महिलाओं के लिए हर मर्ज की दवा है 'साप्पन की लकड़ी', कई तकलीफों में है फायदेमंद
सेलिब्रिटी न्यूट्रिशनिस्ट मुनमुन गनेरीवाल ने इंस्टाग्राम पर 'साप्पन की लकड़ी' के फायदों को लेकर बड़ी दिलचस्प और ज्ञानवर्धक जानकारी शेयर की है. उन्होंने बताया कि यह लकड़ी कई औषधीय गुणों से भरपूर होती है. इससे बनी चाय या काढ़े का सेवन करने से महिलाओं और लड़कियों को पीरियड्स के दौरान काफी फायदा और समस्या से निदान मिलता है.
11 May 2025
(
Updated:
11 Dec 2025
06:21 AM
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आज की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में अक्सर लोगों को बाहर रहने की वजह से उल्टे-सीधे खानपान की वजह से कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है. इनमें खासतौर से पेट में दर्द, ऐंठन, सूजन या कई अन्य तरह की समस्याएं होती हैं. लेकिन इस तरह की परेशानी से अगर कोई महिला जूझ रही है तो उनके इलाज के लिए एक ऐसी लकड़ी है, जो एक खास सहेली की तरह हर एक तकलीफ में साथ देती है. यह इतनी ज़्यादा औषधीय गुणों से भरपूर है कि उनकी समस्याओं को चुटकी भर में दूर कर देती है. इस लकड़ी का नाम 'साप्पन की लकड़ी' है और इसे पटरंगा भी कहते हैं. तो चलिए इस लकड़ी के सभी फायदों के बारे में जानते हैं.
एक नहीं कई मर्ज की दवा है 'साप्पन की लकड़ी'
बता दें कि सेलिब्रिटी न्यूट्रिशनिस्ट मुनमुन गनेरीवाल ने इंस्टाग्राम पर इस लकड़ी के फायदों को लेकर बड़ी दिलचस्प और ज्ञानवर्धक जानकारी शेयर की है. उन्होंने बताया कि 'साप्पन की लकड़ी' कई औषधीय गुणों से भरपूर होती है. इस लकड़ी से बनी चाय या काढ़े का सेवन करने से महिलाओं और लड़कियों को पीरियड्स के दौरान काफी ज्यादा फायदा और समस्या से निदान मिलता है. वहीं अनियमितता और पीरियड्स पेन में भी काफी फायदेमंद होता है. इस लकड़ी को आयुर्वेदिक ग्रंथो में एक चमत्कारिक औषधि बताया गया है.
त्वचा के लिए बहुत फायदेमंद
यह लकड़ी शरीर की त्वचा के लिए भी काफी लाभकारी है. इसका इस्तेमाल करने से महिलाओं और लड़कियों को ज़रूरी समय में काफी साथ मिलता है. इसके कई और बड़े फायदे हैं. जैसे -प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाना, मासिक धर्म से जुड़ी समस्याओं में तेज़ दर्द, बेचैनी, अनियमित पीरियड्स के दौरान चेहरे पर ग्लो आना, कील-मुहांसे, डार्क सर्कल, दाग-धब्बे को भी दूर करता है. मुनमुन गनेरीवाल ने यह भी बताया कि "पीरियड्स के दौरान होने वाली हर एक समस्या दूर होती है. इसके अलावा 1 लीटर पानी उबालकर उसमें एक चुटकी पाथिमुघम या साप्पन की लकड़ी डालना है, फिर 5 मिनट तक उबालने के बाद छान लें. उसके बाद थर्मस फलास्क में स्टोर कर लें और गर्म पाथिमुघम पानी का सेवन करें. ऐसा करने से आपको तुरंत आराम मिलेगा."
आयुर्वेद के अनुसार काफी गुणकारी है
बता दें कि साप्पन की लकड़ी चंदन की लकड़ी के बराबर गुणकारी है. ऐसा हम नहीं बल्कि आयुर्वेदाचार्य बताते हैं. इसे उबालकर काढ़े या चाय के रूप में इस्तेमाल से कई बड़े फायदे हैं. आयुर्वेद के अनुसार, इस पानी को उबालने पर सत्व निकलता है. इसकी वजह से पेट की समस्या खत्म होती है. यह चेहरे और त्वचा दोनों से सम्बंधित समस्याओं में बड़े फायदेमंद है. कमाल की बात यह है कि इसके इस्तेमाल से कोई नुकसान नहीं होता है. लेकिन जब भी कोई इसका इस्तेमाल करे तो वह किसी विशेषज्ञ की सलाह जरूर ले.
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