LPG सिलेंडर हुआ सस्ता... ₹24 घटी कीमत, एविएशन फ्यूल के दाम में भी कटौती
1 जून से कमर्शियल LPG सिलेंडर 24 रुपये सस्ता हो गया है, वहीं एविएशन फ्यूल (ATF) की कीमतों में भी 4.4% की कटौती हुई है. जानिए कैसे ब्रेंट क्रूड की गिरती कीमतों से भारत को मिल रहा है फायदा और आम जनता को राहत.

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सोचिए... एक ढाबे वाला सुबह उठकर सिलेंडर की कीमत चेक करता है, और उसकी आंखों में थोड़ी राहत झलकती है. वहीं एयरलाइंस ऑफिस में बैठे अफसर मुस्कुरा रहे हैं वजह? तेल के दाम घट गए हैं.जी हां, जून की पहली तारीख देश के कई सेक्टरों के लिए राहत की सौगात लेकर आई है.
कमर्शियल गैस सिलेंडर 24 रुपये सस्ता
1 जून से 19 किलो का कमर्शियल LPG सिलेंडर पूरे 24 रुपये सस्ता हो गया है. अब दिल्ली में इसकी नई कीमत 1,723.50 रुपये हो गई है. ये लगातार दूसरा महीना है जब होटल, ढाबा और रेस्टोरेंट मालिकों को गैस पर राहत मिली है. मई में भी कंपनियों ने 14.50 रुपये की कटौती की थी.
इससे फूड इंडस्ट्री को थोड़ी राहत जरूर मिलेगी, खासकर उन लोगों को जो गैस पर ही रोजगार चलाते हैं.
हालांकि, घरेलू एलपीजी सिलेंडर की कीमत में इस बार कोई बदलाव नहीं किया गया है. 14.2 किलोग्राम का घरेलू एलपीजी सिलेंडर अपने पुराने मूल्य पर ही उपलब्ध रहेगा.
हवाई सफर भी हो सकता है सस्ता – ATF हुआ सस्ता
सिर्फ रसोई नहीं, अब हवाई जहाज का ईंधन यानी ATF (Aviation Turbine Fuel) भी सस्ता हुआ है.कीमतों में 4.4% यानी करीब 3,954 रुपये प्रति किलोलीटर की कटौती की गई है.अब ATF की नई कीमत 85,486.80 रुपये/किलोलीटर हो गई है.ये राहत बड़ी इसलिए है क्योंकि एयरलाइंस कंपनियों के कुल खर्च का करीब 30% हिस्सा सिर्फ फ्यूल पर जाता है.तो हो सकता है जल्द ही फ्लाइट टिकट भी कुछ नरम दिखें.
ATF की ये लगातार तीसरी कटौती
• 1 अप्रैल को कीमतों में 5,870 रुपये की भारी गिरावट आई थी.
• इसके बाद मई और अब जून में फिर कटौती हुई.
इससे साफ है कि फ्यूल के मोर्चे पर राहत का सिलसिला जारी है.
कीमतें क्यों गिर रही हैं?
इस राहत के पीछे सबसे बड़ा कारण है – ग्लोबल क्रूड ऑयल की गिरती कीमतें.
ब्रेंट क्रूड की कीमत अब 63 डॉलर प्रति बैरल के करीब है, जो अप्रैल 2021 के बाद सबसे कम है. अब आइए इसे आसान शब्दों में समझते हैं:जब भी पेट्रोल, डीजल, एलपीजी या एटीएफ (हवाई ईंधन) की कीमत घटती है, उसके पीछे सबसे बड़ी वजह होती है – ग्लोबल क्रूड ऑयल की कीमतों में गिरावट.
ग्लोबल क्रूड ऑयल क्या होता है?
क्रूड ऑयल यानी कच्चा तेल, जो धरती के नीचे से निकाला जाता है.इसी से रिफाइन करके पेट्रोल, डीजल, गैस, ATF वगैरह बनते हैं.ग्लोबल क्रूड ऑयल का मतलब है – पूरी दुनिया में इसका बाजार (market). यहां कीमतें रोज बदलती हैं, जैसे शेयर बाजार में होता है.
ब्रेंट क्रूड क्या है?
दुनिया में कई तरह का कच्चा तेल होता है, लेकिन ब्रेंट क्रूड सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाला और मानक (standard) माना जाता है.
• ये उत्तरी सागर (North Sea) से निकलने वाला तेल है.
• इसकी कीमत को दुनिया भर में तेल की कीमत तय करने के लिए बेंचमार्क की तरह देखा जाता है.
• अगर ब्रेंट क्रूड सस्ता होता है, तो बाकी जगह भी तेल सस्ता होने लगता है.
अभी ब्रेंट क्रूड की कीमत सिर्फ $63 प्रति बैरल रह गई है, जो कि अप्रैल 2021 के बाद सबसे कम है. इसलिए पूरी दुनिया में तेल की कीमतें घट रही हैं.सऊदी अरब जैसे बड़े तेल उत्पादक देश भी ज्यादा कटौती न करने के मूड में हैं. इससे OPEC की पकड़ कमजोर पड़ रही है और ग्लोबल मार्केट में कीमतें नीचे आ रही हैं.
OPEC क्या है और इसका क्या रोल है?
OPEC यानी Organization of the Petroleum Exporting Countries
ये एक ग्रुप है जिसमें सऊदी अरब, इराक, ईरान, यूएई जैसे देश शामिल हैं जो दुनिया का ज्यादातर तेल निकालते हैं.
OPEC का काम है –
• कच्चे तेल का उत्पादन तय करना
• और उसकी सप्लाई कंट्रोल करके कीमतें स्थिर रखना
अगर OPEC तेल की सप्लाई कम करता है, तो कीमतें बढ़ जाती हैं.लेकिन अगर वो सप्लाई को कम न करे या ज्यादा कर दे, तो तेल की कीमतें गिर जाती हैं.
भारत को क्या फायदा?
भारत अपनी जरूरत का 85% तेल आयात (Import) करता है.
ऐसे में कीमतों में गिरावट का मतलब है:
• कम इंपोर्ट बिल
• मजबूत रुपया
• कम महंगाई
• और सीधा फायदा आम आदमी को
सरकार ने ड्यूटी बढ़ाई, लेकिन जनता पर असर नहीं
हाल ही में सरकार ने पेट्रोल-डीजल पर एक्स्ट्रा एक्साइज ड्यूटी लगाई, लेकिन आम जनता को इसका झटका नहीं लगा.सरकारी तेल कंपनियों ने इस बोझ को खुद उठाने का फैसला लिया.पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी का कहना है कि ग्लोबल कीमतें गिर रही हैं, इसलिए कंपनियों के लिए ये मुमकिन है.
यानी जून की शुरुआत राहत भरी है – ढाबा मालिक से लेकर पायलट तक, हर किसी के चेहरे पर थोड़ी मुस्कान आई है.
आशा है कि ये राहत आगे भी जारी रहे और आम लोगों तक इसका पूरा फायदा पहुंचे.