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‘दुनिया को उपदेश, खुद तोड़ते हैं नियम…’ पीयूष गोयल के बाद पश्चिमी देशों की दोहरी नीति पर भड़के एस जयशंकर

पीयूष गोयल के बाद अब विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी पश्चिमी देशों से तीखे सवाल पूछे हैं और दिखावे की नीति पर बड़ा प्रहार किया है. उन्होंने East Asia Summit में आतंकवाद पर भारत की जीरो टॉलरेंस नीति को फिर से दोहराया.

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28 Oct 2025
( Updated: 10 Dec 2025
04:10 AM )
‘दुनिया को उपदेश, खुद तोड़ते हैं नियम…’ पीयूष गोयल के बाद पश्चिमी देशों की दोहरी नीति पर भड़के एस जयशंकर

विदेश मंत्री एस जयशंकर पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन (East Asia Summit) कुआलालंपुर में शामिल हुए. उन्होंने ईस्ट एशिया समिट के मंच से पश्चिमी देशों को आईना दिखा दिया. उन्होंने कहा कि दुनिया के कुछ ताकतवर देश उपदेश बहुत देते हैं. लेकिन खुद उन पर चलते नहीं. 

केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल के बाद अब विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी पश्चिमी देशों से तीखे सवाल पूछे हैं और दिखावे की नीति पर बड़ा प्रहार किया. उन्होंने कहा कि, उपदेश देने वाले देश खुद ही अपनी बातों पर कायम नहीं रहते. वो ताकतवर देश ग्लोबल एनर्जी ट्रेड को जानबूझकर सीमित करते हैं. बाजार में डिस्टॉर्शन पैदा करने की कोशिश हो रही है. एस जयशंकर ने यह भी कहा कि प्राकृतिक संसाधनों की होड़ बेहद आक्रामक है. सप्लाई चेन पर भरोसा खत्म हो रहा है और टेक्नोलॉजी की रेस ने दुनिया की असली तस्वीर सामने ला दी है. एस जयशंकर ने पावरफुल देशों की कलई खोलते हुए उनकी कथनी और करनी में साफ फर्क बताया. उन्होंने कहा, कुछ देश जो बोलते हैं वह करते नहीं और जो देश करते हैं वह बोलते नहीं. 

विरोधाभास पर भड़के विदेश मंत्री 

एस जयशंकर ने कहा कि बाजार खुला रखने की बात होती है लेकिन असलियत में एक्सेस सीमित कर दिया जाता है. एनर्जी फ्लो पर रोक लगाई जाती है. इस तरह से पूरी दुनिया को संकट के मुहाने पर लाकर खड़ा किया जाता है. जो देश ऐसा करते हैं वही ग्लोबल ट्रेड फ्री होने के उपदेश देते हैं. पश्चिमी देशों का यहीं विरोधाभास सबको दिखता है.
एस जयशंकर में पश्चिमी देशों की पोल खोलते हुए कहा, टेक्नोलॉजी, टैलेंट और मार्केट का असली खेल किसी से छुपा नहीं है. जबकि भारत का नजरिया साफ है कि दुनिया को नए हालात के हिसाब से मिलकर बदलना होगा.

युद्ध पर जताई चिंता

East Asia Summit में जयशंकर ने युद्ध में जलते हुए देशों और पश्चिमी देशों पर उनके रुख पर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा, चाहे गाजा हो या यूक्रेन, इन संघर्षों ने दुनिया भर की अर्थव्यवस्थाओं पर चोट की है. एस जयशंकर ने कहा कि भारत शांति की कोशिशों का समर्थन करता है. क्योंकि युद्ध से भूख बढ़ती है. बाजार छोटे हो जाते हैं जिसकी सबसे ज्यादा कीमत आम लोग चुकाते हैं.

आतंकवाद पर विदेश मंत्री का दो टूक संदेश 

मलेशिया की धरती से विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पाकिस्तान और आतंक के पनाहगारों को भी साफ संदेश दिया. उन्होंने आतंकवाद को सबसे बड़ा खतरा और जंग खाता जहर माना. एस जयशकंर ने दो टूक कहा, आतंकवाद पर भारत किसी तरह की दुविधा नहीं मानेगा. आत्मरक्षा के अधिकार पर कोई समझौता संभव नहीं. एस जयशंकर ने बताया कि, भारत सुरक्षा के क्षेत्र में लगातार काम कर रहा है. गुजरात के लोथल में EAS Maritime Heritage Festival कराने का प्रस्ताव भी रखा गया और 7th Maritime Security Conference भारत में होगी. ईस्ट एशिया समिट के साथ मिलकर भारत ऊर्जा दक्षता, शिक्षा और समुद्री सुरक्षा जैसे सेक्टर में तेजी आई है. उन्होंने कहा कि, इंडो-पैसिफिक ओशंस इनिशिएटिव को ज्यादा देशों का साथ मिला है. 

पीयूष गोयल ने पूछे थे तीखे सवाल 

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भारत के अडिग रुख से पश्चिमी देश चिढ़ जाते हैं. इससे पहले केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने यूरोपीय देशों से सवाल पूछकर उनकी बोलती बंद कर दी थी. वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने बर्लिन ग्लोबल डायलॉग समिट में ब्रिटेन के ट्रेड मंत्री क्रिस ब्रायंट के साथ मंच साझा किया. इस दौरान पीयूष गोयल ने कहा, पश्चिमी देश सिर्फ भारत पर उंगली क्यों उठा रहे हैं? जबकि यूरोप के देश खुद अमेरिका से रूस के तेल पर छूट मांग रहे हैं. पीयूष गोयल ने आईना दिखाते हुए कहा, जर्मनी छूट मांग रहा है, ब्रिटेन को पहले ही छूट मिल चुकी है, तो फिर भारत पर आपत्ति क्यों? 

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