गोवा के स्वास्थ्य मंत्री ने डॉक्टर को किया निलंबित... लेकिन CM प्रमोद सावंत ने अगले ही दिन पलट दिया आदेश
गोवा में मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत और स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत राणे के बीच सरकारी अस्पताल के एक डॉक्टर को लेकर गंभीर टकराव सामने आया है. स्वास्थ्य मंत्री राणे ने इस डॉक्टर को सेवा से निलंबित करने का आदेश जारी किया था, लेकिन इस फैसले के महज 24 घंटे के भीतर ही मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने उस आदेश को रद्द कर दिया.

गोवा में मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत और स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत राणे के बीच सरकारी अस्पताल के एक डॉक्टर को लेकर गंभीर टकराव सामने आया है. मामला गोवा मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (जीएमसीएच) के एक वरिष्ठ डॉक्टर के निलंबन से जुड़ा है.
दरअसल, स्वास्थ्य मंत्री राणे ने इस डॉक्टर को सेवा से निलंबित करने का आदेश जारी किया था, लेकिन इस फैसले के महज 24 घंटे के भीतर ही मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने उस आदेश को रद्द कर दिया. मुख्यमंत्री कार्यालय से जारी निर्देश के अनुसार, डॉक्टर का निलंबन तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया गया है. सूत्रों के मुताबिक, इस निर्णय से राज्य सरकार के भीतर मतभेद और टकराव खुलकर सामने आ गए हैं. हालांकि, अब तक न तो मुख्यमंत्री और न ही स्वास्थ्य मंत्री ने इस विवाद पर कोई सार्वजनिक टिप्पणी की है.
क्या है पूरा मामला?
मामला तब शुरू हुआ जब स्वास्थ्य मंत्री राणे ने अचानक जीएमसीएच के कैजुअल्टी वार्ड का निरीक्षण किया. इस दौरान उन्हें एक बुजुर्ग महिला मरीज के साथ कथित दुर्व्यवहार की शिकायत मिली. मंत्री के मुताबिक, मरीज को सार्वजनिक अवकाश के दिन जरूरी इलाज नहीं मिल सका. आरोप है कि डॉक्टर ने अहंकारपूर्ण व्यवहार करते हुए महिला को इंजेक्शन देने से मना कर दिया. राणे ने बताया कि उन्हें यह शिकायत एक वरिष्ठ पत्रकार से मिली, जिनकी सास को इलाज की जरूरत थी. मंत्री ने मौके पर ही डॉक्टर को फटकार लगाई और बाद में निलंबन का आदेश जारी कर दिया.
मैं माफी नहीं मांगूंगा: राणे
इस मामले को लेकर रविवार को मीडिया से बातचीत में मंत्री राणे ने अपने फैसले का बचाव करते हुए कहा, “मैंने एक ऐसे मरीज के लिए खड़े होने का निर्णय लिया जिसे जरूरी देखभाल नहीं मिल पाई थी. मैं माफी नहीं मांगूंगा, क्योंकि एक जिम्मेदार मंत्री के तौर पर यह मेरा कर्तव्य है.” उन्होंने इस बात को भी स्वीकार किया है कि उनके बोलने के तरीके में कुछ कठोरता हो सकती थी, लेकिन उन्होंने यह स्पष्ट किया कि मरीजों की उपेक्षा बर्दाश्त नहीं की जाएगी.
Is @visrane truly fit to serve as Goa’s Health Minister? His increasingly erratic and unstable behaviour raises serious concerns about his ability to responsibly oversee the state’s health system.
— Sarkari Doctor (@sarkari_doctor) June 7, 2025
The shocking incident at Goa Medical College (GMC) where Vishwajit Rane chose to… pic.twitter.com/g2kvRRkmtC
CM सावंत ने निलंबन का आदेश पलटा
मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया के X पर पोस्ट करने हुए लिखा, “ मैंने गोवा मेडिकल कॉलेज में इस मुद्दे की समीक्षा की है और स्वास्थ्य मंत्री से चर्चा की है. मैं गोवा के लोगों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि डॉ. रुद्रेश कुट्टीकर को निलंबित नहीं किया जाएगा.” इससे पहले मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा कहा गया था कि डॉक्टर के खिलाफ कोई अंतिम निर्णय उचित जांच के बाद ही लिया जाएगा.
I have reviewed the issue at Goa Medical College and held discussions with the Health Minister. I want to assure the people of Goa that Dr. Rudresh Kuttikar will not be suspended.
— Dr. Pramod Sawant (@DrPramodPSawant) June 8, 2025
The State Government and our dedicated medical team remain fully committed to ensuring the highest…
जानकारों का मानना है कि यह घटना न केवल प्रशासनिक समन्वय पर सवाल उठाती है, बल्कि राज्य सरकार की कार्यप्रणाली को लेकर भी चिंता बढ़ा सकती है. बताते चलें कि बम्बोलिम स्थित गोवा मेडिकल कॉलेज और अस्पताल राज्य का सबसे बड़ा सरकारी चिकित्सा संस्थान है, यहां न केवल गोवा बल्कि महाराष्ट्र और कर्नाटक के सीमावर्ती जिलों के मरीज भी बेहतर इलाज के लिए आते हैं.