हिज़्बुल्लाह चीफ़ नसरल्लाह की मौत से सदमे में महबूबा मुफ़्ती, रद्द की चुनावी सभाएं
इज़रायल द्वारा किए गये इस हमले का विरोध भी शुरू हो गया है जिसकी आँच अब भारत तक पहुंच चुकी है। जम्मू-कश्मीर में चुनावी दौर के बीच पीडीपी प्रमुख महबूब मुफ़्ती ने हिज़्बुल्लाह चीफ़ नसरलल्लाह को शहीद बताते हुए एक दिन के लिए अपनी चुनाव प्रचार अभियान को रद्द कर दिया है।
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इज़रायल ने जिस तरह से हिज़्बुल्लाह को ख़त्म करने की क़सम खाई है उसका अब सीधा असर भी होता हुआ दिखाई दे रहा है। दक्षिण लेबनान में इज़रायल ने ताबड़तोड़ हमला कर हिजबुल्लाह के चीफ हसन नसरल्लाह को मौत के घाट उतार दिया। इस हमले में के साथ-साथ उसकी बेटी जैनब, समेत उसकी मिसाइल यूनिट के कमांडर मुहम्मद अली इस्माइल और उनके डिप्टी हुसैन अहमद इस्माइल की भी मौत हुई है। इन हमलों के बाद से लेबनान के लाखों लोग दहशत में है। तो वही अब इज़रायल द्वारा किए गये इस हमले का विरोध भी शुरू हो गया है जिसकी आँच अब भारत तक पहुंच चुकी है। जम्मू-कश्मीर में चुनावी दौर के बीच पीडीपी प्रमुख महबूब मुफ़्ती ने हिज़्बुल्लाह चीफ़ नसरलल्लाह को शहीद बताते हुए एक दिन के लिए अपनी चुनाव प्रचार अभियान को रद्द कर दिया है।
महबूबा मुफ़्ती ने दी कैसी प्रतिक्रिया
दरअसल, लेबनान में इज़रायल द्वारा किए गये हमले में हिज़्बुल्लाह चीफ़ नसरल्लाह के मारे जाने की पुष्टि ख़ुद हिज़्बुल्लाह की तरफ़ से की गई है। जैसे ही ये ख़बर सामने आई तो महबूबा मुफ़्ती ने शोक जताया और चुनाव प्रचार अभियान को लेकर बड़ा फ़ैसला लेते हुए अपने सोशल मीडिया एकाउंट एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि "लेबनान और गाजा के शहीदों, खास तौर पर हसन नसरुल्लाह के साथ एकजुटता दिखाने के लिए मैं कल अपना अभियान रद्द कर रही हूं। हम इस दुख और अनुकरणीय प्रतिरोध की घड़ी में फिलिस्तीन और लेबनान के लोगों के साथ खड़े हैं."। इसके साथ ही उन्होंने ये दावा भी किया कि वे लेबनानी और फिलिस्तीनी नागरिकों के साथ खड़ी है।
जम्मू-कश्मीर में किसने किया विरोध
इज़रायली सेना के हमले में हिज़्बुल्लाह चीफ़ नसरल्लाह की मौत की ख़बर जैसे ही सामने आई तो भारत में जम्मू-कश्मीर के घाटी इलाक़ों में इसका विरोध शुरू हुआ। जम्मू-कश्मीर में लोगों ने विरोध प्रदर्शन करते हुए सड़क पर मार्च निकाला। इस मार्च में न केवल पुरुष, बल्कि बड़ी संख्या में महिलाएं भी विरोध प्रदर्शन में शामिल हुईं और हिजबुल्लाह के समर्थन में नारे लगाए। ग़ौरतलब है कि इस ख़ूनी संघर्ष को रोकने के लिए इज़रायल के कई देशों ने अपील भी की थी लेकिन इज़रायल के PM नेतन्याहू ने साफ़ कर दिया था कि वो हिज़्बुल्लाह को पूरी तरह ध्वस्त करके ही मानेंगे।
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