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औरंगजेब का महिमामंडन करना अखिलेश के नेता को पड़ा भारी, महाराष्ट्र विधानसभा से हो गए निलंबित

मुगल शासक औरंगजेब की तारीफ करने वाले सपा विधायक अबू आजमी को महाराष्ट्र विधानसभा से निलंबित कर दिया गया है। ये निलंबन मौजूदा सत्र के लिए है। महाराष्ट्र के संसदीय कार्य मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने सदन के पटल पर अबू आजमी के खिलाफ प्रस्ताव पेश किया, जिसे सदन ने पारित कर दिया।

05 Mar, 2025
( Updated: 03 Dec, 2025
02:15 PM )
औरंगजेब का महिमामंडन करना अखिलेश के नेता को पड़ा भारी, महाराष्ट्र विधानसभा से हो गए निलंबित
महाराष्ट्र में अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी की अगुवाई करने वाले प्रदेश अध्यक्ष अबू आजमी ने अपने एक बयान से अपनी पार्टी और ख़ुद के लिए एक मुसीबत खड़ी कर ली है। दरअसल, मुगल शासक औरंगजेब की तारीफ करने वाले सपा विधायक अबू आजमी को महाराष्ट्र विधानसभा से निलंबित कर दिया गया है। ये निलंबन मौजूदा सत्र के लिए है। महाराष्ट्र के संसदीय कार्य मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने सदन के पटल पर अबू आजमी के खिलाफ प्रस्ताव पेश किया, जिसे सदन ने पारित कर दिया।


मामला कैसे बिगड़ा ?

इस मामले में मिली जानकारी के मुताबिक, इस सत्र के दौरान अबू आसिम आजमी के विधानसभा परिसर में घुसने पर भी पाबंदी रहेगी।इससे पहले मंगलवार को अबू आजमी के औरंगजेब की तारीफ वाले बयान का मुद्दा महाराष्ट्र विधानमंडल के दोनों सदनों में गूंजा। उनके इस बयान को लेकर सत्तारूढ़ गठबंधन महायुति के सदस्यों ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की और आजमी को विधानसभा से निलंबित करने की मांग की थी। इसके साथ ही, उनके खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज करने की भी मांग की गई। समाजवादी पार्टी के विधायक अबू आजमी ने औरंगजेब वाले बयान पर सफाई भी दी। उन्होंने कहा कि उनके शब्दों को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया।


अबू आज़मी ने क्या कहा ?

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "मेरे शब्दों को तोड़-मरोड़कर दिखाया गया है। औरंगजेब रहमतुल्लाह अलेह के बारे में मैंने वही कहा है, जो इतिहासकारों और लेखकों ने कहा है। मैंने छत्रपति शिवाजी महाराज, संभाजी महाराज या अन्य किसी भी महापुरुषों के बारे में कोई अपमानजनक टिप्पणी नहीं की है। लेकिन, फिर भी मेरी इस बात से कोई आहत हुआ है तो मैं अपने शब्द, अपना स्टेटमेंट वापस लेता हूं।"


दरअसल, सोमवार को सपा नेता अबू आजमी ने मुगल शासक औरंगजेब की तारीफ की थी। अबू आजमी ने कहा था, "औरंगजेब इंसाफ पसंद बादशाह था। उसके कार्यकाल में ही भारत सोने की चिड़िया बना। मैं औरंगजेब को क्रूर शासक नहीं मानता हूं। औरंगजेब के समय में राजकाज की लड़ाई थी, धर्म की नहीं थी, हिंदू-मुसलमान की लड़ाई नहीं थी। औरंगजेब ने अपने कार्यकाल में कई हिंदू मंदिरों का निर्माण करवाया। औरंगजेब को लेकर गलत इतिहास दिखाया जा रहा है।"

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