राजीव कृष्ण बने यूपी के नए DGP, योगी सरकार ने जारी किया आदेश, प्रशांत कुमार को नहीं मिला सेवा विस्तार
यूपी की योगी सरकार ने डीजीपी प्रशांत कुमार की सेवा विस्तार पर रोक लगाते हुए, नए डीजीपी का ऐलान किया है. 1991 बैच के आईपीएस अधिकारी राजीव कृष्ण को प्रदेश का नया डीजीपी बनाया गया है. 31 मई की रात को उन्होंने अपना पदभार ग्रहण किया.

यूपी की योगी सरकार ने राजीव कृष्ण को प्रदेश का नया डीजीपी बनाया है. 1991 बैच के आईपीएस अधिकारी को ने अहम पद सौंपते हुए, प्रशांत कुमार के सेवा विस्तार पर रोक लगा दी. ऐसे में यूपी में पिछले कई दिनों से नए डीजीपी को लेकर चल रही उथल-पुथल पर विराम लग गया है. राजीव कृष्ण को 11 वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों को सुपरसीड करते हुए डीजीपी पद के लिए चुना गया है. 31 मई की रात करीब 9 बजे उन्होंने अपना पदभार संभाला है. इससे पहले वह कई अहम पदों पर अपनी जिम्मेदारी निभा चुके हैं. डीजीपी से पहले वह यूपी पुलिस में डिजी का पद संभाल चुके हैं.
भरोसेमंद अफसरों में होती है गिनती
आइपीएस अधिकारी राजीव कृष्ण करीब 3 दशक से अधिक अपने लंबे करियर में कई बड़ी भूमिकाओं को निभा चुके हैं. उनकी गिनती ईमानदार अफसरों में होती है. वर्तमान में उन्होंने एक साथ दो बड़े पदों को संभाल रख था, इनमें डिजी इंटेलिजेंस और पुलिस भर्ती बोर्ड के चेयरमैन जैसे अहम पद शामिल है. वह शासन के काफी करीबी माने जाते हैं. यही वजह है कि योगी सरकार ने उन्हें इस पद के लिए चुना है.
कई बार चर्चाओं में रहे हैं
बता दें कि साल 2004 में वह आगरा एसएसपी के पद पर तैनात थे. उस दौरान हुई एक कार्रवाई की वजह से वह चर्चा में आए थे. उन्होंने विशेष अभियान के तहत अपराधियों पर शिकंजा कसा था. वह बीहड़ इलाके में सक्रिय अपहरण गिरोहों के खिलाफ भी बड़ी कार्रवाई कर चुके हैं.
इन जिलों की संभाल चुके हैं जिम्मेदारी
आपको बता दें कि राजीव कृष्णा यूपी के कई जिलों में तैनात रह चुके हैं. इनमें लखनऊ, मथुरा, इटावा, आगरा और नोएडा समेत कई अन्य जिलों में बतौर कप्तान भूमिका निभाई है. इसके अलावा वह लखनऊ के एडीजी जोन और केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर बार्डर सिक्योरिटी फोर्स में आईजी ऑपरेशन रहे हैं. कल्याण सिंह की सरकार में यूपी में एटीएस के गठन में भी उनकी अहम भूमिका थी. उनकी पत्नी मीनाक्षी सिंह वरिष्ठ आईआरएस अधिकारी हैं, जो लखनऊ स्थित आयकर विभाग के मुख्यालय में तैनात हैं.
राजीव कृष्ण का जन्म और पढ़ाई-लिखाई
बता दें कि यूपी के सीनियर आईपीएस अधिकारियों में शामिल राजीव कृष्ण का जन्म गौतमबुद्ध नगर जिले में 20 जून 1969 को हुआ था. 12वीं के बाद उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक्स और कम्यूनिकेशन में बीई की पढ़ाई की है. उसके बाद उन्होंने यूपीएससी की तैयारी शुरू की. साल 1991 में यूपीएससी क्लियर करने के साथ वह आईपीएस अधिकारी बने. उनका साल 1995 में सीनियर स्केल में प्रमोशन हुआ था.
प्रशांत कुमार को नहीं मिला सेवा विस्तार
बता दें कि 31 मई को रिटायर होने वाली लिस्ट 5 अफसरों के नाम थे, लेकिन इनमें प्रशांत कुमार का नाम नहीं था. जिसके बाद ऐसा अनुमान लगाया जा रहा था कि शायद उनको सेवा विस्तार का मौका मिले, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. वह इसी दिन रिटायर हो गए. हालांकि, केंद्र को भेजे गए एक पत्र में भी उनके इस पद पर बने रहने की संभावना जताई जा रही थी, फिलहाल राजीव कृष्ण डीजीपी पद की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं.
यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा के हीरो रह चुके हैं
यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा का पीपर लीक होने के बाद योगी सरकार पर कई बड़े सवाल उठे थे, लेकिन सरकार ने अपने भरोसेमंद अफसरों में से एक राजीव कृष्ण को इस भर्ती बोर्ड परीक्षा का अध्यक्ष बनाया था. इतनी अहम जिम्मेदारी मिलने के बाद उन्होंने 60,244 पदों की सीधी भर्ती की लिखित परीक्षा सकुशल संपन्न कराई. इस वजह से प्रदेश सरकार का उनके काबिलियत पर और भी ज्यादा भरोसा हो गया. वह इस परीक्षा के हीरो के रूप में उभरे थे. ऐसे में सरकार ने उनका लोहा मानते हुए बड़ा इनाम दिया है.