'अब भारत रफ्तार पर है’ – पीयूष गोयल ने गिनाईं 11 साल की उपलब्धियां
गोयल ने भारत की आर्थिक स्थिरता और वित्तीय साख में सुधार की ओर भी इशारा किया. उन्होंने बताया कि देश की उधारी लागत में भारी गिरावट आई है और यील्ड गैप में कमी देश की मजबूती और वैश्विक निवेशकों के विश्वास को दर्शाती है.

Piyush Goyal: केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने स्विट्जरलैंड में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान भारत की आर्थिक प्रगति को "परिवर्तनकारी दौर" बताया। उन्होंने कहा कि 11 साल पहले भारत दुनिया की पांच सबसे नाजुक (Fragile) अर्थव्यवस्थाओं में गिना जाता था, लेकिन आज वही भारत दुनिया की शीर्ष-5 (Top-5) सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में शामिल हो गया है. गोयल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की सराहना करते हुए कहा कि भारत ने हर मोर्चे पर — चाहे वह तकनीक हो, आर्थिक प्रबंधन हो या सामाजिक समावेशन — नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं.
‘विकास की ऊंचाइयों को छू रहा है भारत’
गोयल ने भारत की आर्थिक स्थिरता और वित्तीय साख में सुधार की ओर भी इशारा किया. उन्होंने बताया कि देश की उधारी लागत में भारी गिरावट आई है और यील्ड गैप में कमी देश की मजबूती और वैश्विक निवेशकों के विश्वास को दर्शाती है. उन्होंने कहा कि जहां पहले भारत की छवि एक अनिश्चित और संघर्षशील अर्थव्यवस्था की थी, वहीं अब उसे एक स्थिर, भरोसेमंद और तेज़ी से आगे बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था के रूप में देखा जा रहा है. इसका श्रेय सरकार की नीति स्थिरता, सुधारों की निरंतरता और जन भागीदारी को जाता है.
हर वर्ग को मिल रहा है बदलाव का लाभ
पीयूष गोयल ने कहा कि बीते 11 साल का समय गरीबों, किसानों, युवाओं और महिलाओं के सशक्तिकरण के लिहाज से ऐतिहासिक रहा है. उन्होंने कहा कि सरकार का विज़न — "सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास" — महज़ एक नारा नहीं, बल्कि नए भारत की पहचान बन चुका है. सरकारी योजनाओं और नीतियों का फायदा समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंच रहा है, जिससे समावेशी विकास की अवधारणा साकार हो रही है.
2028 तक तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर भारत
गोयल ने भारत की भविष्य की दिशा पर भी प्रकाश डाला. उन्होंने बताया कि अगर वर्तमान गति और नीति बनी रही, तो भारत 2028 तक जर्मनी को पछाड़कर दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा. कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत की GDP उस समय तक 5.5 ट्रिलियन डॉलर से अधिक हो सकती है. भारत पहले ही दुनिया की सबसे तेज़ी से बढ़ने वाली बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है, और लगातार 6% से ज्यादा की ग्रोथ दर बनाए रखना इसका प्रमाण है.