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8 IPS और 2 IAS करते थे परेशान, जातीय भेदभाव के चलते टारगेट… पूरन कुमार की सुसाइड नोट ने किए हैरान करने वाले खुलासे

वरिष्ठ IPS अधिकारी ADGP वाई पूरन कुमार के सुसाइड केस ने हरियाणा पुलिस और प्रशासनिक महकमे में खलबली मचा दी. 2001 बैच के IPS अधिकारी के पास से 8 पेज का सुसाइड नोट भी मिला.

IPS Y Puran Kumar(File Photo)

वरिष्ठ IPS अधिकारी ADGP वाई पूरन कुमार के सुसाइड केस ने हरियाणा पुलिस और प्रशासनिक महकमे में हड़कंप मचा दिया है. 2001 बैच के इस अधिकारी के पास से 8 पेज का सुसाइड नोट भी मिला है, जिसमें उन्होंने अपनी पूरी संपत्ति पत्नी के नाम कर दी. इसके अलावा, उन्होंने अपने करियर में झेले गए उत्पीड़न और भेदभाव का जिक्र किया, उन्होंने बताया कि उनके 8 IPS और 2 IAS सहकर्मियों ने लगातार उन्हें मानसिक और प्रशासनिक दबाव में रखा.

कई वरिष्ठ अधिकारियों पर गंभीर नोट में आरोप

सुसाइड नोट में कुमार ने कई वरिष्ठ अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए, जिसमें सबसे अधिक निशाना उन्होंने पूर्व डीजीपी हरियाणा को बनाया. नोट में उन्होंने जातिवाद, पोस्टिंग में भेदभाव, एसीआर में गड़बड़ी, सरकारी आवास न मिलने और प्रशासनिक शिकायतों में अनदेखी का जिक्र किया. पूरन कुमार जब सुसाइड हुए, तब वह लोअर ड्रेस और टी-शर्ट में थे, और उनकी जेब से सुसाइड नोट बरामद हुआ. पुलिस ने घटनास्थल की वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी की, जबकि फॉरेंसिक टीम ने कई अहम सबूत जुटाए. इसके अलावा, परिवार के सदस्यों और घर में मौजूद अन्य लोगों से भी पूछताछ की जा रही है.

कौन थे वाई पूरन कुमार? 

- वाई. पूरन कुमार हरियाणा कैडर के 2001 बैच के IPS अधिकारी थे
- वो अपने सख्त और निर्भीक स्वभाव के लिए जाने जाते थे. 
- उन्होंने अपने करियर में IGP (रोहतक रेंज), IGP (कानून-व्यवस्था), IG (दूरसंचार)
- हाल में IG, पुलिस ट्रेनिंग सेंटर (PTC) सुनारिया, रोहतक में भ तैनात रहे. 
- सरकार ने 2025 के मध्य में एक ट्रांसफर आदेश के तहत उन्हें रोहतक रेंज से हटाकर PTC सुनारिया भेजा था. 
- यही उनकी अंतिम तैनाती रही. इस तबादले को विभागीय हलकों में पनशमेंट पोस्टिंग माना जा रहा था.

आत्महत्या पर उठ रहे कई सवाल 

7 अक्टूबर की सुबह, चंडीगढ़ के सेक्टर-11 स्थित सरकारी आवास से गोली चलने की आवाज सुनाई दी. पुलिस टीम जब मौके पर पहुंची, तो Y. पूरन कुमार खून से लथपथ अवस्था में पाए गए. सूत्रों के मुताबिक, उन्होंने अपनी सर्विस रिवॉल्वर से खुद को गोली मारी. इस समय उनकी पत्नी अमनीत कौर, IAS अधिकारी और हरियाणा सरकार में Commissioner & Secretary, Department of Foreign Cooperation, मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के साथ जापान दौरे पर थीं. मौके पर तुरंत चंडीगढ़ के IGP और अन्य वरिष्ठ अधिकारी पहुंचे और जांच शुरू की.

विवादों और संघर्षों से भरा IPS कुमार का करियर 

पूरण कुमार अक्सर प्रशासनिक पत्राचार, कोर्ट याचिकाओं और शिकायतों में सक्रिय रहे. वे विभाग के भीतर भेदभाव, मनमानी और गैर-कानूनी आदेशों के खिलाफ आवाज उठाने वाले अफसर थे. जुलाई 2020 में उन्होंने तत्कालीन डीजीपी मनोज यादव पर आरोप लगाया कि उन्हें व्यक्तिगत रंजिश और जातीय भेदभाव के चलते टारगेट किया जा रहा है. साथ ही, गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव अरोड़ा पर पक्षपाती जांच रिपोर्ट तैयार करने का भी आरोप लगाया.

उन्होंने हरियाणा हाईकोर्ट में याचिकाएं दायर कीं, जिनमें पोस्टिंग, आवास आवंटन और पद सृजन जैसे प्रशासनिक निर्णयों की वैधता पर सवाल उठाया. बिना वित्त विभाग की अनुमति नए पुलिस पद सृजित करने के आदेश को भी उन्होंने हाईकोर्ट में चुनौती दी. 2024 में डीजीपी शत्रुजीत कपूर के खिलाफ उन्होंने शिकायत की, जिसमें अस्थायी ट्रांसफर को शासनादेश का उल्लंघन बताया.
पूरण कुमार का कहना था कि उन्हें और उनके SC बैचमेट्स को पदोन्नति और आवास में भेदभाव झेलना पड़ा. उन्होंने अधिकारियों द्वारा सरकारी वाहन आवंटन और पद सृजन में पक्षपात का भी आरोप लगाया.

PSO और रिश्वत जैसे आरोप

पुलिस जांच में सामने आया कि पूरन कुमार के PSO सुशील कुमार ने अपने सीनियर का नाम लिया. सुशील ने स्वीकार किया कि उन्होंने पूरन कुमार के कहने पर शराब कारोबारी से मंथली राशि वसूली. शराब कारोबारी प्रवीण बंसल ने रोहतक में FIR दर्ज करवाई. बंसल ने कहा कि जून–जुलाई में IG ऑफिस से उन्हें कॉल आया, वहां बुलाकर धमकाया गया और कहा गया कि सुशील से मिलकर मंथली राशि तय कर लो. कुछ दिन बाद सुशील उनके ऑफिस आया और 2.5 लाख रुपये की मांग की. जब बंसल ने इंकार किया, तो उन्हें मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया गया.
FIR के आधार पर सुशील को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया. जांच के दौरान एक ऑडियो क्लिप भी सामने आई, जिसमें सुशील कारोबारी से पैसों की बात करता नजर आया.


छुट्टी के दौरान पूरन कुमार ने किया सुसाइड

सूत्रों ने बताया कि 29 सितंबर को उन्हें रोहतक रेंज के IG पद से हटाकर PTC सुनारिया में IG के तौर पर भेजा गया. तब से वे छुट्टी पर थे. कई वरिष्ठ अधिकारी इस तबादले को सजा देने वाली पोस्टिंग मान रहे थे.

 

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