Advertisement

SC के आदेश पर हरियाणा सरकार सख्त, 2.30 लाख लावारिस कुत्तों की होगी नसबंदी

सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि जल्द ही प्रदेश के सभी शहरों और कस्बों में कुत्तों की नसबंदी (Sterilization), टीकाकरण (Vaccination) और टैगिंग (Tagging) का काम तेज़ी से किया जाएगा.

Image Source: Social Media

हरियाणा में सड़कों पर घूमने वाले लावारिस कुत्तों की बढ़ती संख्या को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद राज्य सरकार ने अब सख्त कदम उठाने शुरू कर दिए हैं. सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि जल्द ही प्रदेश के सभी शहरों और कस्बों में कुत्तों की नसबंदी (Sterilization), टीकाकरण (Vaccination) और टैगिंग (Tagging) का काम तेज़ी से किया जाएगा.

प्रदेश में दो लाख से ज़्यादा लावारिस कुत्ते

राज्य सरकार के आंकड़ों के अनुसार, हरियाणा के 87 शहरी निकायों (नगर निगम, नगर परिषद और नगर पालिकाएं) में कुल 2 लाख 30 हज़ार 675 लावारिस कुत्ते हैं.  इनमें से अब तक 60 हज़ार 812 कुत्तों की नसबंदी, टीकाकरण और टैगिंग की जा चुकी है. बाकी कुत्तों के लिए काम तेजी से चल रहा है ताकि आने वाले महीनों में यह पूरी प्रक्रिया पूरी हो सके.

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सरकार ने अपनाया सख्त रुख

हाल के महीनों में देशभर में लावारिस कुत्तों के हमलों की घटनाएं बढ़ी हैं, जिससे कई जगह लोग परेशान हैं. इसी मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों को निर्देश दिए थे कि वे जल्द से जल्द आवारा कुत्तों की नसबंदी करवाएं और सड़कों पर उनकी संख्या नियंत्रित करें. इसके बाद हरियाणा सरकार ने कोर्ट को बताया कि राज्य में यह अभियान तेज़ी से चलाया जा रहा है और हर निकाय में जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं.

कई नगर निकायों में शुरू हुआ काम

  • राज्य के ज़्यादातर नगर निकायों ने नसबंदी के लिए टेंडर प्रक्रिया पूरी कर ली है. कई जिलों में तो काम शुरू भी हो चुका है.
  • नगर निगम यमुनानगर में 10 साल बाद नसबंदी का टेंडर जारी किया गया है.
  • गन्नौर नगर पालिका में 5 साल बाद यह प्रक्रिया दोबारा शुरू की गई है.इसके अलावा सिवान, करनाल, कलानौर, हथीन, नीलोखेड़ी, खरखौदा, नारनौंद, तरावड़ी, घरौंडा, सिरसा, फरुखनगर, पुंडरी, कुंडली नगर पालिका, और रोहतक गुरुग्राम नगर निगम में भी टेंडर जारी किए जा चुके हैं.
  • इससे यह साफ है कि अब हरियाणा सरकार पूरे राज्य में इस काम को एक साथ आगे बढ़ाने जा रही है. 

क्या है नसबंदी और क्यों ज़रूरी है?

नसबंदी (Sterilization) एक ऐसी प्रक्रिया है जिससे लावारिस कुत्ते आगे बच्चे नहीं पैदा कर सकते. इससे उनकी संख्या पर नियंत्रण पाया जा सकता है. साथ ही, टीकाकरण (Vaccination) से उन्हें रेबीज़ जैसी बीमारियों से बचाया जाता है, जिससे इंसानों में संक्रमण का खतरा भी घटता है. टैगिंग (Tagging) से प्रत्येक कुत्ते की पहचान तय की जाती है ताकि यह रिकॉर्ड रहे कि उसकी नसबंदी और टीकाकरण हो चुका है या नहीं.

सरकार का लक्ष्यसुरक्षित और स्वच्छ शहर

  • हरियाणा सरकार का लक्ष्य है कि अगले कुछ महीनों में प्रदेश के सभी निकाय क्षेत्रों में लावारिस कुत्तों की समस्या पर नियंत्रण पाया जाए.
  • इसके लिए स्थानीय निकायों को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि वे इस काम को समय पर पूरा करें और रिपोर्ट सरकार को भेजें.
  • सरकार चाहती है कि लोग सड़कों पर सुरक्षित महसूस करें और कुत्तों को भी बेहतर देखभाल मिले.

इंसान और जानवर दोनों सुरक्षित

इस अभियान से केवल आम लोगों को राहत मिलेगी, बल्कि लावारिस कुत्तों को भी उचित इलाज, टीके और पहचान मिलेगी.
हरियाणा सरकार का कहना है कि यह कदम मानव सुरक्षा और पशु कल्याण दोनों के लिए अहम है.
अगर सब कुछ तय योजना के अनुसार हुआ, तो आने वाले समय में हरियाणा के शहर ज्यादा सुरक्षित, स्वच्छ और संतुलित वातावरण वाले बनेंगे.

Advertisement

यह भी पढ़ें

Advertisement

LIVE