Advertisement

अब नहीं मिलेगा फ्यूल! दिल्ली में बंद होंगे 15 साल पुराने वाहनों के टैंक

राजधानी में 15 साल पुराने पेट्रोल और 10 साल पुराने डीजल वाहनों को अब पेट्रोल पंप से ईंधन नहीं दिया जाएगा। सरकार का मानना है कि ये पुराने वाहन न केवल भारी प्रदूषण फैलाते हैं, बल्कि सड़क सुरक्षा के लिए भी खतरा बन चुके हैं।

Author
15 Apr 2025
( Updated: 11 Dec 2025
03:25 AM )
अब नहीं मिलेगा फ्यूल! दिल्ली में बंद होंगे 15 साल पुराने वाहनों के टैंक
Google

Delhi Old Vechicles Ban: दिल्ली सरकार की सीएम रेखा गुप्ता ने वायु प्रदूषण की गंभीर समस्या को देखते हुए एक बड़ा और सख्त फैसला लिया है। इस फैसले के तहत राजधानी में 15 साल पुराने पेट्रोल और 10 साल पुराने डीजल वाहनों को अब पेट्रोल पंप से ईंधन नहीं दिया जाएगा। सरकार का मानना है कि ये पुराने वाहन न केवल भारी प्रदूषण फैलाते हैं, बल्कि सड़क सुरक्षा के लिए भी खतरा बन चुके हैं। अब पेट्रोल पंपों पर ऐसी टेक्नोलॉजी लगाई जाएगी, जिससे पुराने वाहनों की पहचान की जा सके और उन्हें फ्यूल देने से रोका जा सके। इसके साथ ही दिल्ली सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों और सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देने पर भी जोर दे रही है।

क्या है नया नियम 

 दिल्ली सरकार ने प्रदूषण नियंत्रण के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए 15 साल से पुराने पेट्रोल और डीजल वाहनों को पेट्रोल पंपों से ईंधन देने पर रोक लगा दी है। यह नियम 1 अप्रैल 2025 से लागू होना था ।लेकिन इसके लिए जरुरी इन्फ्रस्टरक्चरे और टेक्नोलॉजी को सभी पेट्रोल पंप पर इनस्टॉल नहीं किया जा सका। देश की राजधानी दिल्ली में ये नया नियम अप्रैल 2025 के अंत तक लागू हो सकता है। इस निर्णय का उद्देश्य राजधानी में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करना और पर्यावरण की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।

पहचान प्रणाली और निगरानी

सरकार ने पेट्रोल पंपों पर ऐसे उपकरण लगाने की योजना बनाई है, जो 15 साल से पुराने वाहनों की पहचान करेंगे। इन उपकरणों के माध्यम से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि निर्धारित आयु सीमा से पुराने वाहनों को ईंधन न दिया जाए। इसके अलावा, दिल्ली सरकार एक विशेष टीम गठित कर रही है, जो इन वाहनों की पहचान करेगी और उन्हें राजधानी से बाहर निकालने के उपाय करेगी।

अन्य पर्यावरणीय उपाय

दिल्ली सरकार ने प्रदूषण नियंत्रण के लिए कई अन्य उपाय भी घोषित किए हैं:

एंटी-स्मॉग गन की अनिवार्यता: सभी ऊंची इमारतों, होटलों और वाणिज्यिक परिसरों में एंटी-स्मॉग गन लगाना अनिवार्य किया जाएगा।

इलेक्ट्रिक बसों का प्रोत्साहन: सीएनजी बसों की जगह इलेक्ट्रिक बसों को सड़कों पर उतारा जाएगा।

क्लाउड सीडिंग तकनीक: गंभीर प्रदूषण की स्थिति में बारिश कराने के लिए क्लाउड सीडिंग तकनीक का उपयोग किया जाएगा।

 जनता की प्रतिक्रिया

दिल्लीवासियों ने सरकार के इस निर्णय का स्वागत किया है। कई नागरिकों का मानना है कि इस कदम से ट्रैफिक कम होगा, प्रदूषण में कमी आएगी और आपातकालीन सेवाओं जैसे एम्बुलेंस को समय पर पहुंचने में सहायता मिलेगी।यह निर्णय दिल्ली सरकार की प्रदूषण नियंत्रण नीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो राजधानी में स्वच्छ हवा और बेहतर जीवन गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।

Tags

Advertisement

टिप्पणियाँ 0

LIVE
Advertisement
Podcast video
देश के सबसे बड़े Doctor को Istanbul की लड़की ने फंसाया, फिर जो हुआ | Detective Sanjeev Deswal
Advertisement
Advertisement
शॉर्ट्स
वेब स्टोरीज़
होम वीडियो खोजें