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'इतनी रात को भी वोट मांग रहे हैं?', संसद से सड़क तक, जोरदार हुई कॉन्स्टिट्यूशन क्लब के सचिव पद की जंग, रुडी और बालियान में से कौन मारेगा बाजी?

रुडी का राजनीतिक अनुभव बनाम बालियान की क्षेत्रीय पकड़ : कौन जीतेगा कॉन्स्टिट्यूशन क्लब सचिव का चुनाव? चर्चा का विषय बना CCI के सचिव प्रशासन का मुकाबला...भाजपा के दो नेता आमने सामने, जहां रुडी को मिल रहा सर्वदलीय समर्थन, फ्रेंडली मुकाबले में देखने को मिल रही तीखी टक्कर, क्लब के चुनाव पर देश की नज़र.

Image: Rajeev Pratap Rudy / Sanjeev Balyan / CCI (File Photo)

कॉन्स्टिट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया यानी CCI के सचिव (प्रशासन) पद के लिए होने वाला आगामी चुनाव राजनीतिक हलकों और मीडिया में चर्चा का विषय बना हुआ है. दिलचस्प बात यह है कि इस प्रतिष्ठित पद के लिए मुकाबला भारतीय जनता पार्टी के दो वरिष्ठ नेताओं के बीच ही है. CCI के इस चुनाव में एक ओर हैं बीजेपी के सांसद राजीव प्रताप रूडी जो सात बार के सांसद, पूर्व केंद्रीय मंत्री और क्लब की कार्यकारी व्यवस्था में दो दशकों से सक्रिय नेतृत्वकर्ता, जिनकी प्रशासनिक दक्षता और समावेशी दृष्टिकोण को व्यापक रूप से सराहा गया है. दूसरी ओर हैं श्री संजीव बालियान, पश्चिम उत्तर प्रदेश से आने वाले पूर्व सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री, जो क्षेत्रीय सांसदों और विशेष रूप से पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मतदाताओं के समर्थन से मैदान में हैं.

'गृह मंत्री अमित शाह ने मुस्कुराते हुए रूडी से पूछा कि इतनी रात को भी वोट मांग रहे हैं?' 

हालांकि दोनों ही पक्ष सरकार से समर्थन मिलने का दावा कर रहे हैं, लेकिन भाजपा की ओर से किसी भी प्रत्याशी के पक्ष में कोई औपचारिक घोषणा नहीं की गई है. पार्टी ने इसे “फ्रेंडली मुकाबले” के रूप में सांसदों के विवेक पर छोड़ दिया है. हाल ही में संसद में हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर रात्रिकालीन चर्चा के दौरान एक दिलचस्प दृश्य देखने को मिला. बताया जाता है कि जब सदन में सांसद मौजूद थे, तो गृह मंत्री अमित शाह ने मुस्कुराते हुए रूडी से पूछा कि इतनी रात को भी वोट मांग रहे हैं? और फिर स्वाभाविक जिज्ञासा से यह भी पूछा कि “कैसा चल रहा है?” राजनीतिक हलकों में इस प्रसंग को अघोषित समर्थन के संकेत के रूप में देखा जा रहा है, हालांकि इसकी कोई औपचारिक पुष्टि नहीं की गई है.

“देखिए, बालियान जी चुनाव को लेकर काफी मेहनत कर रहे है.”

ऐसा ही एक और रोचक प्रसंग कुछ दिन पूर्व संसद भवन में देखने को मिला था, जब पूर्व सांसद संजीव बालियान की उपस्थिति के दौरान राजीव प्रताप रूडी ने गृह मंत्री अमित शाह से मुस्कुराते हुए कहा कि “देखिए, बालियान जी चुनाव को लेकर काफी मेहनत कर रहे हैं.” इस पर बालियान स्वयं गृहमंत्री के पास पहुंचे और अमित शाह ने उनसे हालचाल जाना. इस पूरे घटनाक्रम को लेकर सांसदों के बीच हल्की फुल्की चर्चा का विषय बना रहा.

भले ही बीजेपी नेतृत्व ने किसी भी पक्ष के समर्थन का सीधा ऐलान नहीं किया है और न ही किसी प्रकार का हस्तक्षेप किया है लेकिन इस दौरान यह भी देखने को मिल रहा है कि रूडी को देशभर से पूर्व सांसदों, विभिन्न दलों के सदस्यों और पुराने सहयोगियों का व्यापक समर्थन मिल रहा है. उनकी संसदीय पकड़, संगठनात्मक अनुभव और सभी दलों में सौहार्दपूर्ण संबंध उन्हें एक मजबूत दावेदार के रूप में स्थापित कर रहे हैं. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, क्लब के ऐसे कई सदस्य, विशेषकर पूर्व सांसद, जिनकी आयु 80 वर्ष से अधिक है, भी इस बार मतदान में भाग लेने के लिए दिल्ली पहुंच रहे हैं. यह नज़ारा इस चुनाव को एक सामान्य प्रक्रिया से आगे बढ़ाकर लोकतांत्रिक सहभागिता का एक ऐतिहासिक अवसर बना रहा है.

तीन पदों पर पहले ही निर्विरोध चुन लिए गए उम्मीदवार

सचिव (संस्कृति) के पद पर डीएमके के तिरुचि शिवा, सचिव (खेल) के लिए कांग्रेस के राजीव शुक्ला और कोषाध्यक्ष पद पर BRS के ए.पी. जितेन्द्र रेड्डी निर्विरोध निर्वाचित हुए हैं. नाम वापसी के बाद ये तीनों वरिष्ठ नेता निर्विरोध रूप से चुने गए, जो क्लब के भीतर आपसी विश्वास और सौहार्द का संकेत है.

क्या है कॉन्स्टिट्यूशन क्लब?
कॉन्स्टिट्यूशन क्लब की स्थापना 1947 में संविधान सभा के संवाद मंच के रूप में हुई थी. इसे 1965 में राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन द्वारा औपचारिक रूप से संसद सदस्यों के क्लब के रूप में उद्घाटित किया गया. 2002 में इसे सोसाइटी रजिस्ट्रेशन एक्ट, 1860 के तहत पंजीकृत किया गया और 2008 में चुनावी उपनियम स्वीकृत हुए.

इसके पश्चात तत्कालीन लोकसभा अध्यक्ष स्व. सोमनाथ चटर्जी के निर्णयानुसार क्लब में चुनाव आधारित गवर्निंग व्यवस्था की शुरुआत हुई. 2 अगस्त 2008 को चुनावी उपनियम स्वीकृत हुए और 18 फरवरी 2009 को पहली बार चुनाव आयोजित किए गए. क्लब की चुनावी परंपरा कोई नया या असाधारण घटनाक्रम नहीं है. इससे पूर्व 2009, 2014 और 2019 में भी गवर्निंग बॉडी के चुनाव सफलतापूर्वक आयोजित हुए हैं. इसके पहले भी भाजपा के ही विजय गोयल और पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद क्लब का चुनाव लड़ चुके हैं. इसकी औपचारिक संरचना 1965 में राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन द्वारा उद्घाटन के साथ स्थापित हुई. वर्ष 1998-99 में लोकसभा अध्यक्ष स्व. जीएमसी बालयोगी ने एक विज़न कमेटी गठित की, जिसमें श्री राजीव प्रताप रूडी, श्री हन्नान मौला जैसे सदस्य शामिल थे. 

लोकसभा स्पीकर होते हैं पदेन अध्यक्ष!

क्लब के पदेन अध्यक्ष लोकसभा अध्यक्ष होते हैं और वर्तमान में ओम बिरला इस पद पर आसीन हैं. क्लब की गवर्निंग बॉडी में तीन सचिव (प्रशासन, खेल, संस्कृति), एक कोषाध्यक्ष और 11 कार्यकारी सदस्य होते हैं. केवल सदस्य सांसद और पूर्व सांसद ही मतदान कर सकते हैं.

राजीव प्रताप रूडी ने कैसे किया CCI कॉन्स्टिट्यूशन क्लब का कायाकल्प?
पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव प्रताप रूडी की वर्तमाण में कॉन्स्टिट्यूशन क्लब के सचिव हैं, वो फिर से इस पद के लिए चुनावी मुकाबले में हैं, जहां उनका अपनी ही पार्टी के पूर्व सांसद संजीव बालियान से मुकाबला होना है. रूडी की अगुवाई में क्लब ने एक जर्जर ढांचे से निकलकर आधुनिक बहुउपयोगी संसदीय क्लब का स्वरूप प्राप्त किया है. क्लब में आज रेस्टोरेंट, जिम, स्विमिंग पूल, स्पा, बैडमिंटन कोर्ट और क्रिकेट नेट जैसी सुविधाएं उपलब्ध हैं. यह मंच अब न केवल राजनीतिक बैठकों, बल्कि सामाजिक और पारिवारिक आयोजनों का भी केंद्र बन चुका है.

12 अगस्त को होगा चुनाव
12 अगस्त को होने वाले मतदान में यह तय हो जाएगा कि कॉन्स्टिट्यूशन क्लब के प्रशासनिक नेतृत्व की बागडोर किसे सौंपी जाएगी, लेकिन फिलहाल मुकाबला रोचक मोड़ पर पहुँच चुका है.

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