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'भारतीय करेंसी पर पहली बार दिखी भारत माता की तस्वीर', RSS के 100 साल पर PM मोदी ने जारी किया सिक्का और डाक टिकट

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के शताब्दी समारोह में हिस्सा लिया. उन्होंने संघ की 100 वर्षों की यात्रा को त्याग, निस्वार्थ सेवा, राष्ट्र निर्माण और अनुशासन की अद्भुत मिसाल बताया. इस मौके पर पीएम मोदी ने डाक टिकट और विशेष सिक्का भी जारी किया.

PM Modi

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के शताब्दी समारोह में हिस्सा लिया. उन्होंने संघ की 100 वर्षों की यात्रा को त्याग, निस्वार्थ सेवा, राष्ट्र निर्माण और अनुशासन की अद्भुत मिसाल बताया. इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि RSS के शताब्दी समारोह का हिस्सा बनकर अत्यंत गौरवान्वित अनुभव कर रहा हूं. 

दिल्ली के डॉ. अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर में आयोजित समारोह में पीएम मोदी ने डाक टिकट और विशेष सिक्का भी जारी किया. पीएम मोदी ने इस दौरान दोनों की खासियत के बारे में बताया. पीएम मोदी ने कहा कि 100 रुपये के सिक्के पर एक ओर राष्ट्रीय चिन्ह है और दूसरी ओर सिंह के साथ भारत माता की छवि और समर्पण भाव से नमन करते स्वयंसेवक दिखाई देते हैं. पीएम ने कहा कि भारतीय मुद्रा पर भारत माता की तस्वीर है. संभवत: आजाद भारत के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है.

PM मोदी ने बताई डाक टिकट और सिक्के की खासियत?

पीएम मोदी ने कहा कि 100 साल की इस यात्रा में आज सरकार ने विशेष डाक टिकट और सिक्का जारी किया. 100 रुपये के सिक्के पर एक ओर राष्ट्रीय चिन्ह है और दूसरी ओर सिंह के साथ भारत माता की छवि और समर्पण भाव से नमन करते स्वयंसेवक दिखाई देते हैं. पीएम ने कहा कि भारतीय मुद्रा पर भारत माता की तस्वीर है. संभवत: आजाद भारत के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है.

प्रधानमंत्री ने कहा कि जो विशेष डाक टिकट जारी हुआ, उसकी भी खासियत है. हम सब जानते हैं कि 26 जनवरी को गणतंत्र परेड की कितनी अहमियत होती है. 1963 में RSS के स्वयंसेवक भी 26 जनवरी की उस राष्ट्रीय परेड में शामिल हुए थे और उन्होंने शान से राष्ट्रभक्ति की धुन पर कदमताल किया था. इस टिकट में उसी एतिहासिक क्षण की स्मृति है. संघ के स्वयंसेवक जो देश की सेवा में जुटे हैं, उसकी भी झलक डाक टिकट में है. मैं इसके लिए देशवासियों को बधाई देता हूं.

PM ने दी महानवमी की बधाई

पीएम मोदी ने कहा कि आज महानवमी है. मैं देशवासियों को नवरात्रि की बधाई देता हूं. कल विजयादशमी का महापर्व है. अन्याय पर न्याय की जीत का पर्व है. अंधकार पर प्रकाश की जीत का पर्व है. ऐसे महान पर्व पर 100 साल पहले RSS की स्थापना हुई. ये कोई संयोग नहीं था. पीएम मोदी ने कहा कि ये हमारी पीढ़ी के स्वयंसेवकों का सौभाग्य है कि संघ के शताब्दी वर्ष जैसा महान अवसर देखने को मिल रहा है. मैं आज इस अवसर पर राष्ट्र सेवा के संकल्प को समर्पित हर स्वयंसेवक को शुभकामना देता हूं.

‘राष्ट्र निर्माण का विराट उद्देश्य लेकर चल रहा है RSS’

प्रधानमंत्री मोदी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि अपने गठन के बाद से ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ राष्ट्र निर्माण का विराट उद्देश्य लेकर चल रहा है. संघ ने व्यक्ति निर्माण से राष्ट्र निर्माण का रास्ता चुना. इस रास्ते पर सतत चलने के लिए नित्य और नियमित चलने वाली शाखा के रूप में कार्य पद्धति को चुना.

उन्होंने कहा कि डॉ. हेडगेवार जानते थे कि हमारा राष्ट्र तभी सशक्त होगा, जब हर व्यक्ति के भीतर राष्ट्र के प्रति दायित्व का बोध जागृत होगा. हमारा राष्ट्र तभी ऊंचा उठेगा, जब भारत का हर नागरिक राष्ट्र के लिए जीना सीखेगा. इसलिए वे व्यक्ति निर्माण में निरंतर जुड़े रहे. उनका तरीका अलग था. हमने बार-बार सुना है कि डॉ. हेडगेवार जी कहते थे कि जैसा है, वैसा लेना है. जैसा चाहिए, वैसा बनाना है.

उदाहरण देते हुए पीएम मोदी ने कहा, "लोग संग्रह का उनका यह तरीका अगर समझना है तो हम कुम्हार को याद करते हैं. जैसे कुम्हार ईंट पकाता है तो जमीन की सामान्य-सी मिट्टी से शुरू करता है. वह मिट्टी लाता है और उस पर मेहनत करता है. उसे आकार देकर तपाता है. खुद भी तपता है और मिट्टी को भी तपाता है. फिर उन ईंटों को इकट्ठा करके भव्य इमारत बनाता है. ऐसे ही डॉ. हेडगेवार बहुत ही सामान्य लोगों को चुनते थे. फिर उन्हें सिखाते थे, विजन देते थे और उन्हें गढ़ते थे. इस तरह वे देश को समर्पित स्वयंसेवक तैयार करते थे."

संघ शाखा का मैदान एक प्रेरणा भूमि है- PM

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि संघ के बारे में कहा जाता है कि इसमें सामान्य लोग मिलकर असामान्य अभूतपूर्व कार्य करते हैं. व्यक्ति निर्माण की यह सुंदर प्रक्रिया आज भी हम संघ की शाखाओं में देखते हैं.

पीएम मोदी ने कहा, "संघ शाखा का मैदान एक ऐसी प्रेरणा भूमि है, जहां से स्वयंसेवक की 'अहम् और वहम' की यात्रा शुरू होती है. संघ की शाखाएं व्यक्ति निर्माण की यज्ञ वेदी हैं. उन शाखाओं में व्यक्ति का शारीरिक, मानसिक और सामाजिक विकास होता है. स्वयंसेवकों के मन में राष्ट्र सेवा का भाव और साहस दिन प्रतिदिन पनपता रहता है."

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि स्वयंसेवकों के लिए त्याग और समर्पण सहज हो जाता है. श्रेय के लिए प्रतिस्पर्धा की भावना समाप्त हो जाती है. उन्हें सामूहिक निर्णय और सामूहिक कार्य का संस्कार मिलता है. उन्होंने कहा कि राष्ट्र निर्माण का महान उद्देश्य, व्यक्ति निर्माण का स्पष्ट पथ और शाखा जैसी सरल व जीवंत कार्य पद्धति यही संघ की 100 वर्ष की यात्रा का आधार बनी हैं.

बता दें कि संघ शताब्दी वर्ष पर आयोजित इस कार्यक्रम में संघ के सरकार्यवाहक दत्तात्रेय होसबाले भी मौजूद रहे. कार्यक्रम का आयोजन भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय द्वारा किया गया. आज के कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ कार्यकर्ता, समाज के प्रबुद्ध वर्ग के लोग भी शामिल हुए.

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