माधुरी झील का असल नाम सांगेसर झील है। लेकिन अब बहुत कम लोग इस झील को इसके असली नाम से जानते होंगे। ये झील समुद्र तल से करीब 12,165 फ़ीट की ऊंचाई पर बनी है। जी हां, ये झील पहले यहां पर नहीं थी, सत्तर के दशक में कुछ ऐसा हुआ, जिससे झील इस जगह पर रातों-रात अस्तित्व में आ गयी।
Stories by: रोहित बिष्ट
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Being Ghumakkad19 Sep, 202405:51 PMChina Border के पास एक रात में बनी ये झील | क्या है इसका रहस्य?
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Being Ghumakkad28 Aug, 202405:03 PMIndia-China Border पर बने Chagzam Bridge का क्या है इतिहास?
मानव कारीगरी का अद्भुत नमूना है चकज़म पुल। जो 500 से भी ज्यादा साल से इंसानी क़दमों को इस छोर से उस छोर तक बिना कोई तकलीफ दिए ले जाता रहा है।
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Being Ghumakkad16 Jul, 202411:48 AMकाल भैरव मंदिर का तंत्र मंत्र से क्या है नाता?
उज्जैन शहर रहस्यमयी है। यहां के कण-कण में एक नहीं अनेक रहस्य छिपे हुए हैं। इन्हीं में से एक है काल भैरव मंदिर। भैरव की मूर्ति के मदिरा पान करने की वजह से ये मंदिर हमेशा चर्चाओं में बना रहता है। क्या है मूर्ति के मदिरा पान का सच? क्या वाकई ये मंदिर तांत्रिकों और तंत्र-मंत्र का गढ़ हुआ करता था?
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Being Ghumakkad15 Jul, 202401:19 PMहिमाचल प्रदेश के काली का टिब्बा में होगी आपकी हर मन्नत पूरी
शिमला, कुल्लू-मनाली जैसे famous destination से दूर चैल एक ऐसा tourist place है, जहां आपको शांति मिलेगी। साथ ही एक ऐसी शक्ति के दर्शन होंगे जो बार बार-बार आपको चैल आने को बेक़रार कर देगी। उस चमत्कारी जगह का नाम है काली का टिब्बा (Kali Ka Tibba)
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न्यूज29 Jun, 202411:36 AMYogi के ख़िलाफ़ मोदी की मंत्री ने खोला मोर्चा ! क्या दिल्ली से फिर रची जा रही साज़िश ?
योगी के ख़िलाफ़ मोदी की मंत्री ने खोला मोर्चा ! अनुप्रिया पटेल ने योगी सरकार पर लगाए आरोप
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खेल18 Jun, 202403:49 PMLockie Ferguson ने तो World Record बना डाला, ऐसा तो आज तक ना हुआ है और ना ही होगा
Lockie Ferguson ने तो World Record बना डाला, ऐसा तो आज तक ना हुआ है और ना ही होगा
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Being Ghumakkad01 Jun, 202411:50 AMक्या पिथौरागढ़ के कामाख्या मंदिर में होती है तंत्र मंत्र की साधना?
कामाख्या मंदिर एक शक्ति पीठ के रूप में दुनिया भर में पहचान रखता है। वो शक्ति पीठ जिस पर आम जनमानस के साथ-साथ औघड़, तांत्रिक लोग बहुत विश्वास करते हैं। कामाख्या देवी का असल मंदिर असम में है। लेकिन देवी का एक रूप उत्तराखंड के शहर पिथौरागढ़ की खूबसूरत वादियों में भी है। क्या इस मंदिर से भी असम के मंदिर जैसी ही मान्यताएं जुड़ी हैं।
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Being Ghumakkad28 May, 202412:56 PMककनमठ मंदिर में रात में जाना क्यों है मना? क्या है इस मंदिर का रहस्य?
मुरैना से करीब 35 किलोमीटर दूर बना है ककनमठ मंदिर। 1000 साल पुराने इस मंदिर को देखकर कोई भी हैरत में पड़ सकता है। स्थानीय मान्यताएं हैं कि इसे भूतों ने एक रात में बनाया। मंदिर की बनावट अजीबोगरीब है, ज्यादातर हिस्से में पत्थरों को एक दूसरे से फंसाकर 100 फीट से भी ऊंचा मंदिर बनाया गया है। सबसे बड़ी बात ये कि, मंदिर एक हिंदू राजा की अपनी रानी के प्रति प्रेम की निशानी है। लेकिन इतिहासकारों ने सिर्फ ताजमहल को प्रेम की अनोखी निशानी माना।
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Being Ghumakkad28 May, 202403:05 AMबीकानेर के करणी माता मंदिर में रहते हैं 25000 चूहे !
ये ऐसा मंदिर है जो हज़ारों रहस्य खुद में समेटे हुए है। करणी माता का नाम लेते ही सबसे पहले चूहों का अक्स आंखों के सामने उभर आता है। चूहों का मातारानी से क्या संबंध है। देवी के चमत्कारों की क्या कहानियां हैं। मंदिर में 25 हज़ार से ज्यादा चूहे कैसे आए? साइंस ने भी इस मंदिर के आगे सरेंडर क्यों कर दिया?
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Being Ghumakkad27 May, 202403:41 PMDelhi के पास स्थित औघड़नाथ मंदिर जिसका 1857 की क्रांति से है रिश्ता
इस मंदिर को काली पल्टन वाले शिव मंदिर के नाम से भी जानते हैं। काली पलटन नाम पड़ने की भी एक कहानी है। मंदिर का इतिहास कई सौ साल पुराना है। ब्रिटिश काल से यहां सेना से जुड़ा कैंट एरिया था। तब अंग्रेज़ अधिकारी यहां भारतीय सोल्जर्स को काली पलटन या ब्लैक आर्मी के नाम से बुलाते थे। इस मंदिर ने 1857 में आज़ादी की पहली क्रांति को बेहद क़रीब से देखा और महसूस किया है।
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Being Ghumakkad27 May, 202401:17 PMओंकारेश्वर महादेव मंदिर में रोज़ रात में आते हैं शिव !
Being Ghumakkad की ओंकारेश्वर यात्रा आरंभ हुई मध्यप्रदेश के शहर उज्जैन से। महाकाल की नगरी से ओंकारेश्वर की दूरी करीब 140 किलोमीटर है। इस सफर में हरे-भरे खेत खलिहान मिले, पहाड़ी रास्ते मिले, जंगल, नदियां भी मिले और वो लोग भी मिले जो आस्था के नाम पर नदियों को गंदा करने से बाज़ नहीं आते। ऐसे नज़ारों से रूबरू होते हुए Being Ghumakkad की यात्रा पहुंच गई ओंकारेश्वर। मंदिर से करीब 700 मीटर पहले पार्किंग की व्यवस्था है। यहां कुछ दुकाने हैं, जिनमें पत्थरों को तराशकर शिवलिंग बनाए गए हैं। यहीं पर हमने ठंड के मौसम में चाय की चुस्कियों का आनंद लिया। इस स्थान से करीब 100 मीटर आगे ओमकारेश्वर का प्रवेश द्वार है, जहां से पैदल यात्रा करनी पड़ती है।
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Being Ghumakkad26 May, 202412:23 PMBeing Ghumakkad को मिले ईश्वरा महादेव में अदृश्य शक्ति के सबूत | कैसी थी ये खतरनाक यात्रा?
दूर-दूर तक फैली पहाड़गढ़ की पहाड़ियां साफ-साफ नज़र आ रही थीं। लेकिन यहां तक पहुंचने से पहले हम अंजान थे कि ईश्वरा महादेव जाने में कितने कठिन रास्तों से होकर गुज़रना होगा। इसका पहला ट्रेलर कुछ ही दूरी पर मिल गया, जब एक नदी को पार कर दूसरी तरफ़ जाना था। हम खुशकिस्मत थे जो इन दिनों पानी की रफ्तार उतनी ज्यादा नहीं थी।
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Being Ghumakkad25 May, 202406:30 PM100 साल पुरानी रहस्यमयी सुरंग की खोज, Uttarakhand में अंग्रेजो के दिमाग का हैरतअंगेज नमूना देखिए
Uttarakhand के टनकपुर पहुंचकर स्थानीय और सामाजिक कार्यकर्ता पवन पांडे से पता चला कि यहां है एक बहुत पुरानी टनल, जो अब तक दुनिया की नज़र से दूर है। जिसका संबंध अंग्रेज़ों से जोड़ा जाता रहा है। पहली रात टनकपुर में बिताने के बाद दूसरे दिन सुबह-सुबह Being Ghumakkad की टीम शहर से करीब छह-सात किलोमीटर दूर उच्योलीगोठ गांव पहुंच गई। पूर्णागिरी रोड पर बना ये गांव बेहद खूबसूरत है।
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Being Ghumakkad21 May, 202405:17 PMDhari Devi के प्रकोप से Kedarnath में आया था विनाश | Uttarakhand
दिन में तीन बार रूप बदलने वाली। चारों धाम की रक्षक। सदियों से देवभूमि की धरा को थामे हुए, मां काली के रूप धारी देवी के धाम Being Ghumakkad की टीम जा रही है आज। वही धारी देवी जिनके बारे में ना जाने कितनी बार लिखा, सुना और पढ़ा गया है। लेकिन देवी के चमत्कारों के आगे सब कम पड़ जाता है।
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Being Ghumakkad08 May, 202405:00 PMUttarakhand में महादेव का रहस्यमयी अवतार ‘महासू’, चावल के दाने से पल में कर देते हैं चमत्कार
महासू देवता एक नहीं चार देवताओं का सामूहिक नाम है और स्थानीय भाषा में महासू शब्द 'महाशिव' का पर्याय है | चारों महासू भाइयों के नाम बासिक महासू, पबासिक महासू, बूठिया महासू और चालदा महासू है, जो कि भगवान शिव के ही रूप हैं |