कर्नल सोफिया पर आपत्तिजनक बयान देने वाले BJP नेताओं को अमित शाह की कड़ी चेतावनी, कहा- गलती दोहराए जाने की कोई गुंजाइश नहीं...
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पचमढ़ी में बीजेपी नेताओं के लिए आयोजित एक प्रशिक्षण शिविर के उद्घाटन में अपने नेताओं को असंवेदनशील बयान देने बचने की सलाह दी है. उन्होंने कहा कि इस तरह की गलती दोहराए जाने की को गुंजाइश नहीं है.

ऑपरेशन सिंदूर और कर्नल सोफिया कुरैशी जैसे मामलों पर बीजेपी के कई नेता अजब-गजब बयान देते नजर आए है. अब इसी मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए वरिष्ठ बीजेपी नेता और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बीजेपी नेताओं को सख्त हिदायत दी है. शाह ने हाल ही में एक कार्यक्रम के दौरान पार्टी के नेताओं को असंवेदनशील बयान देने बचने की सलाह दी है. इस दौरान शाह ने यह भी कहा कि इस तरह की गलती दोहराए जाने की कोई गुंजाइश नहीं है. बता दें कि अमित शाह मध्य प्रदेश के पचमढ़ी में बीजेपी नेताओं के लिए आयोजित एक प्रशिक्षण शिविर के उद्घाटन के लिए पहुंचे थे.
पार्टी के प्रशिक्षण शिविर में सांसदों और विधायकों को संबोधित करते हुए अमित शाह ने इस बात पर जोर दिया कि भाषण देते समय संयम रखना सबसे अहम होता है. अमित शाह की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब मध्य प्रदेश के मंत्री विजय शाह, उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा और नरेंद्र प्रजापति जैसे नेता बीते कुछ दिनों में आपत्तिजनक बयान देकर विवादों में घिर गए. इस कारण विपक्ष को बीजेपी के घेरने का मौका भी मिला.
बीजेपी नेताओं का विवादित बयान
पिछले महीने मध्य प्रदेश के जनजातीय मामलों के मंत्री विजय शाह ने ‘ऑपरेशन सिंदूर' को लेकर कर्नल सोफिया कुरैशी के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी की थी. जिसके बाद उन्हें आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था साथ ही वो विवादों में घिर गए थे. मामला कोर्ट तक पहुँच गया और अब भी ये लंबित है.
उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा की इस बयान की आलोचना की गई कि आतंकवादियों और पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए भारतीय सशस्त्र बल और सभी सैनिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने 'नतमस्तक' हैं. इस बयान से भी बीजेपी को लोगों के विरोध का सामना करना पड़ा.
इसके एक दिन बाद ही रीवा के मंनगवां से पहली बार बीजेपी विधायक बने नरेंद्र प्रजापति ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध विराम 'संयुक्त राष्ट्र' के आदेश के बाद हुआ.
बता दें कि 14 से 16 जून तक हिल स्टेशन पचमढ़ी में आयोजित बीजेपी के तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का उद्देश्य पार्टी के निर्वाचित प्रतिनिधियों को पार्टी की विचारधारा और अनुशासन को लेकर शिक्षित करना है. बीजेपी के 165 विधायक, 29 लोकसभा और सात राज्यसभा सदस्य इस शिविर मे भाग ले रहे हैं. जानकारी के मुताबिक इस दौरान सख्ती का पालन किया जाएगा और नेताओं को ब्रेव के अलावा मोबाइल फोन चलाने की भी इजाजत नहीं होगी.