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देवघर चारा घोटाला: लालू यादव की बढ़ी मुश्किलें, सजा बढ़ाने की याचिका पर झारखंड हाईकोर्ट में होगी सुनवाई

देवघर चारा घोटाले में सजायाफ्ता बिहार के पूर्व सीएम और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव समेत तीन की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. झारखंड हाईकोर्ट ने सीबीआई की ओर से इनकी सजा बढ़ाने को लेकर दायर याचिका सुनवाई के लिए स्वीकार कर ली है.

09 Jul, 2025
( Updated: 10 Jul, 2025
02:38 PM )
देवघर चारा घोटाला: लालू यादव की बढ़ी मुश्किलें, सजा बढ़ाने की याचिका पर झारखंड हाईकोर्ट में होगी सुनवाई

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव, पूर्व आईएएस अधिकारी बेक जूलियस और पूर्व ट्रेजरी अफसर सुवीर भट्टाचार्य की सजा बढ़ाने को लेकर CBI द्वारा दाखिल अपील को झारखंड हाईकोर्ट ने सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया है. यह मामला चर्चित देवघर चारा घोटाले से जुड़ा है, जिसमें सभी आरोपी पहले ही दोषी ठहराए जा चुके हैं. जस्टिस रंगन मुखोपाध्याय और जस्टिस अंबुज नाथ की खंडपीठ ने इस याचिका को विचार योग्य मानते हुए स्वीकार किया है. अब इस मामले में विस्तृत कानूनी सुनवाई होगी. CBI की ओर से दाखिल याचिका में तर्क दिया गया है कि दोषियों को दी गई सजा अपराध की गंभीरता के अनुपात में कम है, और अदालत से अनुरोध किया गया है कि सजा की अवधि बढ़ाई जाए.

देवघर चारा घोटाला मामले से बढ़ेगी लालू की टेंशन!
देवघर कोषागार (ट्रेजरी) घोटाले से जुड़े आरसी 64(A)/96 मामले में सीबीआई की विशेष अदालत द्वारा सुनाए गए फैसले के खिलाफ CBI की अपील को झारखंड हाईकोर्ट ने स्वीकार कर लिया है. अब इस मामले में विस्तृत सुनवाई की जाएगी. इस मामले में पूर्व लोक लेखा समिति के अध्यक्ष जगदीश शर्मा को विभिन्न धाराओं के तहत सात-सात साल की सजा और 10-10 लाख रुपए का जुर्माना सुनाया गया था. वहीं राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव समेत अन्य आरोपियों को साढ़े तीन साल की सजा और 5-5 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया था.
सीबीआई का तर्क है कि सभी आरोपियों की भूमिका समान थी, बावजूद इसके सजा में अंतर रखा गया, जो न्यायसंगत नहीं है. इसी आधार पर सीबीआई ने विशेष अदालत के आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील दाखिल की थी.
आज की सुनवाई के बाद हाईकोर्ट की खंडपीठ ने CBI की इस अपील को स्वीकार कर लिया है और अब इस मामले की गहराई से सुनवाई की जाएगी.

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सजा अपराध की गंभीरता के अनुरूप नहीं- अधिवक्ता 
सीबीआई की ओर से अधिवक्ता दीपक कुमार भारती ने खंडपीठ के समक्ष दलील दी कि देवघर चारा घोटाले में विशेष अदालत द्वारा लालू प्रसाद यादव, बेक जूलियस और सुबीर भट्टाचार्य को दी गई सजा अपराध की गंभीरता के अनुरूप नहीं है. उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद यादव इस घोटाले के मास्टरमाइंड थे, बावजूद इसके उन्हें और अन्य आरोपियों को केवल तीन-तीन साल की सजा दी गई, जबकि एक सह-आरोपी को सात साल की सजा सुनाई गई है. अधिवक्ता ने न्यायिक असमानता का हवाला देते हुए सजा बढ़ाने की मांग की.

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