकर इसपर जवाब मांगा जा रहा है तो वहीं दूसरी तरफ़ यूपी सरकार के मंत्री कपिल देव ने इस फ़ैसले का बचाव किया है।उन्होंने कहा -
जैसे ही ये फैसला आया वैसे ही मुज़फ़्फ़रनगर के बाज़ारों की तस्वीरों बदल गईं। दूसरी तरफ़ बीजेपी विरोधी दल योगी सरकार को इस फ़ैसले पर घेर रहे हैं। बसपा प्रमुख मायावती ने लिखा- यूपी व उत्तराखण्ड सरकार द्वारा कावंड़ मार्ग के व्यापारियों को अपनी-अपनी दुकानों पर मालिक व स्टाफ का पूरा नाम प्रमुखता से लिखने व मांस बिक्री पर भी रोक का यह चुनावी लाभ हेतु आदेश पूर्णतः असंवैधानिक। धर्म विशेष के लोगों का इस प्रकार से आर्थिक बायकाट करने का प्रयास अति-निन्दनीय।
सपा मुखिया अखिलेश यादव ने लिखा- मुज़फ़्फ़रनगर पुलिस ने जनता के भाईचारे और विपक्ष के दबाव में आकर आख़िरकार होटल, फल, ठेलोंवालों को अपना नाम लिखकर प्रदर्शित करने के प्रशासनिक आदेश को स्वैच्छिक बनाकर जो अपनी पीठ थपथपायी है, उतने से ही अमन-औ-चैन पसंद करनेवाली जनता माननेवाली नहीं है। ऐसे आदेश पूरी तरह से ख़ारिज होने चाहिए। माननीय न्यायालय सकारात्मक हस्तक्षेप करते हुए शासन के माध्यम से ये सुनिश्चित करवाए कि भविष्य में ऐसा कोई भी विभाजनकारी काम शासन-प्रशासन नहीं करेगा।ये प्रेम और सौहार्द से उपजी एकता की जीत है।
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