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बुढ़ापे में कौन सी तपस्या करके PM Modi खुद को Fit रखते हैं ?

74 की उम्र में शारीरिक मज़बूती के साथ-साथ मानसिक शांति की प्राप्ति तभी हो सकती है, जब आप देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरह तपस्या करेंगे….लेकिन किस प्रकार की तपस्या ? …सनातन परंपरा में उपवास और व्रत रखने का जो क़ॉनस्पट है, क्या उसके जरीये अपने अंदर की थर्ड Eye और 7 चक्र को एक्टिव किया जा सकता है ? …क्या fasting ही पीएम मोदी की तपस्या है ? देखिये इस पर हमारी ये खास रिपोर्ट

22 Mar, 2025
( Updated: 22 Mar, 2025
05:49 PM )
बुढ़ापे में कौन सी तपस्या करके PM Modi खुद को Fit रखते हैं ?

74 की उम्र में शारीरिक मजबूती के साथ-साथ मानसिक शांति की प्राप्ति तभी हो सकती है, जब आप देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरह तपस्या करेंगे… लेकिन किस प्रकार की तपस्या? सनातन परंपरा में उपवास और व्रत रखने का जो कांसेप्ट है, क्या उसके जरिए अपने अंदर की थर्ड आई और 7 चक्र को एक्टिव किया जा सकता है? क्या फास्टिंग ही पीएम मोदी की तपस्या है? 

देश में हो या फिर विदेश में, शक्ति की भक्ति से सराबोर पीएम मोदी व्रत हमेशा रखते हैं। पीएम बनते ही जब मोदी जी को अमेरिका जाने का मौका मिला, वहां भी उन्होंने पूरे विधि-विधान के साथ नवरात्रि का पालन किया। ओबामा की मेज़बानी में छप्पन भोगों से सजी टेबल पर बैठकर पीएम मोदी ने सिर्फ नींबू पानी पीकर उपवास पर रहने का सबूत दिया। शक्ति के प्रति पीएम मोदी की यही भक्ति देखकर अमेरिकियों की आंखें फटी की फटी रह गईं। अन्न का एक दाना तक पीएम मोदी ने ग्रहण नहीं किया, लेकिन ना ही उनकी ऊर्जा में कोई कमी आई और ना ही उनके कामकाज में कोई रुकावट। शक्ति की भक्ति से मिलने वाली इसी ऊर्जा ने पीएम मोदी को विश्वस्तरीय नेता बना दिया है। लेकिन क्या आप जानते हैं, 9 दिनों का यही उपवास पीएम मोदी की सबसे बड़ी तपस्या है। जिसका खुलासा उन्होंने खुद एक पॉडकास्ट में किया है।

ये जगज़ाहिर है कि धार्मिक प्रवृत्ति के पीएम मोदी शक्ति के महापर्व शारदीय और चैत्र नवरात्रि में 9 दिनों तक उपवास रखते हैं, जो उनके लिए तपस्या से कम नहीं है। आध्यात्मिक रूप से उपवास रखकर किस प्रकार से खुद को फिट रखकर इंद्रियों पर काबू पाया जा सकता है, इसको लेकर हाल ही के एक पॉडकास्ट में पीएम मोदी ने फास्टिंग के कांसेप्ट को समझाया…


"मैं हमेशा की तरह ही काम करता हूं। कभी-कभी मैं उससे भी ज्यादा काम करता हूं और एक और दिलचस्प बात जो मैंने अनुभव की वह यह है कि जब मुझे अपने विचार व्यक्त करने की जरूरत होती है, तो मैं हैरान हो जाता हूं कि वे कहां से आते हैं और कैसे प्रवाहित होते हैं। यह वास्तव में एक अविश्वसनीय अनुभव है। मेरे लिए उपवास भक्ति है, मेरे लिए उपवास आत्म-अनुशासन है।" उन्होंने यह भी बताया कि कोई भी व्रत शुरू करने से पहले, वह शरीर को डिटॉक्स करने और अपने शरीर को तैयार करने के लिए बहुत सारा पानी पीते हैं।… पीएम मोदी

व्रत को लेकर चातुर्मास की परंपरा क्या कहती है, इसको लेकर भी पीएम मोदी ये बताते हैं… "मानसून के मौसम में हम जानते हैं कि पाचन धीमा हो जाता है और इसलिए इस मौसम में भारत में कई लोग 24 घंटों के भीतर केवल एक बार भोजन करने की प्रथा का पालन करते हैं। मेरे लिए, यह जून के मध्य से शुरू होता है और नवंबर के आसपास दिवाली के बाद तक चलता है। लगभग चार से साढ़े चार महीने तक मैं 24 घंटे में केवल एक बार खाने की इस परंपरा का पालन करता हूं। फिर भारत में नवरात्रि का त्योहार आता है, जो आमतौर पर सितंबर या अक्टूबर में पड़ता है। इस दौरान पूरा देश शक्ति, भक्ति और आध्यात्मिक अनुशासन का त्योहार दुर्गा पूजा मनाता है, जो नौ दिनों तक चलता है।"

सौ बात की एक बात ये कि अगर उपवास सही मायने में किया जाए, तो न सिर्फ खुद को फिट रखा जा सकता है, बल्कि आध्यात्मिक चेतना पर भी काम किया जा सकता है। शरीर के सात चक्रों को जागृत किया जा सकता है। हालांकि इसके लिए इच्छाशक्ति और निरंतर बने रहना जरूरी है।

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