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Yogi के फ़ैसले से NDA में फूट ! जयंत-नीतीश-चिराग सब नाराज़

रातों रात Yogi के एक फ़ैसले से NDA में पड़ गई फूट ! भागे-भागे फिर रहे Jayant-Nitish-Chirag

साल 2017 में यूपी की सत्ता में क़ाबिज़ हुए योगी आदित्यनाथ अपने फ़ैसलों को लेकर अड़ियल हैं, प्रदेश की जनता ने ये सिर्फ़ सुना था, अब इसका जीता जागता उदाहरण भी सबके सामने है। कांवड़ यात्रा को लेकर एक ऐसा फ़ैसला सीएम की तरफ़ से लिया गया कि विपक्ष तो छोड़िए अपने ही सहयोगी दल और उसके नेता इसपर लगातार आपत्ति दर्ज करा रहे हैं लेकिन योगी किसी की सुनने को तैयार नहीं है। सुनना तो छोड़िए वो तो इस बात पर ध्यान दे रहे हैं कि उनके आदेश का पालन अच्छी तरह से हो भी रहा है या नहीं।

योगी के एक फ़ैसले से नाराज़ हो गए सहयोगी दल

कांवड़ यात्रा को लेकर सीएम ने एक ऐलान किया। उन्होंने कहा कि कांवड़ रूट पर पड़ने वाली सभी दुकानों पर नेम प्लेट लगाई जाए। इस फ़रमान के आते ही मुसलमानों में हड़कंप मच गया। उन्हें इस बात की नाराज़गी है कि उनका नाम देखकर उनकी दुकान पर आएगा कौन ? कांवड़ के मौसम में तो उनका रोज़गार पूरी तरह से ठप हो जाएगा। सिर्फ़ आम मुस्लिम लोग ही नहीं बल्कि विरोधी दलों के नेताओं ने भी इस मुद्दे को हाइलाइट करना शुरु कर दिया। योगी टस से मस नहीं हुए।

लेकिन अब जब NDA के साथियों ने ही योगी को घेरना शुरु कर दिया है तो भी योगी पर रत्ती भर का फ़र्क़ नहीं पड़ रहा। ऐसा लगा रहा है जैसे योगी अपने फ़ैसले को बदलने वाले नहीं है फिर चाहे NDA के घटक दल ही इसका विरोध क्यों ना करने लगे ? कौन कौन विरोध कर रहा है चलिए ये आपको बताते हैं। सबसे पहले तो बात करते हैं RLD की। जयंत चौधरी की पार्टी ने इसका विरोध किया है। RLD के यूपी अध्यक्ष रामाशीष राय ने फ़ैसले को ग़ैर संवैधानिक बताया है और कहा है कि ये फ़ैसला सांप्रदायिकता बढ़ाने वाला है। उन्होंने इसे वापस लेने की मांग की है।अब आ जाइये नीतीश कुमार वाली जेडीयू पर। जेडीयू के प्रवक्ता केसी त्यागी ने एक बार फिर से समीक्षा करने की मांग की है, उन्होंने साफ़ कहा कि ऐसा कोई भी आदेश जारी नहीं होना चाहिए जिससे सांप्रदियाक विभाजन पैदा हो। उन्होंने कहां मुज़फ़्फ़रनगर में तो ऐसा देखा गया है कि कांवड़ियों की मदद मुसलमान करते हैं।

उधर LJP के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री चिराग़ पासवान ने भी सीएम योगी के फ़ैसले पर सवाल उठा दिए हैं। उन्होंने साफ़ कहा कि अगर कहीं भी जाति या धर्म के विभाजन की बात होगी तो मैं उसका समर्थन नहीं करुंगा। बीजेपी के वरिष्ठ नेता मुख़्तार अब्बास नकवी ने भी योगी सरकार के फ़ैसले पर सवाल उठाए, इसे छुआ-छूत को बढ़ावा देने वाला बताया, बाद में हालाँकि वो पलट गए। उन्होंने कहा कि चलिए ठीक है आस्था को ध्यान में रखकर ये फ़ैसला लिया गया।

बाक़ी अखिलेश से लेकर मायावती तो इस फ़ैसले का जमकर विरोध कर ही रही हैं। असदु्द्दी औवेसी भी पीछे नहीं हैं। फ़िलहाल इतना तय है कि योगी किसी की सुनने को तैयार नहीं है चाहे अपने सहयोगी दल ही क्यों ना नाराज़ हो जाएं।

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