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महाकुंभ में आए 13 सालों से मौन रहने वाले बाबा ने ली भू-समाधि !

प्रयागराज महाकुंभ को शुरू हुए लगभग एक महीना होने वाला है, लेकिन लोगों में महाकुंभ की उत्सुकता आज भी वैसी ही है जैसी महाकुंभ शुरू होने के पहले दिन थी। ये महाकुंभ लोगों के लिए बहुत मायने रखता है, इसलिए इस महाकुंभ में शामिल होने देश-विदेश से लोग आ रहे हैं। लेकिन मौनी अमावस्या के दिन महाकुंभ में आए श्रद्धालुओं की तादाद इतनी ज्यादा थी कि भीड़ को नियंत्रित कर पाना मुश्किल था, इसलिए उस दौरान महाकुंभ में बहुत बड़ा हादसा हो गया, जिसमें कई लोगों की मौत हो गई। इसी के शोक में महाकुंभ में आए एक बाबा ने भू-समाधि ले ली। जानिए पूरी खबर सिर्फ धर्म ज्ञान पर…

प्रयागराज में चल रहा महाकुंभ। भगदड़ हादसे के बाद इन दिनों फिर सुर्खियों में बन गया है, मौनी अमावस्या के दौरान जो हादसा हुआ था, उसमें हुई भगदड़ में कई लोगों की जान चली गई, इसका सभी लोगों को काफी दुख है लेकिन कोई अपना दुख रो कर दिखाता है तो कोई शांत रहकर, लेकिन महाकुंभ में आए मौनी बाबा ने जमीन के अंदर समाधि लेकर अपना दुख जाहिर किया है। बाबा ने कितने समय से समाधि ली है, ये बाबा कौन हैं और इसका संबंध मृतकों से क्या है,।


प्रयागराज महाकुंभ में मची भगदड़ के बाद लोगों ने काफी दुख जताया। इस भगदड़ में किसी की मां, किसी की पत्नी, किसी की बहन, किसी के पिता और न जाने कितने लोगों की मौत हो गई, न जाने कितने परिवार उजड़ गए। आधिकारिक तौर पर 30 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, लेकिन कुछ मीडिया संस्थानों से बात करते वक्त वहां पर जो चश्मदीद गवाह थे, उन्होंने 100 से अधिक लोगों की मौत की पुष्टि की है। आंखों में आंसू, खाली हाथ, मुंह पर मायूसी, उनके हालातों को बयां कर रही थी।वहां लोग अपने करीबियों की डेडबॉडी मांग रहे थे, ये मंजर सच में दिल दहलाने वाला था। लेकिन एक तरफ मौनी बाबा है जो महाकुंभ में भगदड़ में मृत आत्माओं की शांति और महाकुंभ बिना किसी दुर्घटना के सफल हो जाए इसके लिए भू-समाधि ले ली। महाकुंभ के सेक्टर-6 में स्थित एक शिविर में मौनी महाराज ने लगभग 3 घंटे के लिए जमीन के अंदर तपस्या की।  इसके बाद मौनी महाराज ने कहा कि। "परमहंस पीठाधीश्वर शिवयोगी (मौनी बाबा)
मैं महाकुंभ में हुई भगदड़ से अत्यंत दुखी हूं। महाकुंभ में विरोधियों की कुदृष्टि को समाप्त करने के लिए मैंने भू-समाधि साधना करने का निर्णय लिया। इस साधना को करने से पहले इसकी जानकारी गुप्त रखी गई थी, जिससे भक्तों और श्रद्धालुओं की भीड़ जमा न हो सके "

मौनी बाबा का असली नाम परमहंस पीठाधीश्वर शिवयोगी है। ये बाबा लगभग 13 सालों से मौन रहे, जिसकी वजह से लोग इन्हें मौनी बाबा भी कहने लगे। इस बार मौनी बाबा के दर्शन महाकुंभ में हुए।बाबा ने 57 बार 10 फीट गहरे गड्ढे में भू-समाधि ली है। आपको बता दें कि बाबा ने समाधि लेने से पहले पूरे विधान के साथ पूजा की। अपना मुकुट और पहनी रुद्राक्ष की मालाओं को भी उतार दिया था। इसके साथ ही 7 करोड़ 51 लाख रुद्राक्ष की मणियों से दिव्य 12 ज्योतिर्लिंग की स्थापना मौनी बाबा ने पहली बार महाकुंभ में की। हर ज्योतिर्लिंग 11 फीट ऊंचा, 9 फीट चौड़ा और 7 फीट मोटा है।आईये आपको दिखाते है मौनी बाबा पर संवाददाता विवेक पाण्डे की खास कवरेज।

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