खराब मौसम के वक्त अब पायलट्स को रखना होगा इन बातों का भी ध्यान, DGCA ने जारी कीं नई गाइडलाइंस
DGCA ने खराब मौसम में फ्लाइट ऑपरेशन को लेकर एयरलाइन कंपनियों के लिए नए गाइडलाइंस जारी की हैं. इन नए नियमों में साफ कहा गया है कि फ्सुरक्षा से ज्यादा अहम लाइट का टाइम टेबल नहीं है. DGCA ने पायलट्स को जरूरत पड़ने पर फ्लाइट का रूट बदलने की भी छूट दी है.

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हाल के दिनों में विमानों में खराबी से जुड़ी घटनाओं के कई मामले सामने आए हैं. ऐसे में देश की विमानन सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए एविएशन रेगुलेटर डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन यानी DGCA ने बड़ा कदम उठाया है. DGCA ने खराब मौसम में फ्लाइट ऑपरेशन को लेकर एयरलाइन कंपनियों के लिए नए गाइडलाइंस जारी किए हैं. इन नए नियमों में साफ कहा गया है कि फ्सुरक्षा से ज्यादा अहम लाइट का टाइम टेबल नहीं है. DGCA ने पायलट्स को जरूरत पड़ने पर फ्लाइट का रूट बदलने की भी छूट दी है.
DGCA का कंपनियों को अपडेटेड ऑपरेशन सर्कुलर
शेड्यूल्ड और नॉन-शेड्यूल्ड एयरलाइन कंपनियों को अपडेटेड ऑपरेशन सर्कुलर जारी करते हुए रेगुलेटर ने कहा कि पायलटों को इंस्ट्रूमेंट से दृश्यता की जांच करनी चाहिए, ताकि खराब मौसम या बारिश में लैंडिंग से पहले सही फैसला लिया जा सके. गीली रनवे या रात में बारिश के दौरान होने वाले भ्रम से बचने के लिए सटीक लैंडिंग आकलन जरूरी होगा. आपको बता दें कि यह सर्कुलर केदारनाथ रीजन में हाल ही में हुई हेलीकॉप्टर दुर्घटनाओं और पिछले महीने श्रीनगर जा रही इंडिगो की फ्लाइट में आए टर्ब्यूलेंस को देखते हुए जारी किया गया है.
टाइम टेबल के पालन पर सेफ्टी को प्रायोरिटी
ऑपरेशन संबंधी अनिश्चितता पर क्लाइमेंट चेंज के बढ़ते प्रभाव का हवाला देते हुए DGCA ने फ्लाइट क्रू को बहुत ज्यादा सतर्कता बनाए रखने की सलाह दी है. सर्कुलर में कहा गया है कि टाइम टेबल के पालन पर सेफ्टी को प्रायोरिटी दी जानी चाहिए. फ्लाइट्स की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कम से कम 20 नॉटिकल माइल्स दूर से तूफानी इलाकों को पार करने की सलाह दी गई है. तूफानी बादलों के नीचे फ्लाइट को पूरी तरह मना किया गया है, क्योंकि इससे बिजली गिरने, हवा के झोंके और ओलावृष्टि का खतरा बढ़ता है.
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पायलट्स और क्रू मेंबर्स के लिए DGCA का निर्देश
DGCA ने निर्देश दिए हैं कि टर्बुलेंस या खराब मौसम में पायलटों को पहले यात्रियों को अनाउंसमेंट से सूचित करना है. केबिन क्रू को भी समय पर जानकारी देनी है ताकि वे स्थिति संभाल सकें. पायलटों को टर्बुलेंस या मौसम की जानकारी तुरंत एयर ट्रैफिक कंट्रोल को देनी है ताकि बेहतर तालमेल और जागरूकता बनी रहे.