हवाई मोर्चे पर मजबूत साझेदारी, गरुड़-25 में भारत-फ्रांस का संयुक्त शक्ति प्रदर्शन
फ्रांस में आयोजित इस युद्धाभ्यास में हवा से हवा में युद्ध, वायु रक्षा और संयुक्त हमला करने जैसे बड़े अभियान हुए. भारतीय वायुसेना का कहना है कि फ्रांस की एयर एंड स्पेस फोर्स के बीच यह संयुक्त युद्धाभ्यास अब सफलतापूर्वक संपन्न हो चुका है.
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फ्रांस और भारत की वायुसेनाओं ने बिल्कुल वास्तविक युद्ध जैसे हालात में एक द्विपक्षीय वायु अभ्यास को अंजाम दिया है. ‘गरुड़ 25' नामक वायुसेना युद्धाभ्यास में भारतीय वायुसेना के सुखोई (एसयू-30एमकेआई) लड़ाकू विमान शामिल हुए, तो वहीं फ्रांस के बहुउद्देशीय लड़ाकू विमानों ने भी जटिल कृत्रिम हवाई युद्ध परिदृश्यों में उड़ान भरी. दोनों देशों के जांबाजों ने लड़ाकू विमानों से हवाई हमलों का भरपूर अभ्यास किया.
भारत और फ्रांस की वायुसेना के बीच युद्धाभ्यास
फ्रांस में आयोजित इस युद्धाभ्यास में हवा से हवा में युद्ध, वायु रक्षा और संयुक्त हमला करने जैसे बड़े अभियान हुए. भारतीय वायुसेना का कहना है कि फ्रांस की एयर एंड स्पेस फोर्स के बीच यह संयुक्त युद्धाभ्यास अब सफलतापूर्वक संपन्न हो चुका है. युद्धाभ्यास के दौरान यहां फ्रांस में दोनों देशों के पायलटों और तकनीकी दलों ने उच्च स्तर की संचालन क्षमता प्रदर्शित की. दोनों वायुसेनाओं ने विभिन्न मिशनों को सफलतापूर्वक अंजाम दिया. इन मिशनों में एयर-टू-एयर कॉम्बैट, एयर डिफेंस, लंबी दूरी के स्ट्राइक मिशन, एयर-टू-ग्राउंड समन्वय और रणनीतिक एयर ऑपरेशंस शामिल रहे.
युद्ध जैसी परिस्थितियों में संयुक्त ऑपरेशन
अभ्यास के दौरान भारतीय वायुसेना और फ्रेंच एयर एंड स्पेस फोर्स की टीमों ने पूर्ण तालमेल के साथ कार्य करते हुए असाधारण पेशेवर दक्षता और सटीकता का परिचय दिया. जटिल परिस्थितियों में भी दोनों देशों के पायलटों ने बेहतरीन निर्णय क्षमता और मिशन एक्सीक्यूशन कौशल प्रदर्शित किया. इस अभ्यास ने इंटरऑपरेबिलिटी अर्थात संयुक्त रूप से ऑपरेशन संचालित करने की क्षमता को और मजबूत बनाया है.
उन्नत तकनीक पर रहा खास फोकस
भारतीय वायुसेना के अनुसार इस संयुक्त सैन्य अभ्यास का उद्देश्य दोनों देशों की वायु सेनाओं के बीच रणनीतिक समझ, आधुनिक युद्धक तकनीकों व संयुक्त ऑपरेशनल क्षमताओं को बढ़ाना था. अभ्यास के दौरान दोनों पक्षों ने उन्नत प्लेटफॉर्म, हथियार प्रणालियों और संचार नेटवर्क के उपयोग पर भी विशेष ध्यान केंद्रित किया, जिससे रियल-टाइम कोऑर्डिनेशन और मिशन-प्लानिंग बेहद प्रभावी रही.
सी-17 से एयरलिफ्ट, हवा में ईंधन भरने का अभ्यास
गौरतलब है कि फ्रांस के मोंट-डे-मार्सन में भारतीय वायुसेना यह अभ्यास कर रही थी. अभ्यास में सी-17 ग्लोबमास्टर द्वारा एयरलिफ्ट किया गया. अभ्यास में शामिल लड़ाकू विमानों के रेंज और स्थायित्व को बढ़ाने के लिए हवा से हवा में ईंधन भरने का अभ्यास भी किया गया है. यह अभ्यास फ्रांस स्थित एक एयर बेस पर हुआ. यह इस श्रृंखला का 8वां संस्करण था, जिसमें दोनों देशों की वायुसेनाओं ने आधुनिक युद्ध परिदृश्य आधारित कई जटिल हवाई अभियानों में भाग लिया.
मेंटेनेंस टीम का शानदार प्रदर्श
अभ्यास के दौरान भारतीय वायुसेना और फ्रेंच एयर एंड स्पेस फोर्स की टीमों ने संयुक्त रूप से कई उन्नत ऑपरेशनों का अभ्यास किया, जिनमें संयुक्त मिशन योजना शामिल थी. दोनों वायुसेनाओं के मिशन कमांडरों ने एक साथ बैठकर रणनीति, लक्ष्य निर्धारण और मिशन फ्लो तय किया. वास्तविक युद्ध जैसे परिदृश्य में दोनों देशों के लड़ाकू विमानों ने सटीक स्ट्राइक मिशन, एस्कॉर्ट ड्यूटी, एयर-डिफेंस और आक्रामक-रक्षा अभियानों का संयुक्त अभ्यास किया.
वरिष्ठ अधिकारियों ने की तारीफ
वायुसेना के मुताबिक दोनों सेनाओं के संचालन तरीकों की पारस्परिक समझ बढ़ी, जिससे भविष्य के संयुक्त अभियानों में बेहतर तालमेल सुनिश्चित होगा. इस अभ्यास के दौरान भारतीय मेंटेनेंस दल ने सभी लड़ाकू एवं समर्थन विमानों की बेहतरीन सर्विसिंग सुनिश्चित की. इससे सभी निर्धारित मिशनों का बिना किसी बाधा के सफलतापूर्वक संचालन संभव हुआ. अभ्यास के अंतिम चरण में भारत और फ्रांस के वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों ने भाग लिया. उन्होंने दोनों देशों के दलों के पेशेवराना कौशल, अनुशासन, और मिशन के प्रति समर्पण की सराहना की. इस अभ्यास ने दोनों देशों के बीच दशकों पुरानी रक्षा साझेदारी और पारस्परिक विश्वास को और मजबूत किया.
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