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बढ़ती उम्र के प्रभाव को करता कम, मानसिक तनाव कम करने में कारगर, बेहद फायदेमंद है त्रिफला का चूर्ण

त्रिफला शरीर के तीनों दोषों वात, पित्त और कफ को बैलेंस करता है, लेकिन अगर त्रिफला को दूध के साथ लिया जाए तो ये शरीर की कई बीमारियों को कम करता है और कई अन्य मानसिक परेशानियों को कम करने में भी मदद करता है.

भारत को जड़ी बूटियों का केंद्र माना जाता है. यहां उत्तर से लेकर दक्षिण तक जड़ी बूटियों का खजाना छिपा है. इन्हीं में से एक त्रिफला को खास जड़ी बूटी माना गया है. त्रिफला में हरड़, बहेड़ा और आंवला होता है, जिनसे मिलकर ये चूर्ण बनता है. 

मानसिक परेशानियों को करे दूर

त्रिफला शरीर के तीनों दोषों वात, पित्त और कफ को बैलेंस करता है, लेकिन अगर त्रिफला को दूध के साथ लिया जाए तो ये शरीर की कई बीमारियों को कम करता है और कई अन्य मानसिक परेशानियों को कम करने में भी मदद करता है. 

बढ़ती उम्र के प्रभाव को करता कम

त्रिफला अकेला ही नेत्र, बुद्धि और लंबी आयु प्रदान करता है, क्योंकि त्रिफला के अंदर एंटीबायोटिक, एंटी-इंफ्लेमेटरी, विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट समेत कई गुण होते हैं. इसके सेवन से पाचन शक्ति दुरुस्त रहती है. चेहरे पर बढ़ती उम्र के साथ आने वाले प्रभाव को कम करता है. 

बालों और चेहरे की बढ़ाता चमक 

त्रिफला रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मददगार होता है, बालों और चेहरे की चमक बढ़ती है और मानसिक तनाव को कम करने में कारगर होता है.

पाचन शक्ति बढ़ाने में मददगार 

अगर त्रिफला चूर्ण को रात को दूध के लिए लिया जाए तो ये अमृत की तरह काम करता है.  इससे पाचन शक्ति बढ़ती है. अगर कब्ज, गैस या बार-बार पेट दर्द होना जैसी दिक्कतें परेशान करती हैं तो त्रिफला को दूध के साथ लिया जा सकता है. ये आंतों की सफाई करता है और आंतों में मौजूद गंदे बैक्टीरिया का नाश करता है. 

गहरी नींद लाने में मददगार 

इसके अलावा, अगर नींद आने में परेशानी होती है तो त्रिफला चूर्ण और दूध का कॉम्बिनेशन बेहतरीन रहेगा. दूध में दिमाग को शांत करने वाला हार्मोन होता है और त्रिफला के साथ मिलकर दूध गहरी नींद लाने में मदद करता है.

स्किन संबंधी परेशानियों में कारगार 

स्किन संबंधी परेशानियों में भी त्रिफला अच्छा रहता है, क्योंकि उसमें एंटी-एजिंग गुण होते हैं, जो स्किन को चमकदार बनाते हैं. त्रिफला दूध के साथ मिलकर रक्त को साफ करने का काम करता है, जिससे चेहरे पर निखार आता है और दाग-धब्बे कम होते हैं. 

हड्डियों और मांसपेशियों के लिए फायदेमंद

वहीं हड्डियों और मांसपेशियों की मजबूती के लिए भी त्रिफला दूध के साथ बेहतर काम करता है. ये हड्डियों में कैल्शियम की कमी को पूरा करता है और कोशिकाओं को मजबूती देता है. 

किस समय करें त्रिफला का सेवन 

त्रिफला को लेने का सही समय रात को ही है. एक गिलास दूध के साथ 1 चम्मच त्रिफला का चूर्ण ले सकते हैं. रात में लेना इसलिए जरूरी है, क्योंकि रात के समय शरीर खुद को ठीक करने का काम कर रहा होता है और त्रिफला और दूध एक साथ मिलकर शरीर की गंदगी को बाहर निकालने का काम करते हैं.

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