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फिर जल उठा बंगाल... फल बिक्री की जगह तुलसी मंच लगाने पर बवाल, दो गुटों में झड़प के बाद आगजनी-तोड़फोड़

कोलकाता के पास दक्षिण 24 परगना में बुधवार को दो गुटों के बीच विवाद हिंसक झड़प में बदल गया. मामूली दुकान विवाद से शुरू हुए विवाद में 5 लोग घायल बताए जा रहे हैं वहीँ 4 की गिरफ्तारी हुई है.

12 Jun, 2025
( Updated: 12 Jun, 2025
06:55 PM )
फिर जल उठा बंगाल... फल बिक्री की जगह तुलसी मंच लगाने पर बवाल, दो गुटों में झड़प के बाद आगजनी-तोड़फोड़

दीदी का बंगाल एक बार फिर जल उठा है, कोलकाता के दक्षिण 24 परगना में फल दुकान की जगह तुलसी मंच लगाने को लेकर शुरू हुई मामूली विवाद अब हिंसक रूप ले चुका है. 

कोलकाता हिंसक झड़प में 5 घायल, 4 गिरफ्तार 

दक्षिण 24 परगना में बुधवार को दो गुटों के बीच विवाद हिंसक झड़प में बदल गया. मामूली दुकान लगाने को लेकर शुरू हुआ झड़प हुआ देखते ही देखते आगजनी, पथराव और लाठीचार्ज तक पहुंच गया. 

दरअसल, दक्षिण 24 परगना के महेशतला स्थित रवींद्रनगर में एक फल विक्रेता जहां आम बेचता था, वहां तुलसी मंच लगा दिया गया था. फल विक्रेता कुछ दिनों के लिए कहीं चला गया था. बीच में तुलसी मंच लगा दिया गया. आज जब फल विक्रेता वापस आया तो वह उस जगह पर तुलसी मंच देखकर भड़क गया, जहां वह फल बेचता था.

कोलकाता पुलिस ने बताया कि इस झड़प में कम से कम पांच लोग घायल हुए हैं. इस हिंसा में कई पुलिसकर्मी घायल हो गए और पुलिस की गाड़ियों में तोड़फोड़ की गई है. और अब तक चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है. स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए कोलकाता पुलिस और रैपिड एक्शन फोर्स (RAF) को मौके पर तैनात किया गया.

हिंसा उस वक्त तेज हुई जब कुछ असामाजिक तत्वों ने पुलिस थाने के सामने मोटरसाइकिल को आग के हवाले कर दिया. छतों से पत्थरबाजी हुई और सड़क पर टायर जलाए गए. एक महिला कांस्टेबल समेत कई पुलिसकर्मी घायल हो गईं. मामले के बिगड़ने पर प्रशासन ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) की धारा 163 के तहत एहतियाती कदम उठाए हैं. इलाके में धारा लागू कर दी गई है और आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी जारी है.

हिंसा पर शुरू हुई सियासत 

दक्षिण 24 परगना की घटना ने राजनीतिक विवाद को जन्म दे दिया है. विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने पश्चिम बंगाल पुलिस मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन कर केंद्रीय बलों की तैनाती की मांग की. उन्होंने आरोप लगाया कि रवींद्रनगर में हिंदू समुदाय के साथ लूटपाट और हिंसा हुई और पुलिस मूकदर्शक बनी रही. अधिकारियों ने आरोप लगाया कि पुलिस ने हमलावरों के बजाय पीड़ितों पर कार्रवाई की और राज्य सरकार पर सांप्रदायिक तुष्टीकरण का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि वे इस मामले को कलकत्ता हाईकोर्ट में लेकर जाएंगे.

टीएमसी ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि यह एक स्थानीय विवाद था, जिसे बीजेपी जबरन सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश कर रही है. पार्टी प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा, "पुलिस ने तेजी से और सही ढंग से कार्रवाई की है. बीजेपी शांति भंग करना चाहती है." 

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