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मिडिल क्लास और लोअर मिडिल क्लास को मिलेगी महंगाई से बड़ी राहत...मोदी सरकार इन जरूरी सामानों से हटाएगी टैक्स, जानें किन चीजों के दाम घटेंगे

केंद्र की मोदी सरकार ने मिडिल और लो क्लास को इनकम टैक्स में राहत देने के बाद अब कई जरूरी सामानों के दामों को भी घटाकर एक और बड़ी राहत देने की तैयारी में है. इसके पीछे सरकार की मंशा ज्यादा से ज्यादा जरूरी चीजों की खपत और जीएसटी कलेक्शन में बढ़ोतरी हासिल करना है.

02 Jul, 2025
( Updated: 03 Jul, 2025
06:16 PM )
मिडिल क्लास और लोअर मिडिल क्लास को मिलेगी महंगाई से बड़ी राहत...मोदी सरकार इन जरूरी सामानों से हटाएगी टैक्स, जानें किन चीजों के दाम घटेंगे

केंद्र की मोदी सरकार मिडिल और लो इनकम क्लास के लिए एक और बड़ा तोहफा लेकर आने वाली है. पहले इनकम टैक्स में छूट देने के बाद सरकार ने अब कई रोजमर्रा चीजों से भी जीएसटी दर हटाने की तैयारी में है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार ने मंशा बनाई है कि 12% जीएसटी स्लैब को या तो पूरी तरीके से खत्म कर दिया जाए या फिर इसे घटाकर 5 प्रतिशत वाले स्लैब में रखा जाए. हालांकि, सरकार ने अगर इस फैसले को लागू किया, तो उस पर करीब 50 हजार करोड़ का बोझ बढ़ना तय है. 

सरकार जीएसटी स्लैब का रीस्ट्रक्चर करने के प्लान में  

एक टीवी चैनल की रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्र सरकार ने अपने बजट से मिडिल और लो इनकम क्लास को इनकम टैक्स में छूट देने के बाद अब रोजमर्रा में इस्तेमाल होने वाली कई चीजों के भी जीएसटी दर घटाने या उसे हटाने पर विचार कर रही है. सरकार जीएसटी स्लैब का रीस्ट्रक्चर करने का प्लान बना रही है .

इन चीजों के दाम घटाए जा सकते हैं

सरकार जिन चीजों के दाम घटाने के बारे में सोच रही है. उनमें अधिकतर वह चीजें हैं, जो मिडिल, लो क्लास और आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए ज्यादा इस्तेमाल होती है. इनमें टूथपेस्ट, टूथ पाउडर, कम क्षमता वाली वाशिंग मशीन, छाता, सिलाई मशीन, प्रेशर कुकर, रसोई बर्तन, 1000 रुपए से अधिक दाम वाले साइकिल, 1000 रुपए से ऊपर वाले रेडीमेड कपड़े, इलेक्ट्रिक इस्त्री, 500 से 1000 रुपए से ज्यादा महंगे जूते, स्टेशनरी आइटम, कृषि के सामान, घर के लिए इस्तेमाल होने वाली टाइल्स और कई अन्य चीजें हैं. इन सभी चीजों को भविष्य में सस्ता करने पर या इसके जीएसटी दर को पूरी तरीके से हटाने पर विचार-विमर्श चल रहा है. वहीं खबर यह भी है कि सरकार आसान जीएसटी सिस्टम पर भी विचार कर रही है. 

सरकार पर पड़ेगा 50,000 करोड़ का बोझ

खबरों के मुताबिक, अगर सरकार ने इस नियम को लागू किया, तो उसके खजाने पर 50,000 करोड़ का बोझ बढ़ सकता है. हालांकि, सरकार को इसे लागू करने में कोई ऐतराज नहीं है. वह इस बोझ को झेलने में सक्षम नजर आ रही है. दरअसल, सरकार इस मंसूबे के साथ चल रही है कि इन चीजों को सस्ता करने से इसकी खपत ज्यादा होगी. ऐसे में जितना ज्यादा खपत होगा, उससे जीएसटी कलेक्शन में भी बड़ा इजाफा होगा. 

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दिए थे बड़े संकेत 

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वहीं हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी इस बात के संकेत दिए थे कि इनकम टैक्स में राहत देने के बाद सरकार जीएसटी के संभावित दरों में भी बदलाव करने की सोच में नजर आ रही है. सरकार इसको लेकर एक स्ट्रक्चर की दिशा में काम कर रही है. इसके जरिए सरकार का मकसद है कि मिडिल और लो क्लास को उनकी जरूरत के अनुसार कई आवश्यक वस्तुओं पर राहत मिल सके. 

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