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बरेली विवाद पर सियासी टकराव, सपा प्रतिनिधिमंडल को रोका, प्रशासन ने राजनीतिक प्रवेश पर लगाई रोक

पुलिस और प्रशासन ने बरेली के प्रवेश मार्गों पर कड़ी निगरानी शुरू कर दी है. अधिकारियों की मानें तो अभी बरेली जाने की इजाजत किसी को नहीं दी जाएगी. पुलिस का कहना है कि सुरक्षा और कानून-व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए यह कदम उठाया गया है.

04 Oct, 2025
( Updated: 06 Dec, 2025
11:20 PM )
बरेली विवाद पर सियासी टकराव, सपा प्रतिनिधिमंडल को रोका, प्रशासन ने राजनीतिक प्रवेश पर लगाई रोक

बरेली हंगामे के लगभग एक हफ्ते बाद शनिवार को हाई वोल्टेज राजनीतिक ड्रामा देखा गया. समाजवादी पार्टी का प्रतिनिधिमंडल बरेली में पुलिस की लाठियां खाने वाले लोगों से मिलने के लिए अड़ा रहा, लेकिन जगह-जगह पहरा लगा रही पुलिस ने उन्हें रोक दिया.

विपक्ष ने नेताओं के घर के बाहर पुलिस बल तैनात

उत्तर प्रदेश विधानसभा में नेता विपक्ष माता प्रसाद पांडे के लखनऊ स्थित आवास के बाहर भारी पुलिस तैनाती की गई. सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क के घर के बाहर भी पुलिस बल तैनात है.

समाजवादी पार्टी के प्रतिनिधिमंडल को बरेली जाने से रोका

दरअसल, समाजवादी पार्टी के 14 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल को शनिवार को बरेली जाना था, जिसकी अगुवाई खुद माता प्रसाद पांडे को करनी थी. सपा ने तय किया कि यह प्रतिनिधिमंडल बरेली में उन लोगों और परिवारों से मुलाकात करेगा, जिनके खिलाफ प्रदर्शन के दौरान एक्शन हुआ. पार्टी नेताओं का कहना है कि सपा का यह प्रतिनिधिमंडल बरेली में हाल के घटनाक्रमों, विशेष रूप से सामाजिक और कानून-व्यवस्था से जुड़े मुद्दों के बारे में समझना चाह रहा था.

क्या बोले माता प्रसाद पांडे

माता प्रसाद पांडे ने कहा, "हम शांतिपूर्ण तरीके से बरेली जाकर जनता की आवाज उठाना चाहते हैं. यह हमारा लोकतांत्रिक अधिकार है." उन्होंने प्रशासन के रुख को अलोकतांत्रिक बताया और कहा कि जनप्रतिनिधियों को रोकना संविधान के खिलाफ है.

उन्होंने यह भी कहा कि वहां कोई सांप्रदायिक दंगा नहीं हुआ. वहां के लोग शांतिपूर्ण ढंग से अपनी बात कहने जा रहे थे, लेकिन लोगों पर मुकदमे लिखे जा रहे हैं और उन्हें जेलों में डाला जा रहा है. वहां के लोग प्रशासन से भयभीत हैं.

समाजवादी पार्टी के नेताओं ने दी चेतावनी 

समाजवादी पार्टी के नेताओं ने चेतावनी दी है कि अगर उसके नेताओं को बरेली जाने से रोका गया, तो वे धरना-प्रदर्शन पर बैठेंगे.

इस बीच, पुलिस और प्रशासन ने बरेली के प्रवेश मार्गों पर कड़ी निगरानी शुरू कर दी है. अधिकारियों की मानें तो अभी बरेली जाने की इजाजत किसी को नहीं दी जाएगी. पुलिस का कहना है कि सुरक्षा और कानून-व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए यह कदम उठाया गया है.

राजनैतिक व्यक्ति को बरेली में प्रवेश की अनुमति नहीं

वहीं, बरेली प्रशासन ने कड़ा रुख अपनाते हुए कहा है कि मौजूदा परिस्थितियों में किसी भी राजनैतिक गतिविधि की अनुमति नहीं दी जा सकती है. बरेली प्रशासन ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि किसी भी राजनैतिक व्यक्ति को जिले में प्रवेश की अनुमति नहीं है.

एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हमने शांति व्यवस्था को बरकार रखने के लिए सभी राजनैतिक दलों को यहां आने से मना किया है, जिससे यहां की कानून व्यवस्था ठीक रहे और शांति रहे.

26 सितंबर को बरेली में हुआ था आई लव मोहम्मद' पोस्टर विवाद 

गौरतलब है कि बरेली में 26 सितंबर को जुमे की नमाज के बाद 'आई लव मोहम्मद' पोस्टर विवाद को लेकर मुस्लिम समुदाय के लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया था. इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल के प्रमुख मौलाना तौकीर रजा के ऐलान के बाद यह प्रदर्शन हुआ था, जिसे पुलिस ने अनुमति नहीं दी थी.

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बाद में भीड़ के बेकाबू होने के कारण पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा. इस मामले में अब तक कई लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं.

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