'आतंकवाद कतई बर्दाश्त नहीं...', एस जयशंकर ने पाकिस्तान को फिर धोया, ब्रिटेन को भारत का साथ देने के लिए कहा धन्यवाद
ब्रिटेन के विदेश मंत्री से मुलाकात के दौरान भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि आतंकवाद को भारत कतई बर्दाश्त नहीं करेगा. हमें उम्मीद है कि हमारे साझेदार इसे समझेंगे. भारत कभी भी यह बर्दाश्त नहीं करेगा कि अपराध करने वालों को पीड़ितों के समान रखा जाए. बता दें कि 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान ब्रिटेन ने आतंकवाद के खिलाफ इस लड़ाई में भारत का पुरजोर समर्थन किया था.

भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक बार फिर से आतंकवाद पर दो टूक कहा है. उन्होंने भारत आए ब्रिटेन के विदेश मंत्री के साथ बातचीत के दौरान अपनी बात रखी है. बता दें कि एस जयशंकर ने पहलगाम आतंकी हमले की निंदा करते हुए आतंकवाद के खिलाफ ब्रिटेन द्वारा भारत का समर्थन करने के लिए धन्यवाद जताया है. दोनों ही देशों के विदेश मंत्रियों की तरफ से कई मुद्दों पर बातचीत हुई.
'आतंकवाद को कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे'
ब्रिटेन के विदेश मंत्री से मुलाकात के दौरान एस जयशंकर ने कहा कि 'आतंकवाद को भारत कतई बर्दाश्त नहीं करेगा. हमें उम्मीद है कि हमारे साझेदार इसे समझेंगे. भारत कभी भी यह बर्दाश्त नहीं करेगा कि अपराध करने वालों को पीड़ितों के समान रखा जाए. बता दें कि 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान ब्रिटेन ने आतंकवाद के खिलाफ इस लड़ाई में भारत का पुरजोर समर्थन किया था.
भारत-ब्रिटेन के बीच कई मुद्दों पर हुई बातचीत
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भारत- ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौता और दोहरे अंशदान समझौते को मिल का पत्थर बताया. दो दिवसीय दौरे पर आए ब्रिटेन के विदेश मंत्री डेविड लैमी ने भारत के साथ व्यापार, सुरक्षा के क्षेत्रों में वार्ता की. वह शनिवार से 2 दिवसीय दौरे पर हैं.
पाकिस्तान द्वारा फैलाए जा रहे आतंक पर भी चर्चा हुई
भारत और ब्रिटेन के विदेश मंत्रियों के बीच सीमा पर पाकिस्तान द्वारा फैलाए जा रहे आतंकवाद पर भी चर्चा हुई. पिछले महीने आतंकवाद के खिलाफ हुए ऑपरेशन सिंदूर के दौरान ब्रिटेन ने भारत और पाकिस्तान दोनों के साथ दिया था. इससे पहले ब्रिटेन के विदेश मंत्री 16 मई को इस्लामाबाद दौरे पर भी गए थे. इस दौरान उन्होंने सीमा पर चल रहे तनाव को खत्म करने के पर दोनों देशों की तारीफ की थी.
एशियाई देशों ने पहलगाम आतंकी हमले की निंदा की थी
6 जून को 5 मध्य एशियाई देशों ने पहलगाम की हमले की निंदा की थी. इन सभी देशों ने मांग की थी कि आतंकवाद कृत्यों के अपराधियों, वित्तपोषकों और जवाबदेही को दंडित किया जाए. देश की राजधानी दिल्ली में आयोजित भारत-मध्य एशिया के चौथे संस्करण के दौरान आतंकवाद से निपटने को लेकर प्रमुखता से चर्चा हुई.