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1993 बम धमाकों के आरोपी फारूक टकला को मुंबई की कोर्ट ने सुनाई 5 साल की सजा, जाली पासपोर्ट मामले में था दोषी

66 वर्षीय फारूक यासीन मंसूर उर्फ फारूक टकला को 2018 में फर्जी पासपोर्ट पर दुबई से भारत आने के मामले में बीते शनिवार को दोषी ठहराया गया था। अदालत ने सोमवार को सजा का ऐलान किया और उसे पांच साल की सजा सुनाई।

मुंबई की स्पेशल सेशन कोर्ट ने 1993 बम धमाकों के आरोपी फारूक टकला को पासपोर्ट जालसाजी मामले में पांच साल की सजा सुनाई है. फारूक टकला पर 1993 के मुंबई बम विस्फोट मामले के मुख्य मास्टरमाइंड में से एक होने का आरोप है. 


फारूक टकला को हुई 5 साल की सजा


दरअसल, 66 वर्षीय फारूक यासीन मंसूर उर्फ फारूक टकला को 2018 में फर्जी पासपोर्ट पर दुबई से भारत आने के मामले में बीते शनिवार को दोषी ठहराया गया था. अदालत ने सोमवार को सजा का ऐलान किया और उसे पांच साल की सजा सुनाई.


जाली पासपोर्ट मामले में था दोषी


रिकॉर्ड में उपलब्ध दस्तावेजी साक्ष्य से पता चलता है कि आरोपी ने मुस्ताक मोहम्मद मियां नाम का इस्तेमाल करके पासपोर्ट और पासपोर्ट नवीनीकरण के लिए आवेदन किया था. हालांकि, यह उसका असली नाम नहीं था और उसने पासपोर्ट आवेदन के दौरान गलत जानकारी और जाली हस्ताक्षर किए थे.


अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट आर.डी. चव्हाण ने सजा का ऐलान करते हुए कहा, "ऐसा प्रतीत होता है कि आरोपी ने अपनी असली पहचान छिपाकर रखी."


दाऊद  का करीबी है फारूक टकला


1993 मुंबई बम धमाकों का मुख्य आरोपी दाऊद इब्राहिम के सहयोगी फारूक टकला को साल 2018 में दुबई से गिरफ्तार किया गया था. इसके बाद उसे मुंबई डिपोर्ट किया गया.


उल्लेखनीय है कि फारूक टकला के खिलाफ साल 1995 में रेड कॉर्नर नोटिस भी जारी किया गया था.


इससे पहले, मुंबई की एक विशेष टाडा कोर्ट ने बीते अप्रैल में 1993 के सिलसिलेवार बम धमाकों के मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक टाइगर मेमन और उसके परिवार की 14 संपत्तियों को केंद्र सरकार को सौंपने का आदेश दिया था. इन संपत्तियों में फ्लैट, खाली प्लॉट, ऑफिस और दुकानें शामिल हैं.


1993 में हुए बम धमाकों में 250 लोगो की हुई थी मौत 


1993 में हुए इन बम धमाकों में 250 से अधिक लोग मारे गए थे और सैकड़ों घायल हुए थे. यह हमला देश के सबसे घातक आतंकवादी हमलों में से एक था, जिसमें अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम और टाइगर मेमन का नाम सामने आया था.


टाइगर मेमन 1993 बम धमाकों का मास्टरमाइंड माना जाता है और वह अभी भी फरार है. धमाकों की साजिश रचने, उन्हें अंजाम तक पहुंचाने और आतंकी संगठनों से संबंध रखने के आरोप में उसके भाई याकूब मेमन को 2015 में फांसी दी जा चुकी है.

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