अवैध घुसपैठियों पर सख्ती, कानून-व्यवस्था दुरुस्त... एक साल में फडणवीस सरकार ने सुरक्षा व विकास के लिए उठाए कई बड़े कदम
महाराष्ट्र में फडणवीस सरकार ने अपने एक साल के कार्यकाल में कानून-व्यवस्था और सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए कई कदम उठाए हैं. विशेष रूप से अवैध बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों के खिलाफ कार्रवाई के तहत 2.14 लाख फर्जी जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र रद्द किए गए.
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महाराष्ट्र की देवेंद्र फडणवीस सरकार के कार्यकाल को आज, शुक्रवार को एक वर्ष पूरा हो गया है. इस दौरान फडणवीस सरकार ने इंफ्रास्ट्रक्चर, निवेश और कानून-व्यवस्था को मजबूत करने के लिए कई अहम कदम उठाए. प्रदेश में सुरक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए पुलिस बल को अत्याधुनिक उपकरणों और आधुनिक संसाधनों से लैस किया गया. इसी क्रम में अवैध बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों के मुद्दे पर भी सरकार ने सख्ती दिखाते हुए बड़ा निर्णय लिया है.
दरअसल, फडणवीस सरकार ने आदेश जारी किया है कि जाली दस्तावेज़ों के आधार पर बनाए गए फर्जी जन्म और मृत्यु प्रमाणपत्रों की तत्काल जांच की जाए, और संदेहास्पद व फर्जी प्रमाणपत्रों को तुरंत निरस्त किया जाए. अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि ऐसे दस्तावेजों के आधार पर किसी भी व्यक्ति को नागरिकता अथवा सरकारी सुविधा न दी जाए. सरकार का कहना है कि यह कार्रवाई राज्य में सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने और अवैध प्रवासियों पर रोक लगाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. प्रशासनिक स्तर पर भी संबंधित विभागों को सतर्क रहने और डेटा सत्यापन की प्रक्रिया तेज करने के लिए कहा गया है.
फडणवीस सरकार अवैध घुसपैठियों पर बड़ी कार्रवाई
महाराष्ट्र की फडणवीस सरकार ने अवैध घुसपैठियों के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई के क्रम में राज्य सरकार ने जाली दस्तावेज़ों के आधार पर बनाए गए फर्जी जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्रों को तत्काल प्रभाव से रद्द करने के आदेश जारी किए हैं. जांच में सामने आया है कि कई बांग्लादेशी नागरिकों ने स्थानीय नगरपालिकाओं और ग्राम पंचायतों से जाली तरीके से ये प्रमाणपत्र बनवाए थे, ताकि वे राज्य में पहचान स्थापित कर सकें. सरकार की विशेष जांच अभियान में अब तक करीब 2.14 लाख फर्जी जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्रों की पहचान हो चुकी है, जिन पर कार्रवाई भी की जा चुकी है. अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि ऐसे दस्तावेज़ों से जुड़े प्रत्येक मामले की विस्तृत जांच की जाए और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाए. राज्य सरकार का कहना है कि यह कदम कानून-व्यवस्था को मजबूत करने और अवैध घुसपैठ पर रोक लगाने के लिए बेहद जरूरी है. प्रशासनिक विभागों को डाटा वेरिफिकेशन प्रक्रिया को तेज करने के साथ-साथ भविष्य में ऐसे फर्जीवाड़े को रोकने के लिए डिजिटल निगरानी प्रणाली भी मजबूत करने के निर्देश दिए गए हैं.
किस बुनियाद पर रद्द होंगे प्रमाणपत्र ?
फडणवीस सरकार ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि जन्म और मृत्यु प्रमाणपत्र किन आधारों पर रद्द किए जाएंगे. अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि केवल आधार कार्ड के आधार पर जारी किए गए सभी जन्म प्रमाणपत्रों की तुरंत समीक्षा की जाए, और ऐसे प्रमाणपत्र संदिग्ध पाए जाने पर उन्हें रद्द कर दिया जाए. जन्मतिथि में किसी भी तरह की विसंगति मिलने पर संबंधित व्यक्तियों के खिलाफ तुरंत पुलिस में शिकायत दर्ज की जाएगी. सरकार ने चेतावनी दी है कि फर्जी प्रमाणपत्र बनवाकर लाभ उठाने के बाद फरार होने वाले लोगों को सीधे ‘फरार आरोपी’ घोषित किया जाएगा और उनके खिलाफ सख्त दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी. इस पूरे अभियान को तेज करने के लिए संभाजीनगर, अमरावती और लातूर सहित 14 प्रमुख स्थानों पर विशेष जांच अभियान शुरू किया गया है, जहाँ टीमों को दस्तावेज़ों के डिजिटल और मैन्युअल सत्यापन का कार्य सौंपा गया है. अधिकारियों का कहना है कि यह कदम न केवल अवैध घुसपैठियों पर नकेल कसने में मदद करेगा, बल्कि राज्य की जनसांख्यिकी से जुड़े आधिकारिक रिकॉर्ड को भी अधिक सटीक और सुरक्षित बनाएगा.
कई शहरों में हुआ बुलडोजर एक्शन
महाराष्ट्र में अवैध बांग्लादेशी और रोहिंग्या नागरिकों के खिलाफ कार्रवाई अब तेज़ हो गई है. सरकार द्वारा जारी निर्देशों के बाद कई जिलों में प्रशासन ने बुलडोज़र एक्शन भी शुरू कर दिया है. इस अभियान के तहत अमरावती, सिल्लोड, मुंबई, अकोला, संभाजीनगर शहर, लातूर, अंजनगाँव सुर्जी, अचलपुर, पुसद, परभणी, बीड, गेवराई, जालना, अर्धापुर और परली में अवैध निर्माण और संदिग्ध ठिकानों पर बड़ी कार्रवाई की जा रही है. स्थानीय प्रशासन और पुलिस की संयुक्त टीमों ने इन इलाकों में सघन अभियान चलाकर कई अवैध रूप से बने मकानों और ठिकानों की पहचान की है. अधिकारियों का कहना है कि जहां भी अवैध घुसपैठियों के रहने की जानकारी मिलेगी, वहां तुरंत कार्रवाई की जाएगी. सरकार इस अभियान को राज्य की सुरक्षा के लिए जरूरी और प्राथमिकता वाला कदम बता रही है.
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बताते चलें कि सीएम देवेंद्र फडणवीस के एक साल के कार्यकाल में जहां विकास और इंफ्रास्ट्रक्चर को गति देने पर जोर दिखाई दिया, वहीं कानून-व्यवस्था को सुदृढ़ करने की दिशा में भी कई कड़े और निर्णायक कदम उठाए गए. अवैध घुसपैठ के खिलाफ यह व्यापक अभियान सरकार की उसी प्रतिबद्धता का हिस्सा है, जिसमें राज्य को सुरक्षित, स्थिर और पारदर्शी प्रशासन देने का लक्ष्य रखा गया है. सरकार का कहना है कि आने वाले दिनों में ऐसे प्रयास और तेज किए जाएंगे ताकि महाराष्ट्र को अपराध और अवैध गतिविधियों से मुक्त मजबूत राज्य के रूप में स्थापित किया जा सके.
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